दीदी को जमकर चोदा आंधी तूफान में

Brother Sister Hindi Sex Story – मेरा नाम अजय है, और मैं 23 साल का एक जवान, गठीला लड़का हूँ। मेरा 9 इंच का मोटा, काला लंड किसी भी औरत की चूत में आग लगा देता है। मेरी बड़ी दीदी, रानी, 27 साल की एक हॉट, चुदास भरी औरत है। उसका गोरा, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर मेरे लंड को हर बार तड़पा देता था। उसके रसीले होंठ, गुलाबी निप्पल, और गीली चूत चुदाई का खुला न्योता देते थे। उसकी मादक आँखें और मटकती चाल मुझे पागल कर देती थी। दीदी की शादी टूट चुकी थी, और वह हमारे साथ ही रहती थी। उसकी चुदास भरी हरकतें मेरे लंड में आग लगा देती थीं। ये कहानी उस रात की है, जब मैंने आंधी तूफान की रात में दीदी को जमकर चोदा और उसकी चूत को अपने लंड से फाड़ दिया।

हम एक छोटे से शहर में रहते थे, जहाँ बारिश और तूफान आम थे। दीदी की भूखी नजरें मेरे गठीले बदन और पैंट में उभरे लंड पर टिकती थीं। मैं जानबूझकर टाइट बनियान और शॉर्ट्स पहनता, ताकि मेरा लंड उसे ललचाए। एक बार, जब मैं नहाकर निकला, सिर्फ तौलिया लपेटे हुए, दीदी ने मेरे लंड के उभार को देखा और बोली, “अजय, तेरा लंड तो किसी की चूत में आग लगा दे।” मैंने शरारत से जवाब दिया, “दीदी, मेरी चूत तो तेरे लंड की भूखी है।” मेरी बात ने उसकी चुदास को भड़का दिया। उस रात, मौसम खराब था। बाहर आंधी तूफान चल रहा था, और बिजली गुल थी। मम्मी-पापा गाँव गए थे, और हम घर पर अकेले थे।

मैंने मौके का फायदा उठाने का फैसला किया। दीदी ने एक पतली, पारदर्शी नाइटी पहनी थी, जिसमें उसके सख्त निप्पल और गीली चूत साफ दिख रहे थे। बिजली की चमक में उसका बदन और मादक लग रहा था। मैंने उसे अपने कमरे में बुलाया और कहा, “दीदी, आज रात मेरे साथ सो, बाहर तूफान बहुत तेज है।” उसकी आँखें चुदास से चमक उठीं, और वह मेरे कमरे में आ गई। मैंने दरवाजा बंद किया और उसे अपनी बाहों में खींच लिया। “दीदी, तेरी चूत को आज मेरे लंड से चोदूँगा,” मैंने मादक आवाज में कहा। उसने मेरे होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और उसका मोटा लंड मेरी जाँघों से टकरा रहा था।

मैंने दीदी की नाइटी फाड़ दी, और उसकी बड़ी, नंगी चूचियाँ मेरे सामने उछल पड़ीं। उसके निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और उसकी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड मेरे सामने नंगी थी। उसका चूत का रस उसकी जाँघों पर टपक रहा था। मैंने उसके चूचों को दोनों हाथों से पकड़ा और जोर-जोर से दबाने लगा। मेरी उंगलियाँ उसके निप्पलों को मसल रही थीं, और उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “अजय, तेरे हाथ मेरी चूचियों को जन्नत दे रहे हैं,” उसने सिसकारी के साथ कहा। मैंने चुदास में चीखते हुए कहा, “दीदी, तेरी चूत को आज मेरे लंड से फाड़ दूँगा।” मैंने उसके एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चबा रहा हो।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  गर्लफ्रेंड की माँ को चोदा उनके ही घर में  

मेरी जीभ उसके निप्पल को चाट रही थी, और उसकी चीखें तूफान की आवाज में मिल रही थीं। मैंने उसके दूसरे चूचे को अपनी उंगलियों से मसला, और उसके गुलाबी निप्पल को खींचकर उसकी सिसकारियाँ और तेज कर दीं। दीदी ने मेरी शॉर्ट्स उतार दी, और मेरा 9 इंच का मोटा, काला लंड उसके सामने तन गया। उसकी आँखें चुदास से चमक उठीं। “अजय, तेरा लंड मेरी चूत को चोदने के लिए बना है,” उसने मादहोश होकर कहा, और मेरे लंड को अपने रसीले होंठों में लिया। वह मेरे लंड को गहराई तक चूस रही थी, और मेरी सिसकारियाँ निकल रही थीं। मैंने उसके बाल पकड़कर उसका मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया, और वह मेरे लंड को चाट रही थी।

मैंने दीदी को बिस्तर पर लिटाया और उसकी जाँघें चौड़ी कीं। मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू किया, और मेरी जीभ उसकी चूत के दाने को चूस रही थी। दीदी अपनी गांड को हिलाकर मेरा मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थी। उसकी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और उसकी सिसकारियाँ तूफान की आवाज को दबा रही थीं। “अजय… मेरी चूत को चोद… इसे फाड़ दे,” उसने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने अपना मोटा, काला लंड उसकी गीली चूत में डाल दिया, और दीदी चीख पड़ी। मेरा लंड उसकी चूत को चीर रहा था, और वह सुख से सिसकार रही थी। मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और उसके चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे।

मैंने उसकी गांड को हिलाकर मेरा लंड और गहरा लिया, और उसकी सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं। मैंने उसके चूचियों को मसला, उसके निप्पलों को चूसा, और उसकी चूत को अपने लंड से रगड़ने लगा। उसकी चूत से रस टपक रहा था, और मेरा लंड उसकी चूत की गहराई तक जा रहा था। “रानी दीदी, तेरी चूत तो मेरे लंड की गुलाम है,” मैंने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, अजय… मेरी चूत को और जोर से चोद… इसे सुजा दे,” उसने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी गोल गांड को थप्पड़ मारते हुए अपना लंड उसकी चूत में फिर से डाल दिया। मेरा लंड उसकी चूत को चीर रहा था, और वह चुदास में चीख रही थी।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  मेरे भाई ने मुझे बहूत चोदा गांड भी मारा और चूचियां भी दबाया

मैंने दीदी की गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और फिर धीरे-धीरे अपना मोटा लंड उसकी गांड में डाल दिया। दीदी दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन उसकी गांड ने मेरे लंड को गले लगा लिया। मैं उसकी गांड को जमकर चोद रहा था, और उसके चूचे हवा में उछल रहे थे। “अजय… मेरी गांड को चोद… मेरी चूत को फाड़ दे,” दीदी ने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने उसके चूचियों को मसला, उसकी गांड को थप्पड़ मारे, और उसकी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा। उसकी चूत बार-बार झड़ रही थी, और उसका रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था। बाहर तूफान की आवाज और अंदर हमारी चुदाई की सिसकारियाँ एक मादक संगीत बना रही थीं।

चुदाई का दौर घंटों चला। मैंने दीदी को अलग-अलग पोजीशन में चोदा। एक बार मैंने उसे अपनी गोद में बिठाया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। उसके चूचे मेरे चेहरे पर उछल रहे थे, और मैं उसके निप्पलों को चूस रहा था। फिर मैंने उसे दीवार के सहारे खड़ा किया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। उसकी चीखें और सिसकारियाँ तूफान की आवाज में मिल रही थीं। “अजय, तेरा लंड मेरी चूत की जान है,” उसने फुसफुसाया। मैंने उसकी चूचियों को सहलाया और बोला, “दीदी, तेरी चूत मेरे लंड की रानी है।”

“रानी दीदी, मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ,” मैंने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, अजय… मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दे,” दीदी ने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने अपने धक्के और तेज किए, और फिर अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी उसकी चूत में मारी। दीदी सुख से चीख पड़ी, और उसकी चूत मेरे वीर्य से लबालब भर गई। मैंने उसके चूचियों, रसीले होंठों, और पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और उसने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। उसका बदन मेरे वीर्य से गीला और चिपचिपा हो गया था। हम दोनों हाँफ रहे थे, और उसकी चूत और गांड चुदाई से सुज गई थी।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  सगी बुआ के लड़के को मैंने चूत पिलाई और कसके चूत चुदवाई

उस रात के बाद, दीदी मेरी चुदास की गुलाम बन गई। हर बार जब मम्मी-पापा घर पर नहीं होते, मैं दीदी को चोदने के लिए उसके कमरे में जाता। एक बार मैंने उसे रसोई में चोदा। उसने एक टाइट साड़ी पहनी थी, और मैंने उसे काउंटर पर झुकाकर उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया। वह चुदास में चीख रही थी, और उसकी चूत मेरे वीर्य से भर गई। दूसरी बार, मैंने उसे बाथरूम में चोदा। मैंने उसे शावर के नीचे खड़ा किया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से चोदा। पानी उसके चूचों पर टपक रहा था, और उसकी सिसकारियाँ बाथरूम में गूँज रही थीं।

कभी-कभी, हम रात में मेरे कमरे में चुदाई करते। एक रात, मैंने दीदी को अपने लंड पर बिठाया और उसकी चूत को जोर-जोर से चोदा। उसने मेरे लंड को चूसकर मुझे और उत्तेजित किया, और फिर मैंने उसकी गांड में अपना लंड डालकर उसे चरम सुख दिया। उसकी चीखें और सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मम्मी-पापा को कभी शक नहीं हुआ, क्योंकि हम चुपके से अपनी चुदाई का खेल खेलते थे। एक बार, जब मैं दीदी की चूत को चोद रहा था, मम्मी ने अचानक फोन किया। मैंने फोन उठाया, और दीदी ने मेरे लंड को अपनी चूत में और गहरा लिया। मैं सिसकारियों को दबाते हुए मम्मी से बात कर रहा था, और दीदी की चूत मेरे वीर्य से भर रही थी।

दीदी की चूत मेरे लंड की दीवानी थी, और मेरा लंड उसकी चूत का गुलाम। उस तूफानी रात की चुदाई मेरी जिंदगी का सबसे मादक अनुभव था। हर बार जब मैं उसकी चूत और गांड को चोदता, उसकी सिसकारियाँ मेरे कानों में संगीत की तरह बजती थीं। मैंने सोचा कि आंधी तूफान में दीदी को जमकर चोदना मेरे लिए जन्नत का सुख था। उसकी चूत मेरे लंड की गुलाम बन चुकी थी, और हमारी चुदाई की आग कभी ठंडी नहीं हुई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *