पढ़िए एक 22साल के लड़के की अपनी 27 साल की मौसी के साथ पहली सच्ची प्रेम और सेक्स की कहानी। चार साल पहले की इस रोमांचक और इमोशनल स्टोरी में जानिए कैसे बदली उनकी फीलिंग्स।
हाय दोस्तों, ये मेरी पहली रियल स्टोरी है, जो मेरे दिल के सबसे करीब है। मैं मुंबई का रहने वाला एक 22 साल का लड़का हूँ। ये कहानी आज से चार साल पहले की है, जब मैं सिर्फ 18साल का था। उस वक्त मैं जवान हो रहा था, और मेरी पर्सनैलिटी और बॉडी पहले से ही काफ़ी अट्रैक्टिव थी। मैं ज़्यादा बोर नहीं करना चाहता, तो सीधे स्टोरी पर आता हूँ।
हमारे घर में मैं, मेरे मम्मी-पापा और मेरी मौसी रहते थे। हमारा घर 2BHK था, तो एक रूम में मम्मी-पापा और दूसरे रूम में मैं और मौसी सोते थे। मौसी मेरे बचपन से मेरे साथ सोती थीं, लेकिन तब मुझे सेक्स के बारे में कुछ नहीं पता था। जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, मेरे मन में मौसी के लिए फीलिंग्स बदलने लगीं। खासकर जब मैंने इंटरनेट पर कुछ स्टोरीज़ पढ़ीं, तो मेरे दिमाग में मौसी को लेकर अलग ही खयाल आने लगे।
मौसी के बारे में बताऊँ तो, वो उस वक्त 27 साल की थीं। उनकी फिगर थी 36-28-38, बिल्कुल गोरी, और कॉलेज में कई लड़कों ने उन्हें प्रपोज़ किया था। लेकिन मौसी किसी को भाव नहीं देती थीं। वो मुझसे बहुत फ्रैंक थीं, हर बात शेयर करती थीं, और मैं भी उनके साथ सब कुछ शेयर करता था।
वो रात जब सब शुरू हुआ
रात को हम दोनों एक ही रूम में, एक ही ब्लैंकेट में सोते थे। पहली बार मैंने जानबूझकर मौसी के पेट पर हाथ रखकर सोने की एक्टिंग की। उन्होंने कुछ नहीं कहा। फिर मैंने हिम्मत करके अपने पैर उनके पैरों पर रख दिए। दोस्तों, रात को मौसी नाइटी में और मैं शॉर्ट्स और टी-शर्ट में सोता था। जब भी मौसी नाइटी में आतीं, उनके बूब्स और उभरी हुई गांड को देखकर मेरा 6 इंच का लंड सलामी देने लगता था।
कई रातें मैं ऐसे ही उनके ऊपर हाथ-पैर रखकर सोता रहा, लेकिन उन्होंने कभी कुछ नहीं कहा। इससे मेरी हिम्मत बढ़ी। एक रात, मैंने जानबूझकर अपना हाथ उनके पेट से सरकाते हुए उनके बूब्स पर रख दिया। थोड़ी देर बाद जब कोई रिएक्शन नहीं आया, तो मैंने धीरे-धीरे उनके बूब्स प्रेस करने शुरू कर दिए। मौसी ने फिर भी कुछ नहीं कहा। मैंने उनकी नाइटी थोड़ी ऊपर की और उनकी जांघों को सहलाने लगा। जैसे ही मैंने उनकी पैंटी में हाथ डालने की कोशिश की, वो दूसरी साइड मुड़ गईं। मैं डर गया और सोने की एक्टिंग करने लगा।
अगले दिन सुबह मौसी का बिहेवियर थोड़ा बदला हुआ था। मैं जल्दी से नहा-धोकर स्कूल चला गया। जब स्कूल से लौटा, तो घर पर सिर्फ़ मौसी थीं। मम्मी बाहर गई थीं और लाइट भी नहीं थी। मैंने खाना खाया और टेरेस पर जाने लगा। मौसी ने कहा कि वो भी आएँगी। हम दोनों टेरेस पर गए और बातें करने लगे। पहले तो इधर-उधर की बातें हुईं, फिर मौसी ने पूछा, “तुम कल रात क्या कर रहे थे?” मैंने कहा, “मैं तो गहरी नींद में सो रहा था। क्या हुआ, मौसी?”
थोड़ा ज़ोर देने पर उन्होंने सब बता दिया। मैंने हिम्मत करके पूछा, “मौसी, आपको मज़ा आया?” वो शरमाते हुए बोलीं, “हाँ, थोड़ा-सा।” मैंने कहा, “मौसी, चलो घर, मैं तुम्हें कुछ दिखाता हूँ।”
वो पल जब इच्छाएँ जागीं
घर पहुँचते ही मैंने मौसी को बताया कि मैं कल होश में था। पहले तो वो नाराज़ हुईं, लेकिन जब मैंने उन्हें लैपटॉप पर कुछ मौसी-भतीजे की स्टोरीज़ पढ़वाईं, तो वो मान गईं। मैंने झट से उन्हें किस करना शुरू कर दिया। 15 मिनट के लिपलॉक के बाद मैंने उनकी टी-शर्ट उतारी और ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स दबाने लगा। फिर मैंने उनकी ब्रा भी उतार दी। उनके बूब्स देखकर मैं पागल हो गया। मैंने उन्हें ज़ोर-ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया। वो अब सिर्फ़ जीन्स में थीं और पूरी तरह गरम हो चुकी थीं।
जैसे ही मैं उनकी जीन्स उतारने लगा, डोरबेल बजी। हम दोनों डर गए। मैंने मौसी को जल्दी से बाथरूम में भेजा और दरवाज़ा खोला। मम्मी थीं। मैं अपने रूम में जाकर पढ़ने की एक्टिंग करने लगा। रात को खाना खाने के बाद, जैसे ही मौसी रूम में आईं, उन्होंने दरवाज़ा लॉक कर दिया।
वो रात जब हदें टूटीं
मैंने मौसी के सारे कपड़े उतार दिए और उन्हें बेड पर लिटा दिया। मैं भी पूरी तरह नंगा हो गया। मैंने उनके पूरे बदन को चूमना शुरू किया। उनकी चूत इतनी चिकनी थी, एक भी बाल नहीं। मैं समझ गया कि मौसी ने पहले कभी सेक्स नहीं किया था। मैंने उनकी चूत में फिंगरिंग शुरू की। वो पागल सी हो रही थीं। थोड़ी देर में वो झड़ गईं। मैंने उनका सारा पानी पी लिया।
फिर हम 69 की पोज़िशन में आ गए। मौसी मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थीं, और मैं उनकी चूत चाट रहा था। थोड़ी देर में हम दोनों एक-दूसरे के मुँह में झड़ गए। मैंने उनका सारा पानी पी लिया, और उन्होंने मेरा।
थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैंने उनकी चूत पर लंड रखा, लेकिन मौसी ने मुझे रोका और कहा, “अभी नहीं, जब मम्मी-पापा बाहर जाएँगे।” फिर उन्होंने मेरा लंड हाथ में लेकर हिलाया। मैं जल्दी ही झड़ गया। मौसी ने मेरा सारा पानी पी लिया और मेरे लंड को अपने होंठों से साफ़ किया। हम दोनों कपड़े पहनकर एक-दूसरे से चिपककर सो गए।
वो चार दिन जो स्वर्ग थे
कुछ दिन बाद मम्मी-पापा रिश्तेदार की शादी के लिए चार दिन पहले ही चले गए। मेरे एग्ज़ाम की वजह से मुझे और मौसी को घर पर रहना पड़ा। जैसे ही मम्मी-पापा गए, मैं सुबह एग्ज़ाम देकर जल्दी घर लौटा। घर पहुँचते ही मैंने मौसी को बाहों में जकड़ लिया और किस करना शुरू कर दिया। वो भी पूरे जोश में मेरा साथ दे रही थीं।
20 मिनट के किस के बाद मैंने उन्हें बेडरूम में ले जाकर उनकी टी-शर्ट के ऊपर से ही बूब्स चूसने शुरू कर दिए। फिर मैंने उन्हें पूरी तरह नंगा कर दिया और ख़ुद भी नंगा हो गया। मैं उनके पूरे बदन को पागलों की तरह चूसने लगा। उनकी चूत चाटते हुए मैंने उन्हें फिर 69 की पोज़िशन में ला दिया। हम दोनों एक-दूसरे के मुँह में झड़ गए।
अब मौसी से रहा नहीं जा रहा था। वो बोलीं, “संजू, अब और देर मत करो। जल्दी से मुझे चोद दो।” मैंने उनकी चूत के पास जाकर उनके दोनों पैर अपने कंधों पर रखे और एक ज़ोरदार धक्का मारा। वो चिल्ला उठीं, “संजू, निकालो, नहीं तो मैं मर जाऊँगी।” लेकिन मैंने उन्हें किस करना शुरू किया और जैसे ही उनका दर्द कम हुआ, मैंने एक और धक्का मारा। मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया। उनकी आँखों से आँसू निकलने लगे।
जब उनका दर्द थोड़ा कम हुआ, मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। अब उन्हें भी मज़ा आने लगा। वो अपनी गांड उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगीं। वो अजीब सी आवाज़ें निकाल रही थीं। मैंने और तेज़ धक्के मारने शुरू किए। लगभग 30 मिनट बाद मैं झड़ने वाला था। मैंने कहा, “मौसी, मैं झड़ने वाला हूँ।” वो बोलीं, “अंदर ही डाल दो।” मैं उनके अंदर ही झड़ गया और उनके ऊपर लेटकर उन्हें किस करने लगा।
बाद में मौसी ने बताया कि वो चुदाई के दौरान तीन बार झड़ चुकी थीं। हमने साथ में शावर लिया, खाना खाया, और फिर एक बार और सेक्स किया। उन चार दिनों में हमने कई बार सेक्स किया। इसके बाद हम लगभग हर रात सेक्स करने लगे।
आज भी वो यादें
दो साल पहले मौसी की शादी हो गई, और वो अपने पति के साथ यूके शिफ्ट हो गईं। लेकिन मैं आज भी अपनी प्यारी मौसी को बहुत मिस करता हूँ।
दोस्तों, कैसी लगी मेरी पहली रियल स्टोरी? अगर आपको पसंद आई, तो मुझे ज़रूर बताएँ।