Hotel Me Dost ki Wife ki Chudai Story : मेरा नाम अमित है, 32 साल का, मुंबई में एक आईटी कंपनी में मैनेजर। जिंदगी की भागदौड़ में कभी-कभी ऐसे मोके मिल जाते हैं, जो सालों तक याद रह जाते हैं। कल की वो रात ऐसी ही थी। मैं एक प्रोजेक्ट मीटिंग के लिए बैंगलोर गया था, और होटल में चेक-इन करने के बाद थकान महसूस कर रहा था। होटल का कमरा शानदार था—बड़ा सा बेड, मंद रोशनी और बाहर की बारिश की फुहारें, जो माहौल को थोड़ा रोमांटिक बना रही थीं। लेकिन मुझे क्या पता था कि ये रात मेरी जिंदगी की सबसे यादगार रात बन जाएगी।
मेरा पुराना दोस्त, राज, भी बैंगलोर में था। वो एक मार्केटिंग कंपनी में काम करता है, और हम कॉलेज से साथ थे। राज की पत्नी, नेहा, को मैं अच्छे से जानता था। नेहा 28 साल की थी, एकदम हॉट और कॉन्फिडेंट। उसकी स्माइल में वो जादू था जो किसी को भी खींच ले। राज ने बताया था कि वो भी मीटिंग के लिए आया है, और नेहा उसके साथ है—शॉपिंग और घूमने के लिए। संयोग से, राज भी उसी होटल में रुका था। शाम को हम तीनों लॉबी में मिले। राज ने कहा, “अमित, पुराने दिन याद आ गए। नेहा, ये मेरा वो दोस्त है, जिसके बारे में मैं तुझे बताया था—वो जो हमेशा पार्टी का मूड बनाता था।”
नेहा ने मेरी ओर देखा, और उसकी आँखों में एक चमक थी। “हाय अमित, राज ने तुम्हारी बहुत तारीफ की है। लगता है आज रात मजा आएगा,” उसने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा। उसकी आवाज में वो शरारत थी, जो मुझे पहली ही मुलाकात में बेचैन कर गई। नेहा ने एक टाइट ब्लैक ड्रेस पहनी थी, जो उसके कर्व्स को उभार रही थी। उसके बूब्स ड्रेस में साफ उभरे हुए थे, और कमर इतनी पतली कि हाथ डालकर पकड़ने का मन करता था। राज ने कहा कि वो मीटिंग के लिए थोड़ी देर बाहर जा रहा है, और नेहा को होटल में ही छोड़ गया। “अमित, नेहा को बोर मत होने देना,” राज ने हँसते हुए कहा।
राज चला गया, और नेहा और मैं लॉबी में बैठे। हमारी बातें पुरानी यादों से शुरू हुईं—कॉलेज की पार्टियाँ, वो नाइट्स जब हम तीनों मिलकर घूमते थे। लेकिन धीरे-धीरे बातें पर्सनल हो गईं। नेहा ने कहा, “अमित, राज तो हमेशा काम में व्यस्त रहता है। कभी-कभी लगता है, जिंदगी में वो स्पार्क मिसिंग है।” मैंने उसकी आँखों में देखा और कहा, “नेहा, स्पार्क तो तुम्हारी स्माइल में है। बस, सही आग लगानी पड़े।” उसकी आँखें चमक उठीं। “तो आज रात आग लगाने का मौका मिल गया। राज देर रात आएगा।”
मेरा दिल धक् से रह गया। नेहा ने मेरा हाथ पकड़ा और कहा, “मेरा कमरा ऊपर है। चलो, वहाँ बात करते हैं।” हम लिफ्ट में गए, और लिफ्ट के अंदर ही नेहा ने मेरी ओर मुड़कर एक हल्का सा चुंबन दिया। उसके होंठ इतने नरम थे कि मेरे लंड में हलचल मच गई। कमरे में घुसते ही नेहा ने दरवाजा बंद किया और मुझे दीवार से सटा दिया। “अमित, मैं तुझे कॉलेज के दिनों से चाहती थी। राज से शादी के बाद भी तू मेरे सपनों में आता रहा,” उसने फुसफुसाते हुए कहा। मैंने उसके कंधों पर हाथ रखा और बोला, “नेहा, तू मेरी पुरानी क्रश थी। आज तुझे पा लिया तो रात भर तेरी चूत को चूमूँगा।”
नेहा ने मेरी शर्ट के बटन खोले और मेरे मस्कुलर सीने पर अपने नाखून फिराए। “अमित, तेरा जिस्म तो जिम का कमाल है,” उसने कहा, और मेरे सीने पर अपने होंठ रख दिए। मैंने उसके ब्लाउज का हुक खोला, और उसके रसीले बूब्स उसके ब्लैक लेस ब्रा में कैद थे। मैंने ब्रा उतार दी, और उसके बूब्स मेरे सामने थे—गोल, रसीले और निप्पल्स तने हुए। मैंने हौले-हौले उसके बूब्स को अपने हाथों में लिया और दबाना शुरू किया। नेहा की सिसकारियाँ कमरे में गूँज उठीं। “अमित, मेरे बूब्स को और दबा… तेरी उंगलियाँ कितनी गर्म हैं,” उसने सिसकते हुए कहा। मैंने उसके निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और हल्के से काटते हुए। नेहा ने मेरे बाल पकड़ लिए और अपना सीना और आगे किया।
मैंने नेहा की ड्रेस पूरी तरह उतार दी। उसकी काली लेस पैंटी में उसकी टाइट चूत की शेप साफ दिख रही थी, और वो पहले से ही गीली हो चुकी थी। मैंने पैंटी नीचे सरकाई, और नेहा की चूत मेरे सामने थी—गुलाबी, गीली और बिना बालों की। मैंने घुटनों के बल बैठकर अपनी जीभ नेहा की चूत पर फिराई। नेहा की चीखें कमरे में गूँज उठीं। “अमित, मेरी चूत को चाट… कितना मजा आ रहा है,” उसने चिल्लाया। मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत की गहराइयों में डाला, और नेहा का रस मेरे मुँह में बहने लगा। मैंने उसके क्लिट को चूसा, और नेहा की कमर उछलने लगी। “ओह अमित… और जोर से… तेरी जीभ मेरी चूत को पागल कर रही है,” वह सिसक रही थी।
नेहा ने मेरी पैंट खींची और मेरा मोटा लंड बाहर निकाला। “अमित, तेरा लंड तो हथौड़े जैसा है,” उसने शरारत से कहा, और मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी। फिर उसने उसे अपने मुँह में लिया। नेहा की जीभ मेरे लंड पर लपलपाती रही, और मेरी सिसकारियाँ तेज हो गईं। “नेहा, तेरा मुँह मेरे लंड को निचोड़ रहा है,” मैंने सिसकते हुए कहा। नेहा ने मेरे लंड को गहराई तक चूसा, और मैंने उसके बाल पकड़ लिए। उसकी आँखें मेरी आँखों से मिल रही थीं, और वो मुस्कुराते हुए चूस रही थी।
मैंने नेहा को बेड पर धकेला और उसके ऊपर चढ़ गया। मैंने उसके टाँगें फैलाईं और अपना मोटा लंड नेहा की टाइट चूत में धीरे-धीरे डाला। नेहा चीख पड़ी, “अमित, तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है!” मैंने हौले-हौले धक्के मारना शुरू किया, और नेहा की सिसकारियाँ तेज हो गईं। “और जोर से, अमित… मेरी चूत को फाड़ दे,” उसने चीखते हुए कहा। मैंने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ उसके बूब्स उछल रहे थे। मैंने उसके निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और काटते हुए, और नेहा की चीखें और तेज हो गईं।
मैंने नेहा को पलट दिया और डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। मेरा लंड उसकी टाइट चूत में इतनी गहराई तक जा रहा था कि हमारे जिस्म एक-दूसरे में घुल गए। “हाँ, अमित… और गहरा… मेरी चूत को रगड़ दे,” नेहा चिल्ला रही थी। मैंने उसके नितंबों को थपथपाया, और उसकी चीखें और तेज हो गईं। मैंने उसके बाल पकड़े और उसे और जोर से चोदा, जैसे मेरी सारी वासना उसकी चूत में उतर रही हो। नेहा ने अपनी कमर को मेरी रफ्तार के साथ मिलाया, और हमारी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं।
पूरी रात, हमने एक-दूसरे के जिस्म को चखा। मैंने नेहा को बेड के हर कोने में चोदा—कभी उसकी चूत को, कभी उसके बूब्स को चूसते हुए, और कभी उसके नितंबों को सहलाते हुए। नेहा ने मेरे लंड को बार-बार अपने मुँह में लिया, और उसकी जीभ ने मुझे पागल कर दिया। “अमित, तेरा लंड मेरी चूत का राजा है,” उसने सिसकारी भरे लहजे में कहा। हमने बेडरूम से बाथरूम तक चुदाई की, जहाँ शावर के नीचे मैंने नेहा को दीवार से सटाकर चोदा। पानी की फुहारें और नेहा की चीखें एक-दूसरे में मिल रही थीं।
रात के तीन बजे, जब बारिश और तेज हो गई, नेहा ने मेरे लंड को फिर से अपने हाथ में लिया। “ये अभी भी तना हुआ है,” उसने शरारत से कहा, और उसे फिर से चूसने लगी। मैंने नेहा को अपनी गोद में बिठाया और फिर से चोदना शुरू किया। इस बार, नेहा ऊपर थी, और उसकी कमर हर धक्के के साथ लय में हिल रही थी। “तेरी टाइट चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है, नेहा,” मैंने कहा, और उसने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी। उसके बूब्स मेरे चेहरे के सामने उछल रहे थे, और मैंने उन्हें चूसते हुए नेहा को और जोर से चोदा। आप ये कहानी antarvasna.live डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
जब सुबह की पहली किरण खिड़की से छनकर आई, हम दोनों नंगे, पसीने से लथपथ, एक-दूसरे की बाहों में लिपटे थे। नेहा ने मेरे सीने पर सिर रखा और फुसफुसाया, “अमित, तूने होटल की इस रात को मेरी चूत के लिए यादगार बना दिया।” मैंने नेहा की आँखों में देखा और कहा, “नेहा, तेरी टाइट चूत ने मेरे लंड को अपना दीवाना बना लिया।”
नेहा ने मेरे होंठों पर एक गहरा चुंबन लिया, अपनी ड्रेस पहनी, और एक मादक मुस्कान के साथ बोली, “अमित, राज को मत बताना। लेकिन अगली मीटिंग में फिर मिलेंगे। मेरी चूत तेरा इंतज़ार करेगी।” मैंने नेहा की कमर पकड़ी और कहा, “तो मेरा मोटा लंड हर मीटिंग में हाजिर रहेगा।”
जैसे ही नेहा कमरे से बाहर निकली, उसने पलटकर देखा और एक शरारती पलक झपकी। “ये रात हमारी थी, अमित। लेकिन ये जुनून कभी खत्म नहीं होगा।” मैं जानता था, नेहा की टाइट चूत की आग मेरे मोटे लंड में हमेशा सुलगती रहेगी, और हर होटल की मीटिंग अब हमारी वासना का नया बहाना बनेगी।