दिवाली की रात फटाफट छोटी बहन को चोदा छत पर

Chhoti Bahan ki Chudai :

Chhoti Bahan ki Chudai, Bahan Bhai Chudai, Bahan ki Sex Kahani, Brother Sister Hindi Sex Story – दोस्तों पहले तो आपको भी दिवाली की शुभकामनाएं, आज मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसको पढ़कर आपके होश उड़ जायेंगे। ये कहानी दिवाली की रात की। आज मैं भी आपको अपनी सेक्स कहानी सूना रहा हूँ। क्यों की मैं भी antarvasna.live डॉट कॉम पर हॉट और सेक्सी कहानी पढता हूँ। तो मुझे भी मौक़ा मिल गया है आपको अपनी सेक्स कहानी सुनाने की जो की मेरे बहन की चुदाई की है। यानी की मेरी सगी बहन की चुदाई की कहानी है।

मेरा नाम कुणाल है और मेरी बहन का नाम कशिश है। मैं 22 साल का हूँ और मेरी बहन कशिश 21 की है। मैं पंजाब के एक कॉलेज में पढता हूँ और मेरा गाँव वाराणसी के पास है। मैं दिवाली में अपने घर आया था। दिवाली मनाने के लिए और मेरी दिवाली जबरदस्त मनी। क्यों की जिस चीज की चाहत बरसों से थी वो मुझे मिल गया तो और मुझे क्या चाहिए आप खुद सोचिये एक वर्जिन चुत की चुदाई से बढ़कर इस दुनिया में कुछ है ? कुछ भी नहीं है दोस्तों आज मैं आपको हॉट नहीं कर दूँ और लंड नहीं खड़ा कर दूँ और औरतों और लड़कियों की चूत ना गीली करवा दूँ इस कहानी को पढ़ते पढ़ते तो मेरा नाम कुणाल नहीं। 

मैं अपने गाँव 1 नवंबर को ही पहुंच गया था। मेरा इंतज़ार मेरे मम्मी पापा और मेरी छोटी बहन बेसर्बी से कर रहे थे। ऐसा होता है दोस्तों जब घर का कोई सदस्य घर से बाहर रहता है और जब वो आ रहा होता है तो घर वाले उसका इंतज़ार करते ही हैं। लाड प्यार भी मिलता है घर आने के बाद ऐसा मेरे साथ भी हुआ था। शॉपिंग हुई मेरे और मेरी बहन के लिए मैं शानदार कुर्ता पजामा और बहन के लिए एक वेस्टर्न ड्रेस जो की काफी सेक्सी था। 

मेरी बहन जब अपना ड्रेस पहनी तो उसकी गांड और चूचियां उभर कर आ गया उसकी जवानी छलक रही थी उसके ड्रेस में से। ड्रेस भी वन पीस था वो भी घुटनो से ऊपर तो गोरी जांघ भी दिख रही थी और थोड़ा ऊपर चलिए तो उसका चूतड़ का उभार, ऐसी सेक्सी फिगर देखकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाये। और मेरे साथ तो ऐसा ही हुआ मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थी। 

शाम होते होते ऐसा लग रहा था की मैं मूठ मार लूँ क्यों की ये सब बर्दाश्त के बाहर हो रहा था। पर दिवाली का दिन था लोग आ जा रहे थे और मम्मी बोली पूजा में बैठने के लिए। करीब 9 बजे पूजा ख़तम हुआ। तो तुरंत ही मम्मी पापा और भाई बहन खाना खाने बैठ गए। तभी मासी का फ़ोन आ गया जो मेरे घर से करीब 5 मिनट का पैदल रास्ता है। मासी मम्मी पापा दोनों को अपने यहाँ बुला रहे थे। वो दोनों जल्दी जल्दी मासी के यहाँ जाने लगे और हम दोनों को कहते गए सब जगह दीया जल गया है। छत पर जाकर तुम दोनों से मोमबत्ती जला दो चारों और क्यों की वह अभी तक अँधेरा होगा। 

वो दोनों निकले की मैं दरवाजा बंद कर दिया। हम दोनों मोमबत्ती लेकर छत पर चढ़ने लगे। वो आगे आगे सीढ़ी पर थी और मैं ठीक उसके पीछे पीछे। अब गांड का उभार और भी आ रहा था और कमर हिल रहा था। मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैं सिसकारियां ले लिया तो मेरी बहन पीछे मुड़कर बोली क्या हुआ अभी तक मिर्ची लग रही है क्या। पनीर में तो मिर्ची थी भी नहीं। मैं कुछ नहीं बोल पाया और ऊपर चढ़ने लगा। 

छत पर अँधेरा था। मेरी धड़कन तेज तेज चलने लगी। मुझे लगा की मैं इजहार कर दूँ अपनी बात बता दूँ की आज मैं क्या सोच रहा हूँ उसके लिए। पर डर लग रहा था की कही उसे बुरा न लग जाये। पर मेरी धड़कन तेज तेज बढ़ ही रही थी। मेरी बहन भी खूब मचल रही थी। पर मैं चुपचाप अपनी जज्बात को अपने दिल में समाये मोमबत्ती लेकर घूम रहा था। अचानक मेरी बहन बोल दी क्या बात है कुछ परेशां लग रहे हो। 

मैं चुप रहा वो फिर से बोली कहो  क्या बात है। मैं चुप रहा। वो अब मेरे पास आ गयी और मुझे घूरने लगी और बोली बोली क्या बात है। अब मेरे से क्या छुपाना क्या हुआ। तो  मैं उसकी तरफ देखा और बोला आज तुम बहुत ही सुन्दर लग रही हो। तो वो हसने लगी और बोली इसी लिए तुम उदास हो। मैं बोल पड़ा नहीं नहीं इसलिए हूँ क्यों की तुम हॉट और सेक्सी लग रही ही और मेरे दिल में कुछ कुछ हो रहा है। वो बोली अच्छा क्या लग रहा है। तो मैंने कहा मेरी धड़कन तेज तेज चल रहा है और बार बार होठ मेरे सुख रहे हैं। इतना बोलते बोलते लड़खड़ा गया मुझे लगा की कहि मैं कुछ गलत तो नहीं बोल गया मेरे होठ कांपने लगे। 

वो अपना हाथ फैला दी छत पर अन्धेरा था पर हम दोनों एक दूसरे को साफ़ साफ़ देख रहे थे। वो मुझे अपनी बाहों में बुला रही थी। मैं भी दोनों हाथों के फैलाते हुए उसको अपने सीने से लगा लिया। उसने मेरे गाल पर किस कर दी। मैं उसके पीठ को सहलाते हुए उसके गाल पर किस कर दिया। उसकी बड़ी बड़ी टाइट गोल गोल चूचियां मेरे सीने से चिपकी हुई थी मेरा लंड खड़ा होने लगा था और मेरी धड़कन तेज तेज होने लगी थी। 

मुझे लग रहा था क्या करूँ। कभी उसके गाल को छूता कभी पीठ सहलाता कभी अपनी और खींचता। पर वो चुपचाप थी पर उसकी साँसे तेज तेज चलने लगी मैं उसकी गरम गरम साँसों को महसूस कर पा रहा था। मैं उसके होठ पर अपना होठ रखने लगा तो वो बोली अरे नहीं नहीं ऐसा नहीं। मैं बोला आज मत रोको मुझे। वो बोली रिश्ते भी कोई चीज होती है। मैं तुम्हारी बहन हूँ। मैं बोला मैं मर जाऊंगा अगर आज मुझे तुम नहीं दोगी तो। मैं पागल हो गया हूँ। 

वो बोली ठीक है आराम आराम से मैं उसके होठ को चूसने लगा और उसके पीठ को सहलाने लगा। उसके होठ पर मेरे होठ लॉक हो रहे थे पर उसके तरफ से अभी ज्यादा कुछ नहीं हो रहा था। मैं अचानक से उसकी चूचियों को पकड़ लिया और जोर से दबा दी। उसकी चूचियाँ दबते ही वो पागल हो गयी और मेरे पर टूट पड़ी। वो मेरे होठ को चूसने लगी मेरे माथे को सहलाने लगी मेरे बाल में अपनी उँगलियाँ फिराने लगी। 

ओह्ह्ह दोस्तों क्या बताऊँ हम दोनों ही एक दूसरे को चूस रहे थे सहला रहे थे। हम दोनों थोड़ा साइड हो गए जहा पानी का टंकी था। और मैंने तुरंत ही उसके चूत को गांड को सहलाने लगा। तुरंत निचे से उसके कपडे ऊपर कर दिया चौड़ी गांड अब मेरे सामने थी सफ़ेद कलर की पेंटी अब दिखाई दे रही थी। 

उसने कहा धीरे धीरे करना और जल्दी कर लो मम्मी पापा आने वाले ही होंगे। जब वो दोनों घर में नहीं रहेंगे मैं आराम से दूंगी। आज जल्दी जल्दी कर दो। मैं बोला ठीक है। तुरंत ही उसको मैं झुकने के लिए कहा और उसकी पेंटी उतार दी। 

छूट पर हाथ फेरा तो गीली थी। मैंने तुरंत ही अपना लंड निकला और घुसाने लगा पर जा नहीं रहा था। क्यों की मैं जल्दीवाजी कर रहा था लंड छटक रहा था। पर उसने खुद ही लंड को सेट किया और दोनों पैरों को अलग अलग की और थोड़ा झुकी और बोली धीरे धीरे धक्के दो। मैं वैसा ही किया तीन से चार झटके में मेरा लंड अंदर चला गया। 

चौड़ी चूतड़ देखकर पागल हो रहा था और लंड चूत में समाया हुआ था तो मेरे पुरे शरीर में करंट दौड़ रहा था सिहरन हो रही थी मेरे पुरे शरीर में। अब मैं जोर जोर से धक्के देने लगा वो भी आह आह आह ओह्ह्ह्हह ओह्ह्ह करने लगी। मुझे वो मिल गया था जिसका मुझे इंतज़ार था। मैं चोद रहा था जोर जोर से लंड चुत में पेल रहा था। 

दोस्तों उसकी गांड जब मेरे लंड से टकराती पर लंड उसकी चूत में घुसती तो ये ऐसा लग रहा था जैसे की मैं जन्नत में हूँ कभी कभी उसकी चूचियों को भी दोनों हाथ से पकड़ लेता और मसलने लगता कभी उसकी गांड पर थप्पड़ मारता। ओह्ह्ह्ह मेरा तो निकलने ही वाला था तभी डोर बेल बज गया। वो दोनों वापस आ गए थे। 

कशिश तुरंत ही छटक कर अलग हो गयी पेंटी ढूढ़ने लगी और तुरंत ही पेंटी पहनी और भागी निचे। और जाकर गेट खोली। मैं अपना लंड हाथ में लेकर थोड़ा थूक लगा कर हिलाने लगा हस्थमैथुन करने लगा। और करीब तीस सेकंड में ही पूरा माल वही निचे गिरा दिया। 

और मोमबत्ती जलाने लगा। करीब पांच मिनट में ही वो तीनो ऊपर आ गए। मेरी माँ गलती से उधर चली गयी जिधर मैं अपना माल गिराया था उसके पैर में लग गए तो बोली पता नहीं क्या चिपचिपा सा लग गया मेरे पैर में। मेरी बहन मेरे तरफ देखने लगी वो समझ गयी की मैंने ही अपना वीर्य गिराया है। फिर हम चारो मिलकर दिवाली का आनंद लेने लगे। पर मेरी बहन मेरे से बार बार नजर चुरा रही थी। 

पर आज मुझे दो दिन में ही पेलने दी वो कहानी मैं आपको कल सुनाऊंगा। उसके पुरे कपडे उतार कर चोदे आज, तो कल मैं आपको पूरी कहानी कैसे कैसे क्या हुआ वो सब बताऊंगा antarvasna.live डॉट कॉम पर तब तक के लिए धन्यवाद.

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