भैया ने ट्रेन में चोदा – सोम्या की पहली चुदाई की सच्ची कहानी

हाय दोस्तों, मेरा नाम सोम्या है और मैं 18 साल की हूँ। ये मेरी बिल्कुल सच्ची और पहली चुदाई की कहानी है। मैं आपको अपने बारे में शुरू से बताती हूँ। मेरे घर में मैं भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हूँ। सबसे बड़े भैया आर्मी में हैं, उनकी शादी नहीं हुई। मुझसे छोटा एक भाई है। मैं होस्टल में रहकर पढ़ाई करती हूँ। मेरी ज़िंदगी साधारण थी, लेकिन एक दिन ऐसा हुआ जिसने सब बदल दिया।

भैया का आना और घर की यात्रा

एक दिन बड़े भैया मुझसे मिलने होस्टल आए। वो सीधे आर्मी से आए थे और घर जा रहे थे। उन्हें देख मैं बहुत खुश हुई। मैंने सोचा, क्यों न उनके साथ घर चलूँ? कॉलेज से 8 दिन की छुट्टी ली और हम ट्रेन से घर के लिए निकल पड़े। ट्रेन में भैया का रिजर्वेशन था, मेरा नहीं। हमें सिंगल बर्थ मिली। सर्दियों की रात थी, भीड़ बहुत थी। रात के 11 बज चुके थे। हम सुबह घर पहुँचने वाले थे।

ट्रेन में नज़दीकी की शुरुआत

हम बर्थ पर अकेले बैठे। ठंड बढ़ रही थी। भैया ने बैग से कम्बल निकाला, आधा मुझे ढका, आधा खुद ओढ़ा। मैं मुस्कुराई और उनसे चिपक गई। सारी सवारियाँ सो रही थीं। ट्रेन अपनी रफ्तार से भाग रही थी। मुझे नींद आने लगी। भैया को भी। “मेरी गोद में सर रखकर सो जा,” उन्होंने कहा। मैंने उनकी गोद में सर रखा, पैर फैलाए। वो पैर समेटकर मुझे और खुद को कम्बल में ढककर बैठ गए। उनका एक हाथ मेरे ऊपर था। मैंने कभी किसी पुरुष को इतनेise से टच नहीं किया था।

जवानी का पहला एहसास

भैया की मोटी जाँघों में मुझे आराम मिल रहा था। मेरा गाल उनकी जाँघों के बीच था। एक हाथ से मैंने उनके पैर पकड़े। अचानक मेरे सोते हुए दिमाग को झटका लगा। नींद गायब हो गई। उनकी जाँघों के बीच का हिस्सा फूल रहा था। वो मेरे गाल को टच कर रहा था। मैं समझ गई – भैया का लंड मेरे बदन के स्पर्श से उठ रहा था। मेरी जवानी अंगड़ाई लेने लगी। दिल की धड़कन तेज़ हो गई। मैंने गाल दबाकर उनके लंड का जायज़ा लिया। वो ज़िप वाले हिस्से पर था। भैया भी कसमसाए। शायद वो भी गरम हो गए थे। वो मुझे अपनी टाँगों में समेटने की कोशिश कर रहे थे। मैं भी गरम होने लगी थी।

Hot Sex Story :  फैमिली सेक्स कहानी

हिम्मत और हरकत

मैंने उनकी लंड को महसूस करने के लिए करवट बदली। मेरा मुँह उनके पेट के सामने था। करवट के बहाने हाथ उनकी गोद में रखा, पैंट के उभरे हिस्से पर रुका। मैंने दबाव देकर लंड टटोला। भैया ने मेरी कमर पकड़कर मुझे चिपकाया। मैंने उनकी उंगलियों से लंड टटोलना शुरू किया। वो मेरी हरकत समझ गए। मेरी पीठ सहलाने लगे। ट्रेन की रफ्तार और मेरे अंदर का तूफान बढ़ता जा रहा था। उनकी कोई प्रतिक्रिया न देख मेरी हिम्मत बढ़ी। मैंने उनकी ज़िप धीरे-धीरे खोली।

लंड का पहला स्पर्श

भैया कुछ नहीं बोले, मेरी कमर कसकर दबाई। अंडरवियर के अंदर हाथ डाला, उनका भारी लंड बाहर निकाला। अंधेरा था, देख नहीं सकी, लेकिन हाथ से नापा – 7-8 इंच लंबा, 3-4 इंच मोटा। मेरे दिल के तार झनझना गए। मेरी पैंटी में चूत फड़फड़ा उठी। टाइट जींस और टी-शर्ट में मेरा बदन गरम था। भैया भी बेझिझक हरकत करने लगे। मेरी शर्ट खींचकर पीठ पर हाथ फेरा। करंट दौड़ा।

चुदाई की ओर बढ़ते कदम

उनका हाथ मेरी चूचियों पर पहुँचा। मैं सिसकी लेकर लंड को गाल से चिपकाकर दबाई। वो चूचियाँ सहलाते हुए दबाने लगे। मैंने लंड गाल से सहलाया। उन्होंने चूचियाँ ज़ोर से दबाई। मेरे मुँह से सिसकारी निकली। हम बात नहीं कर रहे थे, लेकिन दिल की बात समझ रहे थे। भैया का हाथ पीछे से पैंट की बेल्ट में गया। टाइट होने से उंगलियाँ ही अंदर जा सकीं। मैंने बेल्ट खोली। उनका हाथ मेरे चूतड़ों को दबोचने लगा, गांड सहलाई। फिर सामने से ज़िप खोली, चूत पर हाथ फेरा।

Hot Sex Story :  सेक्सी टीचर को ट्रेन के टॉयलेट में घोड़ी बनाकर चुदाई की कहानी

चूत और लंड का मिलन

मेरी चूत पर हाथ लगते ही मैं बेकाबू हो गई। वो फूली चूत को मुठ्ठी में भींच रहे थे। मैंने सर उठाकर सुपाड़ा चूमा, मुँह में लेने की कोशिश की। मोटाई की वजह से जीभ से चाटने लगी। मेरी गर्म जीभ से भैया गरम हो गए। उन्होंने मेरी चूत में उंगली घुसाई। मैं सिसकी भरकर उनके लंड और कमर से लिपट गई। मेरा दिल चाह रहा था कि वो उंगली निकालकर लंड डाल दें।

ट्रेन में चुदाई

भैया ने मेरी टाँगें खींची। मैं कम्बल में घूमी। मेरी टाँगें उनकी तरफ, सर दूसरी ओर। उन्होंने मेरे कूल्हे उठाकर अपनी टाँगों पर चढ़ाए। पैंट और पैंटी उतारी। मैं नीचे से नंगी थी। मैंने उनकी पैंट और अंडरवियर उतारा। भैया ने मेरी टाँगें अपनी कमर से लिपटवाई। मेरा सर उनके पंजों पर था। कम्बल हटाकर देखा – सब सो रहे थे। भैया का चेहरा लाल था। उनकी नज़रों से शर्म आई। मैंने मुँह छुपाया।

यह कहानी आप Hotsexstory.xyz में पढ़ रहे।

भैया ने मेरी गीली चूत टटोली। थूक लगाया। लंड चूत पर रखा। गर्म सुपाड़े ने आग लगाई। उन्होंने चूत का मुँह टटोला, सुपाड़ा सेट किया, जाँघें पकड़कर धक्का मारा। लंड ऊपर चला गया। दो बार और कोशिश की, सावधानी बरत रहे थे। जब नहीं गया, तो चूत पर मसलने लगे। मैंने शर्म छोड़कर पूछा, “क्या हुआ?” वो फुसफुसाए, “सोम्या, सवारियाँ हैं। ताकत लगानी पड़ेगी। दर्द होगा, बर्दाश्त कर लेगी?” “हाँ, कितना भी दर्द हो, ऊफ नहीं करूँगी,” मैंने कहा।



पहली बार लंड अंदर

भैया ने मुझे टाँगों पर उठाकर बैठाया। कम्बल से लपेटा। चूत पर लंड सेट किया। “नीचे बैठ,” उन्होंने कहा। मैं मुस्कुराई। ज़ोर का झटका देकर उनके लंड पर बैठ गई। भैया ने नीचे दबाया। लंड चूत का दरवाज़ा तोड़कर अंदर घुसा। ऐसा लगा जैसे खंजर चुभा। मैं बिलबिला गई। उनकी पकड़ से छूट न सकी। चीख न निकली, वरना सवारियाँ जाग जातीं। मैं तड़पकर उनके पैरों पर पड़ी। लंड तनने से दर्द बढ़ा। मछली की तरह तड़पी।

Hot Sex Story :  सुमित की शादी का सफर-6

दर्द से मज़े तक

भैया ने चूचियाँ सहलाकर दिलासा दिया। 10 मिनट बाद दर्द कम हुआ। वो हल्के-हल्के लंड अंदर-बाहर करने लगे। दर्द खत्म हुआ। मैं सुख के सागर में डूब गई। चूत से पचक-पचक की आवाज़ें आईं। मैंने कोहनियाँ बर्थ पर टेकीं, चूत को लंड पर धकेला। आधे घंटे तक ये खेल चला। सुख का अनुभव बयान नहीं कर सकती।

अंत और नया रिश्ता

भैया ने टॉवल से मेरी रस भरी चूत पोछी। मैंने उनका लंड साफ किया। बारी-बारी से बाथरूम गए, कपड़े पहने। मेरे बदन में मीठा दर्द था। हम भाई-बहन से प्रेमी-प्रेमिका बन गए। अब भैया जब घर आते हैं, मुझे चोदे बिना नहीं मानते। मुझे उनका इंतज़ार रहता है। किसी और को बदन नहीं सौंपा, न इरादा है। आगे राम जाने।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *