Devar Bhabhi Sex : मेरा नाम राहुल है, 25 साल का, दिल्ली में अपने बड़े भाई और उनकी पत्नी, अनिता भाभी, के साथ रहता हूँ। मैं जिम जाता हूँ, मेरा जिस्म मस्कुलर है, और मेरा 8 इंच का मोटा लंड मोहल्ले की लड़कियों की नजरों में हमेशा रहता है। लेकिन मेरी नजरें हमेशा अनिता भाभी पर टिकी रहती थीं। अनिता भाभी, 30 साल की, एक ऐसी औरत थीं, जिनका गदराया जिस्म किसी को भी दीवाना कर दे। उनकी साँवली त्वचा, बड़ी-बड़ी रसीली चूचियाँ, पतली कमर और गोल-मटोल गांड मेरी सलवार-कुर्ती में उभरकर मेरे लंड में आग लगा देती थी। उनके लंबे काले बाल और गहरी आँखें जैसे चूमने की खुली दावत दे रही हों। भाभी हाल ही में माँ बनी थीं, और उनकी चूचियाँ दूध से भरी थीं, जो उनकी टाइट ब्लाउज में और भी उभरकर दिखती थीं।
मैंने कई बार नोटिस किया कि जब भाभी रसोई में काम करतीं, तो उनकी साड़ी का पल्लू सरक जाता, और उनकी चूचियाँ ब्लाउज में कैद, दूध से भरी हुई, मुझे ललचा देती थीं। उनकी वो शरारती मुस्कान और मेरे जिस्म को घूरने वाली नजरें मेरे मन में वासना जगा देती थीं। मुझे यकीन था कि भाभी की टाइट चूत मेरे मोटे लंड की भूखी थी, और मैं बस सही मौके की तलाश में था।
वो एक नवंबर की ठंडी रात थी। दिल्ली में बारिश की फुहारें पड़ रही थीं, और घर का माहौल शांत था। मेरा भाई, रवि, एक बिजनेस ट्रिप के लिए मुंबई गया था, और घर में सिर्फ मैं, भाभी और उनका बेटा थे। बेटा सो चुका था, और भाभी रसोई में बर्तन साफ कर रही थीं। मैंने एक बनियान और शॉर्ट्स पहने थे, और रसोई में चाय लेने गया। भाभी ने एक पतली सी नाइटी पहनी थी, जो उनके गदराए जिस्म से चिपक रही थी। उनकी चूचियाँ नाइटी में साफ उभर रही थीं, और दूध की वजह से वो और भी रसीली लग रही थीं।
“भाभी, चाय मिल जाए?” मैंने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा। भाभी ने पलटकर देखा और बोलीं, “राहुल, चाय तो बनाऊँगी, लेकिन तू मेरी चूचियों को घूर रहा है, वो भी तो दे दूँ?” उनकी बात सुनकर मेरा लंड शॉर्ट्स में तन गया। मैंने हिम्मत जुटाई और कहा, “भाभी, अगर तुम्हारी चूचियों का दूध मिल जाए, तो चाय की क्या जरूरत?” भाभी ने एक मादक हँसी हँसी और मेरे पास आकर खड़ी हो गईं। उनकी साँसें तेज थीं, और उनकी आँखों में वासना की चमक थी।
मैंने भाभी को अपनी बाहों में खींच लिया और उनके रसीले होंठों को अपने होंठों से चूस लिया। वो चुंबन इतना गहरा था कि मेरे जिस्म में आग सी लग गई। भाभी ने मेरी बनियान उतार दी और मेरे मस्कुलर सीने पर अपने नाखून फिराए। “राहुल, तेरा जिस्म तो पत्थर जैसा है,” उन्होंने फुसफुसाया। मैंने उनकी नाइटी का स्ट्रैप नीचे खींचा, और उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ उनकी काली लेस ब्रा में कैद थीं, जैसे बाहर निकलने को बेताब हों। मैंने ब्रा उतार दी, और भाभी की चूचियाँ मेरे सामने थीं—रसीली, दूध से भरी, और निप्पल्स तने हुए।
मैंने हौले-हौले उनकी चूचियों को अपने हाथों में लिया और दबाना शुरू किया। दूध की बूंदें उनके निप्पल्स से टपकने लगीं, और मैंने झट से उनका निप्पल अपने मुँह में लिया। भाभी की सिसकारियाँ रसोई में गूँज उठीं। “राहुल, मेरे दूध को पी… और जोर से चूस,” उन्होंने सिसकारी भरे लहजे में कहा। मैंने उनके निप्पल्स को चूसा, और उनका गर्म, मीठा दूध मेरे मुँह में बहने लगा। मैंने एक चूची को चूसते हुए दूसरी को अपने हाथों से दबाया, और भाभी की चीखें और तेज हो गईं। “हाँ, राहुल… मेरी चूचियों को निचोड़ दे,” उन्होंने चिल्लाया।
मैंने भाभी की नाइटी और पैंटी उतार दी। उनकी टाइट चूत मेरे सामने थी—गुलाबी, गीली और बिना बालों की। मैंने अपनी जीभ उनकी चूत पर फिराई, और भाभी की चीखें रसोई की दीवारों से टकराने लगीं। “राहुल, मेरी चूत को चाट… और गहरा,” उन्होंने चिल्लाया। मैंने अपनी जीभ उनकी चूत की गहराइयों में डाली, और उनका रस मेरे मुँह में बहने लगा। मैंने उनके क्लिट को चूसा, और भाभी की कमर उछलने लगी। “राहुल, तू मेरी चूत को पागल कर रहा है,” वो सिसक रही थीं।
भाभी ने मेरे शॉर्ट्स उतार दिए, और मेरा मोटा लंड उनके सामने तनकर खड़ा था। “राहुल, तेरा लंड तो हथौड़ा है,” उन्होंने शरारत से कहा, और मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगीं। फिर उन्होंने उसे अपने मुँह में लिया। उनकी जीभ मेरे लंड पर लपलपाती रही, और मेरी सिसकारियाँ तेज हो गईं। “भाभी, तेरा मुँह मेरे लंड को निचोड़ रहा है,” मैंने सिसकते हुए कहा। भाभी ने मेरे लंड को गहराई तक चूसा, और मैंने उनके बाल पकड़ लिए।
मैंने भाभी को रसोई के स्लैब पर बिठाया और उनकी टाँगें फैलाकर अपना मोटा लंड उनकी टाइट चूत में डाला। भाभी चीख पड़ीं, “राहुल, तेरा लंड मेरी चूत को चीर रहा है!” मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया, और उनकी सिसकारियाँ तेज हो गईं। “और जोर से, राहुल… मेरी चूत को फाड़ दे,” उन्होंने चीखते हुए कहा। मैंने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ उनकी चूचियाँ उछल रही थीं। दूध की बूंदें उनकी चूचियों से टपक रही थीं, और मैंने फिर से उनके निप्पल्स को चूसा, उनका दूध पीते हुए।
मैंने भाभी को रसोई से उठाया और बेडरूम में ले गया। हमारा बेडरूम मंद रोशनी और मखमली चादरों से सजा था, और बारिश की फुहारें माहौल को और गर्म बना रही थीं। मैंने भाभी को बेड पर लिटाया और उनकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं। मैंने फिर से अपने लंड को उनकी चूत में डाला और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। “राहुल, मेरी चूत को और चोद… तेरा लंड मेरे जिस्म में आग लगा रहा है,” भाभी चिल्ला रही थीं। मैंने उनके नितंबों को थपथपाया, और उनकी चीखें और तेज हो गईं।
मैंने भाभी को पलट दिया और डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। मेरा लंड उनकी टाइट चूत में इतनी गहराई तक जा रहा था कि हमारे जिस्म एक-दूसरे में घुल गए। “हाँ, राहुल… और गहरा… मेरी चूत को रगड़ दे,” भाभी चिल्ला रही थीं। मैंने उनके बाल पकड़े और उन्हें और जोर से चोदा, जैसे मेरी सारी वासना उनकी चूत में उतर रही हो। भाभी की चूचियाँ उछल रही थीं, और मैंने फिर से उनका दूध चूसा, उनके निप्पल्स को काटते हुए।
पूरी रात, हमने एक-दूसरे के जिस्म को चखा। मैंने भाभी को बेड के हर कोने में चोदा—कभी उनकी चूत को, कभी उनकी चूचियों को चूसते हुए, और कभी उनके नितंबों को सहलाते हुए। भाभी ने मेरे मोटे लंड को बार-बार अपने मुँह में लिया, और उनकी जीभ ने मुझे पागल कर दिया। “राहुल, तेरा लंड मेरी चूत का राजा है,” उन्होंने सिसकारी भरे लहजे में कहा। हमने बेडरूम से बाथरूम तक चुदाई की, जहाँ शावर के नीचे मैंने भाभी को दीवार से सटाकर चोदा। पानी की फुहारें और भाभी की चीखें एक-दूसरे में मिल रही थीं।
रात के चार बजे, जब बारिश और तेज हो गई, भाभी ने मेरे लंड को फिर से अपने हाथ में लिया। “ये अभी भी तना हुआ है,” उन्होंने शरारत से कहा, और उसे फिर से चूसने लगीं। मैंने भाभी को अपनी गोद में बिठाया और फिर से चोदना शुरू किया। इस बार, भाभी ऊपर थीं, और उनकी कमर हर धक्के के साथ लय में हिल रही थी। उनकी चूचियाँ मेरे चेहरे के सामने उछल रही थीं, और मैंने उनका दूध चूसते हुए उन्हें और जोर से चोदा।
जब सुबह की पहली किरण खिड़की से छनकर आई, हम दोनों नंगे, पसीने से लथपथ, एक-दूसरे की बाहों में लिपटे थे। भाभी ने मेरे सीने पर सिर रखा और फुसफुसाया, “राहुल, तूने मेरी चूचियों का दूध और चूत की आग दोनों बुझा दी।” मैंने उनकी आँखों में देखा और कहा, “भाभी, तेरी टाइट चूत और रसीली चूचियाँ मेरे लंड को दीवाना बना गईं।”
भाभी ने मेरे होंठों पर एक गहरा चुंबन लिया, अपनी नाइटी पहनी, और एक मादक मुस्कान के साथ बोलीं, “राहुल, जब भी भैया बाहर जाएँगे, मेरी चूत और चूचियाँ तेरा इंतज़ार करेंगी।” मैंने उनकी कमर पकड़ी और कहा, “भाभी, मेरा लंड हर बार हाजिर रहेगा।”
जैसे ही भाभी बेडरूम से बाहर निकलीं, उन्होंने पलटकर देखा और एक शरारती पलक झपकी। “ये रात हमारी थी, राहुल। लेकिन ये जुनून कभी खत्म नहीं होगा।” मैं जानता था, अनिता भाभी की रसीली चूचियाँ और टाइट चूत मेरे लंड की आग को हर रात सुलगाती रहेंगी, और हमारे घर की दीवारें हमारी वासना की गवाह बनेंगी।