एक शाम अपनी सहेली के पति के नाम

Saheli ke Pati ke Saath Sex : मेरा नाम सीमा है, 28 साल की एक साधारण सी housewife, दिल्ली में अपने पति और एक छोटे से बेटे के साथ रहती हूँ। जिंदगी की रोजमर्रा की भागदौड़ में कभी-कभी ऐसे मोमेंट आ जाते हैं, जो सालों तक मन में बस जाते हैं। कल की वो शाम ऐसी ही थी। मैं अपनी पुरानी सहेली, रीता, के घर गई थी। रीता और मैं कॉलेज के दिनों से दोस्त हैं, और हमारी दोस्ती आज भी वैसी ही गहरी है। रीता का पति, अजय, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, 32 साल का, जवान और हमेशा हंसमुख। अजय का साँवला रंग, चौड़ा सीना और वो गहरी आवाज मुझे हमेशा से थोड़ा बेचैन कर देती थी। लेकिन मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी कि एक शाम, सब कुछ इतना बदल जाएगा।

रीता ने मुझे शाम को चाय पर बुलाया था। मैं अपने घर से निकली, एक साधारण सी सलवार सूट पहने, लेकिन जानबूझकर थोड़ा टाइट चुना था, जो मेरे कर्व्स को हल्का सा उभारता था। रीता का घर पास ही था, और मैं पहुँची तो रीता किचन में चाय बना रही थी। अजय लिविंग रूम में अखबार पढ़ रहा था। “अरे सीमा, आ गई! बेटा, अंदर आ,” अजय ने मुस्कुराते हुए कहा, उसकी आँखें मेरी ओर थम गईं। मैंने हल्के से स्माइल दी और सोफे पर बैठ गई। रीता ने चाय का ट्रे लाया और हम तीनों बैठे बातें करने लगे। कॉलेज की पुरानी यादें, बच्चों की शरारतें, और जिंदगी की छोटी-मोटी बातें। लेकिन धीरे-धीरे अजय की नजरें मेरे ऊपर ज्यादा ठहरने लगीं। जब रीता किचन में बिस्किट लेने गई, तो अजय ने धीरे से कहा, “सीमा, तू आज भी वैसी ही लग रही है जैसी कॉलेज में थी। और भी खूबसूरत हो गई है।”

मेरा दिल धक् से रह गया। मैंने शरमाते हुए कहा, “अजय, तू भी तो वैसा ही है। रीता को कितना खुश रखता है।” लेकिन अंदर ही अंदर मेरी चूत में एक हल्की सी सिहरन दौड़ गई। रीता लौटी, और हमारी बातें जारी रहीं। शाम ढलने लगी, और रीता ने कहा कि वो थोड़ी देर बाजार चली जाए, बेटे के लिए कुछ सामान लेना है। “सीमा, तू रुक जा, अजय के साथ बातें कर ले। मैं जल्दी आ जाऊँगी।” रीता चली गई, और घर में सिर्फ मैं और अजय रह गए। हवा में एक अजीब सा तनाव था, जैसे कुछ होने वाला हो।

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अजय ने टीवी ऑन किया, लेकिन उसकी नजरें मुझ पर थीं। “सीमा, तू रीता से इतनी अच्छी दोस्ती रखती है, कभी सोचा है कि उसके पति के साथ भी दोस्ती हो जाए?” उसने हल्के से हँसते हुए कहा। मैंने मुस्कुराई और बोली, “अजय, दोस्ती तो है, लेकिन कभी-कभी वो दोस्ती कुछ और रंग ले लेती है।” मेरी बात सुनकर अजय का चेहरा गंभीर हो गया। वो मेरे पास सरक आया, और उसके हाथ मेरी जांघ पर रख दिए। “सीमा, तू जानती है ना, मैं तुझे कॉलेज के दिनों से पसंद करता था। रीता से शादी के बाद भी तू मेरे मन में बसी रही।”

मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था। मैंने उसके हाथ को हल्का सा दबाया और कहा, “अजय, मैं भी तुझे चाहती थी। लेकिन अब ये गलत है।” लेकिन मेरी आँखें कह रही थीं कुछ और। अजय ने मेरी ठोड़ी पकड़ी और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। वो चुंबन इतना गहरा था कि मेरी सारी हिचकिचाहट पिघल गई। उसके होंठ मेरे होंठों को चूस रहे थे, और उसकी जीभ मेरे मुँह में घुस आई। मैंने उसके बालों में हाथ फेरा, और हम दोनों का चुंबन और तीव्र हो गया। अजय ने मेरी सलवार सूट का दुपट्टा सरका दिया, और मेरे बूब्स मेरे कुर्ते में उभर आए। उसके हाथ मेरी कमर पर सरक गए, और उसने मुझे अपनी गोद में खींच लिया।


“सीमा, तेरी चूचियाँ कितनी रसीली हैं,” अजय ने फुसफुसाते हुए कहा, और मेरे कुर्ते के ऊपर से मेरे बूब्स को दबाने लगा। मेरी सिसकारियाँ लिविंग रूम में गूँज उठीं। “अजय, हौले से… रीता कहीं आ गई तो,” मैंने सिसकते हुए कहा, लेकिन मेरी चूत गीली हो चुकी थी। अजय ने मेरे कुर्ते का बटन खोला, और मेरी काली ब्रा में मेरे बूब्स बाहर आने को बेताब थे। उसने ब्रा के हुक खोले, और मेरे रसीले बूब्स उसके सामने थे। अजय ने हौले-हौले मेरे बूब्स को अपने हाथों में लिया और दबाना शुरू किया। उसकी उंगलियाँ मेरे निप्पल्स पर रगड़ रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ और तेज हो गईं। “अजय, मेरे बूब्स को चूस… कितना मजा आ रहा है,” मैंने चीखा।

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अजय ने मेरे निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और काटते हुए। मेरी चूत में आग सी लग गई। मैंने उसके शर्ट के बटन खोले और उसके मस्कुलर सीने पर अपने नाखून फिराए। “अजय, तेरा सीना कितना सख्त है,” मैंने फुसफुसाया। उसने मेरी सलवार उतार दी, और मेरी काली पैंटी में मेरी टाइट चूत गीली होकर चमक रही थी। अजय ने पैंटी नीचे सरकाई, और मेरी चूत उसके सामने थी। उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर फिराई, और मेरी चीखें लिविंग रूम में गूँज उठीं। “अजय, मेरी चूत को चाट… और गहरा,” मैंने चिल्लाया। उसने अपनी जीभ मेरी चूत की गहराइयों में डाली, और मेरा रस उसके मुँह में बहने लगा।


मैंने अजय की पैंट खोल दी, और उसका मोटा लंड बाहर निकला। “अजय, तेरा लंड तो हथौड़ा जैसा है,” मैंने शरारत से कहा, और उसके लंड को अपने मुँह में लिया। मेरी जीभ उसके लंड पर लपलपाती रही, और अजय की सिसकारियाँ तेज हो गईं। “सीमा, तेरा मुँह मेरे लंड को पागल कर रहा है,” उसने सिसकते हुए कहा। मैंने उसके लंड को गहराई तक चूसा, और उसकी टिप को अपनी जीभ से चाटा। अजय ने मुझे उठाया और बेडरूम में ले गया। कमरा मंद रोशनी से भरा था, और बारिश की आवाज माहौल को और गर्म बना रही थी।

अजय ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी टाँगें फैलाकर अपना मोटा लंड मेरी चूत में डाला। मैं चीख पड़ी, “अजय, तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है!” उसने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया, और मेरी सिसकारियाँ तेज हो गईं। “और जोर से, अजय… मेरी चूत को फाड़ दे,” मैंने चीखते हुए कहा। उसने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ मेरे बूब्स उछल रहे थे। अजय ने मेरे निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और काटते हुए, और मेरी चीखें और तेज हो गईं।

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उसने मुझे पलट दिया और डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। उसका लंड मेरी चूत में इतनी गहराई तक जा रहा था कि मेरे जिस्म में बिजली सी दौड़ रही थी। “हाँ, अजय… और गहरा… मेरी चूत को रगड़ दे,” मैं चिल्ला रही थी। उसने मेरे नितंबों को थपथपाया, और मेरी चीखें और तेज हो गईं। मैंने अपनी कमर को उसकी रफ्तार के साथ मिलाया, और हम दोनों की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं।

पूरी शाम, हमने एक-दूसरे के जिस्म को चखा। अजय ने मुझे बेड के हर कोने में चोदा—कभी मेरी चूत को, कभी मेरे बूब्स को चूसते हुए, और कभी मेरे नितंबों को सहलाते हुए। मैंने उसके मोटे लंड को बार-बार अपने मुँह में लिया, और मेरी जीभ ने उसे पागल कर दिया। “अजय, तेरा लंड मेरी चूत का राजा है,” मैंने सिसकारी भरे लहजे में कहा। रीता की वापसी का डर था, लेकिन वो जुनून हमें रोक नहीं रहा था।

रीता जब लौटी, तो हमने खुद को संभाला। लेकिन रीता की अनजाने में वो शाम मेरी सहेली के पति के नाम हो गई। आज भी जब रीता से मिलती हूँ, तो अजय की वो भूखी नजरें याद आ जाती हैं, और मेरी चूत गीली हो जाती है। वो शाम, वो चुंबन, वो चुदाई—सब कुछ मेरी जिंदगी का राज है, लेकिन वो मजा कभी भूल नहीं सकती।

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