पाल पोसकर जवान किया फिर 2 जनवरी को पहली बार चुदवाई

Pal poskar jawan kiya fir 2 January ko pahali bar chudwayi, मैं 31 साल की हूँ मेरा नाम सुमन है, विधवा हूँ, दुश्मनो ने मेरे पुरे खानदान को ख़तम कर दिया था। बस मैं बची और मेरा एक देवर जो की सिर्फ 10 साल का था उस समय, घर से बहुत धनी हूँ। पर इससे भोगने वाला कोई नहीं है। मेरा कोई बच्चा नहीं है। मैंने अपने देवर को पालपोस कर बड़ा की। १ जनवरी को वो 21 साल का हुआ। उसने मुझे १ जनवरी को बोला की अब हमलोग नए साल से एक नई ज़िंदगी जियेंगे। हमारे ज़िंदगी में इतनी मुश्किलें आई पर अब नहीं चाहते हैं की आगे मुश्किल आये मैं भी अब्ब २१ साल का हो गया है ज़िंदगी को नए सिरे से जीना चाहता हूँ।

मैं बोली शादी के 15 दिन बाद ही मेरी ज़िंदगी उजड़ गया था पर आपके सहारे ही मैं ज़िंदगी को जीने के लिए सोची। यहाँ तक की मेरे घरवाले भी मुझे दूसरी शादी के लिए कहा पर मैं सोची की मैं दूसरी शादी नहीं करुँगी। और आपके बड़े होने का इंतज़ार करने लगी। मैं अपने घर और धन दोनों को बचा कर रखी अगर मैं गलत होती तो मैं आज यहाँ नहीं होती सारा साम्राज्य बेच कर और और गुलछर्रे उड़ा रही होती। पर मैं आपके लिए ही यहाँ थी।

तो देवर जी ने कहा की मुझे भी पता है आपको कोई भी खुशियां नहीं मिली। पर इस नए साल से मैं आपको पूरी खुशियां दूंगा जो आपको नहीं मिला। दोस्तों 1 जनवरी को मैं बहुत खुश हुई क्यों की मैं अब से सोच ली थी एक अच्छी ज़िंदगी जिऊंगी। अपने देवर के साथ लखनऊ घूमी खाना खाई। सिनेमा देखि और रात में घर आकर नए साल का खूब जश्न मनाई।

हिंदी सेक्स स्टोरी :  Sexy Bhabhi ki Chudai

२ जनवरी की बात है। शाम को हम दोनों खाना खाकर छत पर टहलने गए , देवर जी जिनका नाम रवि है। उन्होंने पूछा भाभी आप एक बात बताओ क्या आपको ज़िंदगी में किसी चीज की कमी महसूस नहीं हुई ? मैं पूछी कैसी कमी तो वो बोला भैया का देहांत शादी के पंद्रह दिन बाद ही हो गया था। आप नई नवेली दुल्हन थी। लोग शादी इसलिए करते हैं ताकि उसको शारीरिक और मानसिक शांति मिल सके। पर आपको तो दोनों ही नहीं मिला आज आप 31 साल की हैं। आपको कभी नहीं लगा की इंसान की शारीरिक जरूरत पूरी करने चाहिए ? आप हमेशा अलग कमरे में सोये और मुझे अलग कमरे में सुलाय। आखिर क्या कारन है मैं जानना चाहता हूँ।

तो मैं बोली मैं आपके 21 साल होने का इंतज़ार कर रही थी। ताकि मैं आपके साथ ज़िंदगी जी सकूँ। मैंने प्रण की थी की मैं कभी भी २१ साल के पहले हाथ नहीं लगाउंगी और मुझे आपके भैया छुए थे और जब आप बड़े और जवान हो जायेंगे तो मुझपर अधिकार होगा। हम दोनों हवेली की छत पर ही ये सब बाते कर रहे थे। ये सब बात सुनकर देवर ही बोले तो मैं कल ही 21 का हो गया है आ २ जनवरी है तो आपने क्या सोचा? तो मैं बोली सेज सजा ली हूँ। गुलाब की पंखुड़ी पलंग पर है। आज से नई ज़िंदगी जीना चाहती हूँ आज अपना सारे ख्वाइश पूरी करना चाहती हूँ। अब मैं माँ बनना चाहती और आपको पति बनाना चाहती हूँ।

हिंदी सेक्स स्टोरी :  देवर बड़ा रंगीला चोदे मुझे अलग अलग तरीके से

ये सुनकर वो मेरे आँखों में आँख डालकर खड़े हो गए मेरे गाल पकड़ लिए पर मैं बोली नहीं अभी नहीं मैं १० साल इंतज़ार की हूँ आज के लिए ऐसे छत पर नहीं। आप जाओ तैयार होकर आओ जैसे की दूल्हा आता है आपके लिए कपडे तैयार कर दी। कमला बाई आपका कपड़ा आलमारी में रख कर गई है। आप कमरे में बैठना मैं तैयार होकर आती हूँ।

यह कहानी आप antarvasna.live में पढ़ रहें हैं।

और दोस्तों मैं करीब एक घंटे बाद वही सब कपडे जो मेरे शादी के दिन के थे वही पहन कर तैयार हुई सिंदूर लगाई। और कमरे में आ गई दूध का गिलास लेकर। मेरा देवर जो अब मेरा पति बन गया है। पाल पोस कर बड़ा की ताकि मैं पति बना सकूँ। दूध दी दूध पीया वो भी चकम रहे थे सिल्क के कुर्ते में। पलंग पर लेट गई पुरे कमरे में गुलाब की खुशबु आ रही थी।

उन्होंने मेरे ब्लाउज की डोरी पीछे से खोला। ब्रा का हुक खोला और पीठ पर किस किया मैं मचल गई। क्यों की मैं दस साल बाद रिश्ते बनाने जा रही थी। मैं गोद में लिटा लिए और अपनी चूचियां रवि के मुँह में दे दी। वो मेरी चूचियों को पीने लगा और मैं बाल सहलाने लगी वो हौले हौले दबा भी रहा था। मेरे मुँह से सिसकारिआं निकल रही थी। मैं पानी पानी हो गई थी। मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी मेरे पुरे शरीर में हलचल हो रही थी। मैं लेट गई और वो मेरे ऊपर चढ़ गया।

दोस्तों मैं अपने साडी को उतार दी पेटीकोट का नाडा ढीला कर दी। उसने खुद ही पेटीकोट खोला निकाला मेरे कमर से लाल लाल वस्त्र थे सारे। वो मेरी चूत को चाटने लगा। मैं उसके बाल पकड़ कर चटवाने लगी। मैं वासना की आग में धधक रही थी। अब मेरे से रहा नहीं जा रहा था। मैं बोली अब मेरी प्यास बजा दो और उसने अपना लौड़ा निकाला और मेरे चूत पर रख कर घुसा दिया। दोस्तों जिसको मैं बड़ा की आज उसी से जिस्म की गर्मी पूरी कर रही थी। जैसे आप बकरे पालते हैं और एक दिन काट कर खाते हैं। मैं भी आज वही कर रही थी।

हिंदी सेक्स स्टोरी :  विधवा मकान मालकिन हूँ चुदाई की आदत लग गई है

वो मेरी चूचियों को दबा रहा था और मुझे चोद रहा था। मैं चुदवा रही थी। चूचियां मुँह में दे रही थी। हरेक तरफ से खुश कर रही थी। अनाड़ी था पर मैं उसे चोदना सीखा रही थी। और पहली रात को करीब 4 बार हम दोनों ने पति और पत्नी की तरह चुदाई की एक दूसरे को खुश की। दोस्तों आज से मेरी ज़िंदगी में एक नई खुशियां आई है। अब मैं अपने देवर को पति बना ली हूँ। आज इसलिए मैं आप सभी दोस्तों को antarvasna.live पर अपनी कहानी शेयर कर रही हूँ। आप सब मेरे लिए दुआ कीजिये ताकि मेरी ज़िंदगी अब अच्छी चले.

आपने antarvasna.live में अभी-अभी हॉट कहानी आनंद लिया लिया आनंद जारी रखने के लिए अगली कहानी पढ़े..

कहानी की Category देखने के लिए यहाँ Click करें

antarvasna.live में कहानी पढ़ने के लिये आपका धन्यवाद, हमारी कोशिश है की हम आपको बेहतर कंटेंट देते रहे!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *