मेरा नाम रोहन है, और मैं 24 साल का एक जवान, गठीला लड़का हूँ। मेरा 8 इंच का मोटा, काला लंड किसी भी लड़की की चूत में आग लगा देता है। मेरी गर्लफ्रेंड, प्रीति, 22 साल की एक हॉट, चुदास भरी लड़की है। उसका गोरा, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर मेरे लंड को हर बार तड़पा देता था। उसके रसीले होंठ, गुलाबी निप्पल, और गीली चूत चुदाई का खुला न्योता देते थे। उसकी मादक आँखें और मटकती चाल मुझे पागल कर देती थी। प्रीति की चुदास भरी हरकतें मेरे लंड में आग लगा देती थीं, और मैं हमेशा उसकी चूत को चोदने के लिए बेताब रहता था। ये कहानी उस दिन की है, जब मैंने प्रीति को गन्ने के खेत में ले जाकर उसकी चूत और गांड को अपने मोटे लंड से चोदा, और उसकी चुदास को चरम सुख की आग में झोंक दिया।
प्रीति और मैं पिछले एक साल से रिलेशनशिप में थे। हम दोनों की चुदास इतनी थी कि हम हर मौके पर एक-दूसरे के बदन को चाटते और चुदाई करते। एक बार, जब हम कॉलेज के बाद मिले, प्रीति ने एक टाइट, लाल टॉप और मिनी स्कर्ट पहनी थी, जो उसकी चूचियों और गांड को पूरी तरह उजागर कर रही थी। उसकी स्कर्ट इतनी छोटी थी कि उसकी नंगी जाँघें चमक रही थीं, और उसके सख्त निप्पल टॉप के ऊपर से साफ दिख रहे थे। मैंने उसकी गांड को सहलाते हुए कहा, “प्रीति, तेरी चूत आज मेरे लंड की भूखी लग रही है।” उसने मादक मुस्कान दी और बोली, “रोहन, मेरी चूत तेरे मोटे लंड के लिए हर वक्त गीली रहती है। आज मुझे कहीं ले जा और चोद दे।” उसकी बात ने मेरे लंड को तना दिया, और मैंने फैसला किया कि मैं उसे गन्ने के खेत में ले जाकर चोदूँगा।
हमारे गाँव के पास एक बड़ा गन्ने का खेत था, जो सुनसान और चुदाई के लिए परफेक्ट था। उस शाम, मैंने प्रीति को अपनी बाइक पर बिठाया और गन्ने के खेत की ओर चल पड़ा। उसने एक टाइट, काला टॉप और डेनिम शॉर्ट्स पहनी थी, जो उसकी चूचियों और गांड को ललचा रहा था। रास्ते में, मैंने उसकी जाँघों को सहलाया, और उसकी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी। खेत में पहुँचते ही मैंने बाइक एक सुनसान कोने में रोकी। गन्ने के लंबे-लंबे पौधे हमें छिपा रहे थे, और चारों तरफ सन्नाटा था। मैंने प्रीति को अपनी बाहों में खींच लिया और उसके रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया। मेरी जीभ उसके मुँह में थी, और मेरा मोटा लंड उसकी जाँघों से टकरा रहा था।
“रोहन, मेरी चूत को यहाँ चोद… मुझे तेरे लंड की सैर करा,” प्रीति ने सिसकारी के साथ कहा। मैंने उसका टॉप फाड़ दिया, और उसकी बड़ी, नंगी चूचियाँ मेरे सामने उछल पड़ीं। उसके निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और उसकी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड मेरे सामने नंगी थी। उसका चूत का रस उसकी जाँघों पर टपक रहा था। मैंने प्रीति के एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चबा रहा हो। मेरी जीभ उसके निप्पल को चाट रही थी, और उसकी सिसकारियाँ गन्ने के खेत में गूँज रही थीं। मैंने उसके दूसरे चूचे को अपनी उंगलियों से मसला, और उसके गुलाबी निप्पल को खींचकर उसकी चीखें निकाल दीं।
प्रीति ने मेरी जींस उतार दी, और मेरा 8 इंच का मोटा, काला लंड उसके सामने तन गया। उसकी आँखें चुदास से चमक उठीं। “रोहन, तेरा लंड मेरी चूत को चोदने के लिए बना है,” उसने मादहोश होकर कहा, और मेरे लंड को अपने रसीले होंठों में लिया। वह मेरे लंड को गहराई तक चूस रही थी, और मेरी सिसकारियाँ निकल रही थीं। मैंने उसके बाल पकड़कर उसका मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया, और वह मेरे लंड को चाट रही थी। मैंने प्रीति को गन्ने के पौधों के बीच जमीन पर लिटाया और उसकी जाँघें चौड़ी कीं। मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू किया, और मेरी जीभ उसकी चूत के दाने को चूस रही थी। प्रीति अपनी गांड को हिलाकर मेरा मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थी।
उसकी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और उसकी चूत से रस टपक रहा था। “रोहन… मेरी चूत को चोद… इसे फाड़ दे,” उसने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने अपना मोटा, काला लंड उसकी गीली चूत में डाल दिया, और प्रीति चीख पड़ी। मेरा लंड उसकी चूत को चीर रहा था, लेकिन दर्द जल्दी ही मादक सुख में बदल गया। मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और उसके चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे। मैंने उसकी गांड को हिलाकर मेरा लंड और गहरा लिया, और उसकी सिसकारियाँ खेत में गूँज रही थीं। मैंने उसके चूचियों को मसला, उसके निप्पलों को चूसा, और उसकी चूत को अपने लंड से रगड़ने लगा। उसकी चूत से रस टपक रहा था, और मेरा लंड उसकी चूत की गहराई तक जा रहा था।
“रोहन… मेरी चूत को और जोर से चोद… इसे सुजा दे,” प्रीति ने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी गोल गांड को थप्पड़ मारते हुए अपना लंड उसकी चूत में फिर से डाल दिया। मेरा लंड उसकी चूत को चीर रहा था, और वह चुदास में चीख रही थी। मैंने उसकी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और फिर धीरे-धीरे अपना मोटा लंड उसकी गांड में डाल दिया। प्रीति दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन उसकी गांड ने जल्दी ही मेरे लंड को गले लगा लिया। मैं उसकी गांड को जमकर चोद रहा था, और उसके चूचे हवा में उछल रहे थे। “रोहन… मेरी गांड को चोद… मेरी चूत को फाड़ दे,” प्रीति ने चुदास में चीखते हुए कहा।
मैंने उसके चूचियों को मसला, उसकी गांड को थप्पड़ मारे, और उसकी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा। उसकी चूत बार-बार झड़ रही थी, और उसका रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था। चुदाई का दौर घंटों चला। मैंने प्रीति को अलग-अलग पोजीशन में चोदा। एक बार मैंने उसे गन्ने के पौधे के सहारे खड़ा किया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। उसके चूचे हवा में उछल रहे थे, और उसकी चीखें खेत में गूँज रही थीं। फिर मैंने उसे अपनी गोद में बिठाया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। उसके निप्पल मेरे मुँह में थे, और मैं उन्हें चूस रहा था।
“रोहन, मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ,” मैंने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, रोहन… मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दे,” प्रीति ने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने अपने धक्के और तेज किए, और फिर अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी उसकी चूत में मारी। प्रीति सुख से चीख पड़ी, और उसकी चूत मेरे वीर्य से लबालब भर गई। मैंने उसके चूचियों, रसीले होंठों, और पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और उसने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। उसका बदन मेरे वीर्य से गीला और चिपचिपा हो गया था। हम दोनों हाँफ रहे थे, और उसकी चूत और गांड चुदाई से सुज गई थी।
उस दिन के बाद, गन्ने का खेत हमारी चुदाई का पसंदीदा ठिकाना बन गया। हर बार जब हमारी चुदास बेकाबू होती, मैं प्रीति को खेत में ले जाता। एक बार मैंने उसे खेत के बीच में चोदा, जहाँ गन्ने के पौधों ने हमें पूरी तरह छिपा रखा था। उसने एक पारदर्शी टॉप पहना था, और मैंने उसे फाड़कर उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया। वह चुदास में चीख रही थी, और उसकी चूत मेरे वीर्य से भर गई। दूसरी बार, मैंने उसे खेत के किनारे एक पेड़ के नीचे चोदा। मैंने उसे पेड़ के सहारे खड़ा किया और उसकी गांड में अपना लंड डालकर जोर-जोर से चोदा। उसकी सिसकारियाँ खेत में गूँज रही थीं, और उसकी चूत मेरे वीर्य से चमक रही थी।
कभी-कभी, हम रात में खेत में चुदाई करते। एक रात, चाँदनी रात में, मैंने प्रीति को खेत में लिटाया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटा। उसने मेरे लंड को चूसकर मुझे और उत्तेजित किया, और फिर मैंने उसकी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा। उसकी चीखें और सिसकारियाँ चाँदनी में और मादक लग रही थीं। “रोहन, तेरा लंड मेरी चूत की जान है,” उसने फुसफुसाया। मैंने उसकी चूचियों को सहलाया और बोला, “प्रीति, तेरी चूत मेरे लंड की रानी है।”
हमारी चुदाई का कोई हिसाब नहीं था। गन्ने का खेत हमारी चुदास का गवाह बन गया। एक बार, जब मैं प्रीति की चूत को चोद रहा था, उसने अपने फोन से हमारी चुदाई का वीडियो बनाया। बाद में, हमने वह वीडियो देखा और फिर से चुदाई शुरू कर दी। “रोहन, तू मेरी चूत को हर बार नया सुख देता है,” उसने हँसते हुए कहा। मैंने उसकी गांड को थप्पड़ मारा और बोला, “प्रीति, जब तक तू है, मेरा लंड तेरी चूत का गुलाम रहेगा।”
हमारी चुदाई की बात किसी को नहीं पता थी। कॉलेज में हम सामान्य कपल की तरह व्यवहार करते, लेकिन गन्ने के खेत में हमारी चुदास बेकाबू हो जाती। प्रीति की चूत मेरे लंड की दीवानी थी, और मेरा लंड उसकी चूत का गुलाम। गन्ने के खेत में चुदाई का मजा ही कुछ और था। उसकी सिसकारियाँ, उसकी चूत का रस, और मेरे वीर्य से भरा उसका बदन मेरी जिंदगी का सबसे मादक अनुभव था। प्रीति की चूत और गांड मेरे लंड की गुलाम बन चुकी थी, और हमारी चुदाई की आग कभी ठंडी नहीं हुई।