Abbu Ammi Sex Story, Ammi ki Chudai Real Sex Story Ammi ki, अम्मी की चुदाई, नई अम्मी सेक्स : आपको तो पता चल गया होगा ये कहानी किसके बारे में है। अगर नहीं पता चला तो मैं बता देता हूँ ये कहानी मेरे और मेरी नई नवेली अम्मी के बिच सेक्स के बारे में है। जब नई अम्मी आई और अब्बू का लल्लू खड़ा नहीं हुआ और मरा का मरा ही रहा मरे चूहे की तरह और कितना भी थूक लगा लिया पर खड़ा नहीं हुआ और अम्मी भी कामुक हो गयी वो मुझे बुलाये रात के बारह बजे और अम्मी को मुझे सौंप दिया। पूरी कहानी आपको antarvasna.live पर सूना रहा हूँ।
मेरा नाम सरफ़राज़ है मैं अभी 21 साल का हूँ। मैं सबसे बड़ी अम्मी का औलाद हूँ। मेरे अब्बू अभी तक चार निकाह कर चुके है और पिछले सप्ताह बिजनौर से एक और से निकाह कर के अपनी नई दुलहन को लाये है उसका नाम है फातिमा। फातिमा मेरे से भी छोटी है पर रिश्ते में मेरी अम्मी हुई।
घर में मेरी बहन भी मेरी नई अम्मी से बड़ी है। और अब्बू की उम्र 65 साल होने को है। अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ। बात सुहाग रात की है। उस दिन मेरी और तीनो अम्मी ने नई सौतन को अच्छे से तैयार किया चुदने के लिए यानी की सुहाग रात के लिए। बाकी की भाई बहन और तीनो अम्मी नए मकान में चली गयी और पुराने मकान में हमेशा अब्बू और एक अम्मी ही रहती है। मैं उसी मकान के बाहर जो कमरा है उसी में सोता हूँ।
दो उस घर में अब्बू नई अम्मी और बाहर के कमरे में मैं था। ऐसे तो मैं अपने सभी अम्मी को चुड़ते हुए देख चुका हूँ और दो अम्मी को चोद भी चुका हूँ। उस दिन मैं खाना खाकर अपने कमरे में सोने चला गया और वह मैं antarvasna.live को अपने मोबाइल में ओपन करके सेक्स कहानियां पढ़ने लगा था और लंड को बाहर निकालकर धीरे धीरे हिला रहा था थूक लगाकर।
ऐसा मैं रोजाना करता हूँ। और अगर मेरी अम्मी आ गयी तो जल्दी जल्दी चोद देता हूँ क्यों की अब्बू हमेशा उसी को चोदते है जो जवान होती है और मैं हमेशा उन्ही को चोदता हूँ जो छोटी वाली से बड़ी होती है। क्यों की अब्बू उनको चोदते नहीं है और उनको लंड चाहिए तो मैं खुश करता हूँ।
तो दोस्तों नई वाली अम्मी की पहली रात कमरे में बंद अब्बू और नई अम्मी। मुझे सुहागरात में उन दोनों को सेक्स करते और नई अम्मी का बदन चूचियां और चूत देखने थे इसलिए मैं चुपचाप उनके कमरे की खिड़की जिसमे एक छेद है वही पहुंच गया। अब्बू को थोड़ा कम दिखाई देता है इसलिए वो हमेशा ट्यूब लाइट जला कर ही सोते हैं और खाशकर तब जब उन्हें चुदाई करना होता है। उसपर भी आज एक कच्ची कली की सील तोड़ने थे।
अब अब्बू पलंग पर बैठे थे और अम्मी कोने में खड़ी थी। अब्बू बार बार बुला रहे थे पर अम्मी नहीं आ रही थी। कह रही थी “मुझे शर्म आती है ” काफी देर तक अब्बू अपने पास बुलाते रहे पर नहीं आई तो अब्बू बोले मेरे से शर्म कैसे अब मैं तेरा शौहर हूँ। तू मझे खुश कर इसलिए निकाह कर के लाया हूँ।
पर एक ना सुनी तब अब्बू उठकर गए और हाथ पकड़ कर लाये पलंग पर और चूमने की कोशिश करने लगे पर वो चूमने नहीं दे रही थी। अब्बू का हाथ उनके बूब्स पर था पर वो बार बार उनके हाथ को हटा देती थी। पर धीरे धीरे धीरे वो मान गयी और अब्बू अब उनको चूमने लगे और चूचियां दबाने लगे।
धीरे धीरे उन दोनों के कपडे उत्तर गए और मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने अपना लंड पेंट से निकाल लिया और हिलाने लगा। अब्बू अम्मी के छोटे छोटे निम्बू जैसे चूचियों को दबाने लगे और अपने दांतो से काटने लगे और चटकारा लेकर पीने लगे यानी की निप्पल को चूसने लगे। वो बार बार कहती दूर जाओ पर वो और भी करीब आते गए।
धीरे धीरे अब्बू निचे गए और दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और चूत चाटने लगे। मैं इधर बेहाल हो रहा था। मेरे बदन में आग लग रही थी लंड बड़ा हो गया था अब लग रहा था मूठ मार कर माल गिरा दूँ।
उसके बाद अब्बू चूचिओं को मसलते हुए अम्मी के चूत को चाटने लगे और अपने हाथ को चूतड़ के नीच घुसा कर गांड की छेड़ में ऊँगली डालने लगे। पहले वो वो मना कर रही थी पर धीरे धीरे वो भी मजे लेने लगी और सिसकारियां लेने लगी और आह आह आह की आवाज निकालने लगी।
फिर क्या था दोस्तों पांच मिनट में ही वो ऐसे हावी हो गयी अब्बू पर को मुझे चोद जल्दी चोद, मेरी चूचियों को दबा, अब्बू जल्दी जल्दी वो सब करने लगे जो वो कह रही थी। पर उनका लंड मरा चूहा की तरह था जो की चूत के अंदर जा नहीं रहा था। ओह्ह्ह्हह्ह एक तरफ वो कह रही थी जल्दी घुसा मेरी चूत में और एक तरफ जल्दी जल्दी थूक लगा लगा कर लंड को ज़िंदा करने की कोशिश कर रहा था।
पर अब्बू फ़ैल हो गए। अब वो अब्बू को गाली देने लगी कहने लगी बूढ़ा कहिका जब तेरा लंड ही खड़ा नहीं होता है तो मेरे से निकाह क्यों किया। अब्बू कह रहे थे बेगम नाराज ना हो आज मैं दबाई लेना भूल गया कल से दबाई लेकर तुम्हे खुश करूंगा। तो वो बोली फिर आज मेरा सील कौन तोड़ेगा तेरा बेटा? जैसे ही मैं ये बात सूना मैं भाग कर बाहर चला गया बरामदे से और अपने बेड पर सो गया। तभी तीन से चार मिनट बाद अब्बू आ गए।
मुझे उठाये और बोले सरफराज एक काम कर तू जा उस रंडी को शांत कर। नहीं तो वो मुझे छोड़कर चली जाएगी और हम लोगों का नाम खराब होगा मोहल्ले में। और इतना कहकर वो खलिहान के तरफ चले गए बोलते गए सुबह आऊंगा खेत पर ही सो जाऊंगा। मैं जब अंदर गया तो मेरी नई अम्मी नंगी ही थी और शायद मेरा राह देख रही थी।
जैसे ही मैं अंदर गया वो मेरे ऊपर टूट पड़ी। मैं भी अपना कपड़ा उतारा और लग गया ओह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों हम दोनों ही वाइल्ड हो गए और कभी वो मेरे लंड को चूसे तो कभी मैं उसकी चूत को गांड को निप्पल को जांघ को। ओह्ह्ह फिर अपना मोटा लंड निकाल कर उसकी सील तोड़ दी और उसकी वासना को शांत किया करीब आधे घंटे की चुदाई करने के बाद.
फिर पूरी रात साथ में ही रहे बातें करते और चुदाई करते। वो कह रही थी सरफराज अगर तुम इस घर में नहीं होते तो मैं तुम्हारे अब्बू को छोड़ देती अब मैं यही रहूंगी। तुम्हारी अम्मी बनकर पर रोजाना चुदुँगी तुमसे। और कहलाउंगी तुम्हे अब्बू की दुलहन और तुम्हारी अम्मी।