चाचा ने सिखाया सेक्सी अंदाज में चुदाई करना

Chacha Bhatiji Sex Story, Hindi Bhatiji ki Chudai: हेलो दोस्तों मैं आप सभी का antarvasna.live में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालो से इसकी नियमित पाठिका रही हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी सेक्सी स्टोरीज नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी कहानी सूना रही थी। आशा है की ये आपको बहुत पसंद आएगी।

मेरा नाम नमिता है। मेरी उम्र 21 साल की है। मै देखने में ज्यादा खूबसूरत तो नहीं हूँ। लेकिन हॉट लगती हूँ। मेरा सामान बहुत बड़ा बड़ा है। मेरी चूंचिया बडी बड़ी है। मेरी गांड़ भी काफी बड़ी है। मेरी दोनो चुच्चो बड़े ही मजेदार है। मेरे चुच्चे को दबाने में बहुत मजा आता है। जो भी एक बार मेरे चुच्चो का दर्शन करके उसका रसपान करता है। वो हमेशा मेरे चुच्चो के रस को पीने के लिए परेशान रहता है। अब तक मैंने कई लड़को से अपनी चूत फड़वाई है।लेकिन सबसे पहले चुदाई से वाकिफ कराया था मेरे चाचा ने।

कई लड़के मेरी गांड़ और चूत को फाड़कर उसका आनंद ले चुके है। मुझे भी अपनी गांड चुदवाने में बहुत मजा आता है। दोस्तों मै अब अपनी कहानी पर आती हूँ।

बात उन दिनों की है जब मैं इण्टर पास कर चुकी थी। मैं एक मीडियम परिवार की लड़की हूँ। मेरे घर में मेरे अलावा मम्मी पापा ,चाचा, और दादा, दादी भी हमारे साथ रहते हैं। सब मुझसे बहुत प्यार करते हैं। मै अभी कच्ची नाजुक कली थी। लेकिन अब मै धीऱे धीऱे कली से फूल होने लगी थी।

मेरी उम्र के साथ साथ मेरी जवानी भी बढ़ती जा रही थी। मेरे जवानी के कई सारे दीवाने थे। चाचा मुझे बहुत प्यार करते थे। लेकिन इस कातिलाना यौवन से वो भी ना बाख सके। चाचा का भी लौड़ा चूत में घुसने को तैयार हो चुका था। बस घुसने की देरी थी। चाचा भी कुछ दिनों से मेरी जवानी के छरहरे बदन को ताड़ रहे थे। अब उन्हें भी मौके का इंतज़ार करना पड़ रहा था।

चाचा मेरे ऊपर घात लगाए बैठे थे। लेकिन मुझे क्या पता था कि चाचा के साथ भी सेक्स किया जा सकता है। एक दिन आखिर चाचा को मौक़ा मिल ही गया। मेरे मम्मी पापा मामा के यहाँ चले गए थे। मै घर पर चाचा के साथ रुकी हुई थी। चाचू मुझे देख रहे थे। मै चाचू की नजरों को समझ रही थी। जब भी मैं उधर से गुजराती चाचू मुझे घूरते हुए देख रहे थे। मेरा भी मन चुदवाने को कर रहा था।

चाचू अपने फ़ोन में हमेशा नई नई ब्लू फिल्म डलवाये रहते थे। मै कभी कभी उनके फोन में ब्लू फिल्म देख लेती थी। ब्लू फिल्म देख कर मै मुठ मारती थी। चाचू मुझे देख कर मुठ मारते थे। मुठ मार कर कभी कभी चाचू अपना माल मेरे कपडे पर गिरा देते थे। चाचू की ये हरकत मुझे आता थी। लेकिन मैं चाचू से कुछ नहीं कह पाती थी। चाचू की चोदने की बेचैनी मुझसे भी नहीं देखी जा रही थी। मेरी भी चुदवाने की बेचैनी चाचू की तरह बढ़ रही थी। चाचू को मौक़ा मिला तो चाचू मेरे पास आका लेट गए। मै चाचू के साथ उन्ही के बिस्तर पर लेटी थी।

चाचू ने मुझे अपने से चिपका लिया। ये तो चाचू के लिए आम बात थी। क्योंकि वो तो मुझे अक्सर अपने से चिपका कर ही प्यार करते थे। मै चाचू से चिपकी हुई थी। चाचू का लौड़ा मेरी गांड़ में चुभ रहा था। चाचू अपना लौड़ा जानबूझ कर मेरी गांड में चुभा रहे थे। मुझे चाचू का लौड़ा मुझे अपनी गांड़ में लगवाना बहुत ही अच्छा लग रहा था। चाचू मुझसे बात भी कर रहे थे।

मै-“चाचू कुछ पीछे चुभ रहा है”
चाचू-“कुछ नहीं बेटा। कहाँ चुभ रहा है?”
मैंने अपना हाथ चाचू के लौड़े पर रख दिया। चाचू यही चुभ रहा है।
चाचू-“बेटा ये तो मेरा लौड़ा है। ये कैसे चुभ रहा है तुम्हे। इसके चुभने से तो मजा आता है”
मै-“इसके चुभने से मजा कैसे आता है”

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चाचू-“नमिता इसे मै बता नहीं सकता। अगर कर के देख लो तो खुद ही पता चल जायेगा”
मै-“चाचू करना क्या होगा हमे। हमे मजा चाहिए आज”
चाचू-“ठीक है फिर जैसा मै करूं करने देना। कुछ रोकना मत। नहीं तो सारा मजा किरकिरा हो जायेगा”
मै-” ठीक है चाचू जैसा आप कहेंगे वैसा ही करूंगी”
इतना कहते ही चाचू मेरे होंठो पर अपनी होंठ रख कर चूंसने लगे। मै भी चाचू के कहने के अनुसार उनका साथ देने लगी। मैने भी चाचू के होंठ पर होंठ रगड़ कर चूमने चूंसने लगी। मैंने चाचू को कस कर पकड लिया।

चाचू ने कहा-“तुम तो सब कुछ जानती हो। तुम बहुत अच्छे से किस कर रही हो। कहाँ से सीखी तुमने?”
मै-“चाचू आप के फोन में ब्लू फिल्म देख कर। मै रोज आपके फ़ोन में देखती थी”
चाचू-“पगली वो मै जान बूझकर डलवाता था। तेरे लिए। अगर तू देखेगी तभी तो सीखेगी”

मै-“चाचू मै सीख चुकी हूँ। लेकिन अभी तक किया नहीं था। तो आज आप करना भी सिखा दोगे”
मै चाचू की गले को कस कर पकडे हुई थी। चाचू ने अपना होंठ फिर से मेरे होंठ पर सेट करके मेरे होंठो की जबरदस्त चुसाई करने लगे। मैंने चाचू की होंठ को चूस चूस कर काला कर दिया। चाचू ने भी मेरे होंठ को चूस चूस कर लाल लाल गुलाब की तरह कर दिया। चाचू की होंठ चुसाई से बहुत मजा आ रहा था। हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे थे।

चाचू तो होंठ चुसाई में माहिर थे। वो मेरी जीभ को भी चूस रहे थे। मुझे बहुत कुछ चाचू से सीखने को मिल रहा था। चाचू मेरे होंठ को काट काट कर चूस रहे थे। चाचू की होंठ चुसाई का बहुत ही आंनद प्राप्त जो रहा था। आज मुझे पहली बार होंठ चुसवाने का मौका मिला था। मै अपने होंठ को चुसवाते चुसवाते थक गई। मैंने अपना सर चाचू से दूर किया। मेरे मुँह से गर्म गर्म साँसे निकल रही थी। मेरा गाल लाल लाल हो गया। मै गरम हो रही थी। मेरे गरम होते ही चाचू मेरे चूंचियों पर हाथ रख कर। मेरी चूंचियों को मसलने लगे। मै और ज्यादा जोश में आ रही थी।

चाचू के चूंचियां दबाते ही मेरे मुँह से सिसकारियां निकल जाती। मै धीऱे धीऱे से “….अई…अई…. अई….अई….उहह्ह्ह्ह…ओह्ह्ह्हह्ह…” की आवाज के साथ मैं अपनी चूंचियां दबवा रही थी। मैंने काले रंग की टी शर्ट और सफ़ेद रंग की पैंट पहन रखी थी। मेरे इस तरह के रंग को देख कर चाचू को बहुत जोश आ रहा था। मै काले कपड़े में बहुत ही हॉट और सेक्सी लगती हूँ।

मैंने उस दिन चाचू मुझे आज बहुत ही हवस के नजरो से देख रहे थें। मैं चाचू से डरने लगी। मेरा हाथ चाचू के लौड़े पर था। चाचू का बड़ा मोटा लौड़ा छूकर मुझे डर लगने लगा। चाचू ने मेरी टी शर्ट निकाल दिया। मै अब चाचू के सामने ब्रा में खड़ी थी। मुझे चाचू के सामने ऐसे रहने में शरम आ रही थी। मै अपनी नजरे झुकाए हुए चाचू के सामने खड़ी थी। चाचू ने मेरा सर ऊपर करके मुझे देखने लगे। चाचू मेरी चूंचियों को ऊपर से ही मसल रहे थे। मैं अपनी चूंचियो को दबवाने में मस्त थी। मेरी चूंचियां बहुत ही सॉफ्ट है।

चाचू मेरे मुलायम चूंचियों को जल्दी जल्दी मसल रहे थे। चाचू ने मेरी ब्रा की हुक पीछे से खोल दी। चाचू के ब्रा के हुक खोलते ही मेरी ब्रा ढीली हो गई। मैंने अपनी ढीली ब्रा को निकाल दिया। चाचू मेरे चूंचियों को पीने लगे। चाचू मेरी दोनों चूंचियों को अपने हाथों में लेकर खेल रहे थे। चाचू मेरी मुलायम चूंचियों की बड़ी तारीफ़ कर रहे थे। चाचू मेरी दोनों चूंचियों को बारी बारी से पी रहे थे। मैंने चाचू के लौड़े को अपने हाथों में पकड़ लिया। चाचू मेरे मम्मो को अच्छे से चूस रहे थे। मुझे अपने चूंचियो को चुसाना बहुत अच्छा लग रहा था।

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मैंने चाचू का सर अपने चूंचियो में दबा लिया। चाचू के चूंचियो के पीने से मेरी जान निकल रही थी। चाचू जैसे ही अपना जीभ मेरी चूंचियों के निप्पल पर लगाते। मेरी साँसे तेज हो जाती। मै “उ उ उ उ उ…अ अ अ अ अ आ आ आ आ….सी सी सी सी…ऊँ…ऊँ…ऊँ…” चाचू मेरी चूंचियो को काट रहे थे। मेरी चूंचियों का रसपान चाचू ने अच्छे से करके मेरी चूंचियो से खेलना शुरू किया।

चाचू मेरी चूंचियों के निप्पल को पकड़ कर खींचते रहते थे। चाचू का ये खेल मेरी चीखे निकाल देता था। चाचू ने मेरी चूंचियो से खेलना बंद किया। चाचू ने मुझे उठाया। चाचू अब मेरी पैंट को खोल रहे थे। चाचू ने मेरी पैंट को खोल कर निकाल दिया। मुझे अब तो और शर्म आ रही थी। मै चाचू के सामने सिर्फ पैंटी में ही खड़ी थी।

यह कहानी आप antarvasna.live में पढ़ रहें हैं।

चाचू की नजर मेरी पैंटी पर ही टिकी थी। चाचू मेरी पैंटी को भी निकालने के लिए अपना हाथ बढ़ाया। मुझे शर्म आ रही थी। तो मैंने अपना हाथ अपनी पैंटी पर चूत के ऊपर रख लिया। चाचू ने मेरी पैंटी निकाल दी। मै चाचू के सामने अब एक दम से नंगी खड़ी थी। छाचू ने मेरे बदन पर हाथ फेरते हुए।

मेरी चूत पर रखे हाथ के ऊपर हाथ रख दिया। चाचू ने धीऱे धीऱे से अपना मेरा हाथ मेरी चूत से हटाया। चाचू अपनी उँगलियों से मेरी चूत को डाल रहे थे। मै बहुत ही जोश में आ रही थी। चाचू ने अपनी दो अंगुलिया मेरी चूत में डाल दिया। मै “…अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ…आहा …हा हा हा” की आवाज निकालने लगी।

मुझे अपने कान से आग की लपट निकलने का एहसास होने लगा। मैंने अपना हाथ चाचू के लंड पर रख कर चाचू का लौड़ा दबाने लगी। चाचू ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया। मैं बिस्तर पर लेट गई। चाचू ने मेरी दोनों टांगे खोल दी। चाचू मेरी चूत के अच्छे से दर्शन कर लिया। मेरी चूत सावली है।

चाचू ने अपना मुँह मेरी चूत पर लगा दिया। चाचू के मुह चूत पर लगाते ही मैं झड़ गई। चाचू ने अपना जीभ मेरी चूत को चाटने में लगा दिए। चाचू की जीभ मेरी चूत को चाट चाट कर अच्छे से साफ़ कर रहे थे। मैंने भी चाचू का सर अपनी चूत में कस कर दबा लिया।

चाचू ने मेरी चूत से बहते पानी को पीकर अपना प्यास बुझाने लगे। चाचू की प्यास बढ़ गई। चाचू ने अपनी जीभ को और जल्दी जल्दी मेरी चूत पर चलाने लगे। मै तो गर्म हो के मरी जा रही थी। चाचू की जीभ के रगड़ ने मेरी चूत को आग की तरह गर्म कर दिया। चाचू ने अपनी जीभ मेरी चूत के भीतर लंबी करके डालने लगे। चाचू की जीभ मेरी चूत में घुसकर सारा माल चाट कर साफ़ कर दिया। चाचू ने मुझे अपनी पैंट निकाल कर।

अपना लौड़ा थमा दिया। मै चाचू के लौड़े को अपने दोनों हाथों से पकडे हुई थी। चाचू का लौड़ा बिलकुल रॉड की तरह टाइट था। लौड़ा छूते ही बहुत गर्म होने क़्क़ एहसास हो गया। चाचू का लौड़ा मेरी चूत में घुसने को तैयार खड़ा था।

चाचू ने अपना लौड़ा मेरी मुँह में रख दिया। मैं चाचू का लौड़ा चूसने में मस्त हो गई। चाचू ने अपना 10 इंच का लौड़ा मेरी मुँह में ठूंस कर भर दिया। मेरा गला फटा जा रहा था। मैंने चाचू का लौड़ा अपने मुँह से निकाला। चाचू के लंड का टोपा मै चूस रही थी। चाचू के लंड का टोपा चूसने में मुझे बहुत मजा आ रहा था।

चाचू के लौड़े की दोनों गोलियां मै टॉफी की तरह मुँह में लेकर चूस रही थी। मैंने चाचू की गोलियों को खूब मजे ले ले कर चूसा। चाचू को भी अपनी लौड़े की गोलियां चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था। मैंने चाचू की गोलियों को चूसना बंद किया।

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चाचू ने मेरी दोनों टांगों को खोल दिया। चाचू ने अपना लौड़ा मीठी चूत पर रख कर पट पट मेरी चूत पर मार रहे थे। मुझे चूत की इस तरह से खातिरदारी में बहुत मजा आ रहा था। चाचू अपना लौड़ा मेरी चूत में रगड़ कर मुझे चुदने को तड़पा रहे थे। मै अब चुदने को बहुत ही तड़पने लगी। मैं अपनी चूत को मसल रही थी।

चाचू ने कुछ देर बाद अपना लौड़ा मेरी चूत में डाला। मै मम्मी…मम्मी…सी सी सी सी…हा हा हा ….ऊऊऊ …ऊँ…ऊँ..ऊँ…उनहूँ उनहूँ.की आवाज मेरी मुँह से निकल गई ।मैं अपने को कण्ट्रोल नहीं कर पा रही थी। चाचू ने फिर से धक्का मारा इस बार चाचू का पूरा लौड़ा मेरी चूत में घुस गया।

मै जोर जोर से चिल्लाने लगी। मैंने अपनी सील बहुत पहले ही गाजर डाल कर तोड़ ली थी। मैंने चाचू को बताया। चाचू तो चोदने में मस्त थे। मैंने चाचू का लंड अंदर तक लेने लगी। चाचू भी लपा लप अपना लौड़ा अंदर बाहर कर रहे थे। मैंने चाचू के लौड़े से अपनी कमर उठा उठा कर के चुदवाना शुरू किया। आधा लौड़ा चाचू डालते चूत में आधा मै अपनी कमर उठा के डाल लेती थी। चाचू अब मुझे जल्दी जल्दी चोद रहे थे। मुझे भी कमर उठा उठा कर चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था। मैंने अपनी कमर को हवा में उछाल उछाल कर चुदवाना शुरू किया।

चाचू ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया। चाचू अब मुझे हवा में उछाल उछाल कर चोद रहे थे। मुझे फूल जैसे अपने हाथों में पकडे लंड को चूत में फिट करके जबरदस्त चुदाई कर रहे थे। मुझे ऐसी चुदाई में बहुत मजा आ रहा था। चाचू मुझे झूला झुला कर चोद रहे थे। मैंने चाचू का गला बहुत ही तेजी से पकड़ लिया। चाचू की स्पीड बढ़ती ही जा रही थी। चाचू की पैसेंजर अब मेल बन चुकी थी।

मुझे वो जल्दी जल्दी हवा में उछाल कर चोद कर आनंद ले रहे थे।
चाचू ने मुझे फिर से बिस्तर पर लिटा दिया। चाचू ने मेरी दोनों टाँगे मोड़ कर मेरे कान के पास कर दी। चाचू का लौड़ा अब बड़ी आसानी से मेरी चूत के छेद पर लग गया। चाचू ने जोर का झटका मार कर एक ही बार में पूरा लौड़ा अंदर कर दिया।

मै जोर से चीखने लगी। “…उंह उंह उंह..हूँ..हूँ…हूँ…ह मममम अ हह्ह् ह्हह …अई….अई…अई…” की चीख निकाल ली चाचू ने। मुझे अब और ही ज्यादा मजा आने लगा।
मैंने चाचू से कहा-“चाचू मैं झड़ने वाली हूँ”
चाचू-“झड़ जाना थोड़ा रुको”

लेकिन मुझे कंट्रोल नही हुआ। मैंने अपना सारा माल निकाल दिया। मेरा माल निकलते ही चाचू के लंड की भी चुदाई तेज होने लगी। मैंने अपना पानी निकाल दिया। चाचू भी झड़ने वाले हो गए। उन्होंने अपना लौड़ा निकाल कर मेरी मुँह में रख दिया। जोर जोर से मुठ मार कर चाचू ने अपना पूरा माल मेरे मुँह में गिरा दिया। मैंने चाचू का साऱा माल अपने मुँह में भर कर लेटी थी। चाचू ने कहा-“यही तो है इतनी तपस्या का फल।
आशीर्वाद समझ कर पी जाओ”

मैं चाचू के लंड का सारा माल पी गई। फिर बाद में चाचू ने मेरी गांड़ भी फाड़ी। अब तो हम जहां भी मौक़ा पाते हैं। बॉथरूम में भी चुदाई करते हैं। मौक़ा मिलते ही हम कही भी चुदाई कर लेते हैं। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स antarvasna.live पर जरुर दे।

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