मसूरी की ठंडी, कोहरे भरी रातें, जहाँ हवाएँ जिस्म को सहलाती थीं और दिलों में वासना की चिंगारी सुलगती थी, वहाँ एक आलीशान हवेली थी। ये हवेली थी अर्जुन सिंह की, एक 35 साल के जमींदार की, जिनका रुतबा और लुक्स मोहल्ले की हर औरत को बेचैन कर देता था। अर्जुन का चौड़ा सीना, गहरी काली आँखें, और वो रसीली आवाज किसी की भी चूत में आग लगा सकती थी। उसकी हवेली में हर साल गर्मियों में उनकी दो भतीजियाँ, रिया और माया, छुट्टियाँ बिताने आती थीं। दोनों 22 और 23 साल की थीं, और उनका हुस्न ऐसा कि कोई भी मर्द उनके सामने घुटनों पर आ जाए।
रिया थी गोरी, लंबी, और उसकी टाइट जीन्स में उभरी जाँघें और भरे हुए बूब्स किसी को भी पागल कर सकते थे। माया थी थोड़ी साँवली, मगर उसकी कजरारी आँखें और गोल नितंब हर नजर को अपनी ओर खींच लेते थे। दोनों बहनें कॉलेज की छुट्टियों में मसूरी आती थीं, और इस बार उनकी नजरें अपने चाचू अर्जुन पर थीं। अर्जुन भी उनकी जवानी के जादू से अछूता नहीं था, मगर वह अपने दिल की आग को दबाए रखता था। लेकिन इस बार, उस रात, सब कुछ बदलने वाला था।
बारिश और वासना की शुरुआत
वो एक बारिश भरी रात थी। मसूरी की हवेली की खिड़कियाँ ठंडी बूँदों से भीग रही थीं, और हवेली का लिविंग रूम मद्धम रोशनी से नहाया हुआ था। अर्जुन अपनी व्हिस्की का गिलास लिए सोफे पर बैठा था, और उसकी नजरें रिया और माया पर थीं, जो सामने डांस कर रही थीं। रिया की टाइट टॉप उसके बूब्स को मुश्किल से ढक पा रही थी, और माया की शॉर्ट स्कर्ट बार-बार ऊपर उठ रही थी, जिससे उसकी चिकनी जाँघें झलक रही थीं।
“चाचू, आप बस यूं ही देखते रहेंगे, या हमारे साथ डांस करेंगे?” रिया ने शरारत भरे लहजे में कहा, अपनी कमर को लचकाते हुए। माया ने हँसते हुए अपने बालों को खोला, और उसकी आँखों में एक कामुक चमक थी। “हाँ, चाचू, आज रात कुछ मजा करते हैं,” उसने कहा, और अपनी जीभ अपने होंठों पर फिराई।
अर्जुन का लंड उसकी जीन्स में तन गया। उसने गिलास टेबल पर रखा और हँसते हुए कहा, “तुम दोनों मुझे तड़पाने की कोशिश कर रही हो, है ना?” रिया ने पास आकर अर्जुन के कंधे पर हाथ रखा और फुसफुसाया, “तड़प तो हम भी रही हैं, चाचू। तुम्हारी ये बॉडी हमें रात-रात भर बेचैन रखती है।”
माया ने रिया का साथ दिया और अर्जुन के दूसरी तरफ बैठ गई। उसने अपनी उंगलियाँ अर्जुन की शर्ट के बटनों पर फिराईं और कहा, “चाचू, तुम्हारी चूत में आग लगाने वाली नजरें हमें नंगी कर देती हैं। आज रात, वो आग बुझा दो।” अर्जुन की साँसें तेज हो गईं। उसने दोनों की आँखों में देखा और कहा, “तुम दोनों जानती हो, ये गलत है।”
“गलत वो है, जो मज़ा न दे,” रिया ने बेशर्मी से कहा, और उसने अर्जुन के होंठों पर अपने होंठ रख दिए। वो किस इतना गहरा और गर्म था कि अर्जुन का सारा कंट्रोल टूट गया। माया ने अर्जुन की शर्ट खोल दी और उसकी उंगलियाँ उसके चौड़े सीने पर थिरकने लगीं। “चाचू, आज रात हमें चोद दो,” उसने फुसफुसाया, और अर्जुन के लंड को उसकी जीन्स के ऊपर से सहलाया।
हवेली में कामुक खेल
अर्जुन ने दोनों को अपनी बाहों में खींच लिया और हवेली के मास्टर बेडरूम में ले गया। कमरे में एक बड़ा सा बेड था, जिसके मखमली चादरें उनकी वासना की गवाही देने को तैयार थीं। रिया ने अपनी टॉप उतार दी, और उसके भरे हुए बूब्स ब्रा से बाहर निकलने को बेताब थे। माया ने अपनी स्कर्ट उतारी, और उसकी ब्लैक लेस पैंटी उसकी गीली चूत को ढक रही थी।
“तुम दोनों इतनी सेक्सी हो,” अर्जुन ने कहा, और उसने रिया की ब्रा खोल दी। उसके बूब्स आजाद होकर उछल पड़े, और अर्जुन ने उन्हें अपने मुँह में लिया, धीरे-धीरे चूसते हुए। रिया की सिसकारियाँ कमरे में गूँज उठीं। “हाँ, चाचू… मेरे बूब्स को चूसो… और जोर से,” उसने चिल्लाया। माया ने अपनी पैंटी उतार दी और अर्जुन की जीन्स खोल दी। उसका सख्त लंड बाहर निकला, और माया की आँखें चमक उठीं। “चाचू, ये लंड तो मेरी चूत के लिए बना है,” उसने कहा, और अपने घुटनों पर बैठकर अर्जुन के लंड को अपने मुँह में लिया।
अर्जुन की सिसकारियाँ तेज हो गईं। माया की जीभ उसके लंड पर लपलपाती रही, और रिया ने अर्जुन के होंठों को फिर से चूमा। “चाचू, हमारी चूत को चोद दो,” रिया ने सिसकारी भरे लहजे में कहा। अर्जुन ने रिया को बेड पर लिटाया और उसकी टाँगें चौड़ी कीं। उसकी चूत गीली और गुलाबी थी, जैसे कोई नशीला फूल। अर्जुन ने अपनी जीभ रिया की चूत पर फिराई, और रिया की चीखें कमरे में गूँज उठीं। “और तेज, चाचू… मेरी चूत को चाटो,” उसने चिल्लाया।
माया ने अर्जुन के लंड को और जोर से चूसा, और उसकी उंगलियाँ अपनी चूत में डालकर खुद को सहलाने लगी। “मुझे भी चोदो, चाचू,” उसने सिसकारी भरे लहजे में कहा। अर्जुन ने माया को अपनी ओर खींचा और उसे बेड पर रिया के बगल में लिटाया। उसने माया की चूत पर अपनी जीभ फिराई, और माया की सिसकारियाँ रिया की चीखों के साथ मिल गईं।
पूरी रात की चुदाई
अर्जुन ने अपना सख्त लंड रिया की गीली चूत में डाला और धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। रिया की सिसकारियाँ और तेज हो गईं, और उसने अपनी टाँगें अर्जुन की कमर के चारों ओर लपेट लीं। “और जोर से, चाचू… मेरी चूत को फाड़ दो,” उसने चीखते हुए कहा। अर्जुन ने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ रिया के बूब्स उछल रहे थे। उसने रिया के निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें काटते हुए, और रिया की चीखें और तेज हो गईं।
माया ने अर्जुन को अपनी ओर खींचा और कहा, “अब मेरी बारी, चाचू। मेरी चूत को चोदो।” अर्जुन ने माया को डॉगी स्टाइल में पलट दिया और उसकी चूत में अपना लंड डाला। माया की गोल नितंब हर धक्के के साथ हिल रहे थे, और उसकी चीखें कमरे में गूँज रही थीं। “हाँ, चाचू… और गहरा… मेरी चूत को रगड़ दो,” उसने चिल्लाया।
रिया ने माया के बूब्स को सहलाना शुरू किया, और दोनों बहनों की सिसकारियाँ एक-दूसरे में घुल गईं। अर्जुन ने दोनों को बारी-बारी से चोदा, कभी रिया की चूत में, तो कभी माया की। उसने रिया को अपनी गोद में बिठाया और उसे उछालते हुए चोदा, जबकि माया ने अर्जुन के लंड को चूसकर और सख्त किया। “तुम दोनों की चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है,” अर्जुन ने सिसकारी भरे लहजे में कहा।
पूरी रात, हवेली के बेडरूम में चुदाई की आग सुलगती रही। अर्जुन ने रिया और माया को हर पोजीशन में चोदा—कभी बेड पर, कभी दीवार के सहारे, तो कभी फर्श पर। रिया के बूब्स पर अर्जुन के दाँतों के निशान थे, और माया की पीठ पर उसके नाखूनों की लकीरें। दोनों बहनों ने अर्जुन के लंड को चूस-चूसकर उसका रस निकाला, और अर्जुन ने उनकी चूत को चाट-चाटकर उन्हें बार-बार चरम सुख दिया।
सुबह की सिसकारियाँ
जब सुबह की पहली किरण खिड़की से झाँकी, तो तीनों बेड पर नंगे पड़े थे, एक-दूसरे की बाहों में। रिया ने अर्जुन के सीने पर सिर रखा और फुसफुसाया, “चाचू, ये चुदाई मेरे जिस्म में हमेशा रहेगी।” माया ने अर्जुन के लंड को हल्के से सहलाया और कहा, “अगली बार, और गहरी चुदाई चाहिए।”
अर्जुन ने दोनों को अपनी बाहों में कस लिया और कहा, “तुम दोनों मेरी चूत की रानियाँ हो। ये रात मेरे लंड में हमेशा जिंदा रहेगी।” रिया और माया ने एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराया, और रिया ने शरारत से कहा, “चाचू, अभी तो छुट्टियाँ बाकी हैं। अगली रात और मसालेदार होगी।”
अधूरी चाहत का वादा
जैसे ही सुबह की धूप हवेली में फैली, रिया और माया ने अपने कपड़े पहने और एक कामुक मुस्कान के साथ अर्जुन को अलविदा कहा। “चाचू, अगली रात हमारी चूत और बूब्स तुम्हारा इंतज़ार करेंगे,” माया ने कहा, और दोनों हँसते हुए अपने कमरे की ओर चली गईं। अर्जुन जानता था, ये सिर्फ़ एक रात नहीं थी—ये एक ऐसी चुदाई थी, जो उसकी वासना को हमेशा सुलगाए रखेगी।
कुछ दिन बाद, जब रिया और माया दिल्ली वापस जाने वाली थीं, उन्होंने अर्जुन को एक नोट छोड़ा: “चाचू, अगली गर्मियों में हमारी चूत को और चोदना। —रिया और माया।” अर्जुन ने वो नोट पढ़ा, और उसकी होंठों पर एक मुस्कान थी। वह जानता था, ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ था।