खेत में भाभी का चुदाई खेल

हाय दोस्तों, मेरा नाम रोहन है। मैं 22 साल का हूँ और उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में रहता हूँ। ये कहानी मेरी और मेरे पड़ोस में रहने वाली एक भाभी की है, जिसका नाम रेखा है। रेखा भाभी की उम्र 28 साल की थी और वो गाँव की सबसे खूबसूरत औरतों में से एक थीं। उनकी आँखें कातिलाना थीं, होंठ गुलाबी और जिस्म ऐसा कि कोई भी उसे देखकर पागल हो जाए। उनका फिगर 34-28-36 का था, और जब वो साड़ी में चलती थीं तो उनकी कमर का लचकना किसी का भी दिल चुरा लेता था।

ये बात पिछले साल की गर्मियों की है। गाँव में बिजली की कटौती आम बात थी, और लोग रात को छत पर या खेतों की ओर सोने चले जाते थे। मैं भी उस रात गर्मी से परेशान होकर अपने घर के पास वाले खेत में चारपाई डालकर लेट गया। आसमान में चाँद चमक रहा था और हल्की ठंडी हवा चल रही थी। मैं अपने फोन में गाने सुन रहा था, तभी मुझे दूर से किसी के आने की आहट सुनाई दी।

मैंने गर्दन उठाकर देखा तो रेखा भाभी थीं। वो अपने घर से थोड़ा दूर खेत की ओर आ रही थीं। उन्होंने नीली साड़ी पहनी थी, जो चाँदनी में चमक रही थी। मैंने सोचा कि शायद वो भी गर्मी से परेशान होकर यहाँ सोने आई होंगी। मैं चुपचाप लेटा रहा, लेकिन मन में एक अजीब सी हलचल होने लगी।

वो मेरे पास वाली चारपाई पर लेट गईं। कुछ देर तक खामोशी रही, फिर उन्होंने मुझे आवाज़ दी, “रोहन, सो गए क्या?”

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मैं चौंक गया। मैंने कहा, “नहीं भाभी, बस लेटा हूँ। गर्मी से नींद नहीं आ रही।”

वो हल्के से हँसीं और बोलीं, “हाँ, ये गर्मी तो जान ले लेती है। मैं भी घर में घुटन से परेशान हो गई थी।”

हमारी बातें शुरू हो गईं। पहले तो आम बातें हुईं, फिर धीरे-धीरे वो मुझसे मज़ाक करने लगीं। वो बोलीं, “रोहन, गाँव की लड़कियाँ तो तुझ पर मरती होंगी, इतना स्मार्ट जो है। तेरी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?”

मैंने शर्माते हुए कहा, “नहीं भाभी, अभी तक तो कोई नहीं मिली।”

वो हँस पड़ीं और बोलीं, “अच्छा? तो तू अभी तक कुँवारा ही है?”

उनके इस सवाल से मेरे चेहरे पर गर्मी सी चढ़ गई। मैं कुछ बोल नहीं पाया। फिर वो उठकर मेरी चारपाई के पास आ गईं और मेरे बगल में बैठ गईं। उनकी साड़ी का पल्लू थोड़ा सरक गया था, और उनकी गहरी नाभि चाँदनी में साफ दिख रही थी। मेरा दिल तेज़ी से धड़कने लगा।

वो बोलीं, “रोहन, तू इतना शर्माता क्यों है? मर्द बन, कुछ तो बोल।”

मैंने हिम्मत जुटाकर कहा, “भाभी, आप बहुत खूबसूरत हैं। मैं तो आपको देखकर ही घबरा जाता हूँ।”

ये सुनकर उनकी आँखों में एक चमक सी आई। वो मेरे और करीब आईं और धीरे से मेरे गाल पर हाथ रखकर बोलीं, “अच्छा? तो तुझे मैं पसंद हूँ?”

मैंने हाँ में सिर हिलाया। फिर क्या था, उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उनकी साँसों की गर्मी और होंठों की नरमी ने मुझे पागल कर दिया। मैं भी उनके चुंबन का जवाब देने लगा। कुछ ही पलों में हम दोनों एक-दूसरे में खो गए।

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उन्होंने अपनी साड़ी का पल्लू पूरी तरह हटा दिया और मुझे अपनी बाहों में भर लिया। मैंने उनके ब्लाउज़ के हुक खोल दिए, और उनके बड़े-बड़े स्तन मेरे सामने थे। मैंने उन्हें धीरे-धीरे सहलाया, और वो सिसकारियाँ भरने लगीं। उनकी साँसें तेज़ हो रही थीं। फिर उन्होंने मेरी शर्ट उतारी और मेरे सीने पर हाथ फेरने लगीं।

मैंने कहा, “भाभी, कोई देख लेगा तो?”

वो बोलीं, “यहाँ कोई नहीं आएगा, रोहन। बस चुपचाप मज़े ले।”

फिर उन्होंने अपनी साड़ी ऊपर उठाई और अपनी पैंटी नीचे सरका दी। उनकी चूत चाँदनी में चमक रही थी, और उसमें से हल्का सा रस टपक रहा था। मैंने अपना पजामा उतारा, और मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था। वो उसे देखकर मुस्कुराईं और बोलीं, “वाह, ये तो बहुत तगड़ा है।”

मैंने उन्हें चारपाई पर लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गया। मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ा, और वो सिहर उठीं। फिर एक ज़ोरदार धक्के के साथ मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया। वो ज़ोर से चीखीं, “आह्ह… रोहन, धीरे!”

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मैं रुक गया, लेकिन उन्होंने कहा, “नहीं, रुक मत, बस करते रहो।” मैंने धक्के मारना शुरू कर दिया। उनकी चूत इतनी गर्म और गीली थी कि मेरा लंड हर धक्के में और सख्त होता जा रहा था। वो मेरी पीठ पर नाखून गड़ा रही थीं और बार-बार कह रही थीं, “हाँ रोहन, और ज़ोर से… आह्ह!”



करीब 15 मिनट तक मैं उन्हें चोदता रहा। फिर मेरा माल निकलने वाला था। मैंने कहा, “भाभी, मेरा होने वाला है।”

वो बोलीं, “अंदर ही छोड़ दे, मुझे कोई दिक्कत नहीं।” मैंने एक आखिरी धक्का मारा और अपना सारा माल उनकी चूत में छोड़ दिया। वो भी उसी वक्त झड़ गईं और उनकी साँसें तेज़-तेज़ चलने लगीं।

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हम दोनों कुछ देर तक वैसे ही लेटे रहे। फिर उन्होंने अपनी साड़ी ठीक की और बोलीं, “रोहन, ये बात किसी को मत बताना।”

मैंने कहा, “कभी नहीं, भाभी।”

उसके बाद हम कई बार खेत में मिले और चुदाई के मज़े लिए। लेकिन एक दिन उनके पति को शक हो गया, और वो अपने मायके चली गईं। अब वो गाँव में नहीं हैं, लेकिन वो रातें मेरे लिए हमेशा यादगार रहेंगी।

दोस्तों, आपको ये कहानी कैसी लगी? मुझे बताइएगा कि आपको क्या पसंद आया!

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