पीरियड के दौरान अपने बेटे से के साथ सोती और चुदती हूँ


Period Me Ma Beta Sex Story : कुछ ऐसी चीजें इंटरनेट पर पढ़ने को सुनने को देखने को मिलते हैं। जिसके बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है। विश्वास करना भी मुश्किल हो जाता है। पर हां यह सच है आज मैं भी आपको एक ऐसे ही ना विश्वास करने वाले सेक्स कहानी के बारे में बताने जा रहे हो। क्योंकि मैं खुद भुक्तभोगी हूं। मेरी कामवासना मेरी अंतर्वासना जाग जाती है जब मेरा पीरियड आता है। जब मैं माहवारी के दौर से गुजरती हूं महीने के 5 दिन, वह दिन मेरे लिए काफी मुश्किल भरा हो जाता है। मैं सारे बंधनों को तोड़कर मैं कुछ ऐसा कर जाती हूं जो शायद एक मां नहीं करते हैं।


नॉनवेज स्टोरी के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार, यह मेरी पहली कहानी है इस वेबसाइट पर मैं चाहती हूं यह कहानी आपको पसंद आए क्योंकि मैं आपकी भी कहानियां पढ़ते हैं इस वजह से आज मैं यह कहानी लिख रही हूं। कोशिश करूंगी कि आपको मैं अपनी भावनाओं को अपने वासनाओं को बता सकूं। मैं ऐसा कैसे कर लेती हूं अपने बेटे के साथ सेक्स संबंध बना लेती हूं वह मना करता है फिर भी मैं नहीं मानती। ऐसी कहानियां तो आपने होगी जिसमें बेटा चाहता है मां के साथ सेक्स करने के लिए पर मां नहीं चाहती है। पर मेरे केस में उल्टा है मेरा बेटा नहीं चाहता है कि अपनी मां के साथ सेक्स संबंध बनाओ पर मैं चाहती हूं कि मेरा बेटा मेरे साथ सोए और सेक्स संबंध बनाए।

मेरा नाम पुष्पा है मैं 42 साल की औरत हूं। मेरे पति नहीं है मेरा इकलौता बेटा है। मैं कोटा में रहती हूं वहीं पर मेरा बेटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। दिनभर मैं अकेली रहती हूं मेरा बेटा कॉलेज जाता है। खुले स्वभाव की हो गई हम खुले विचार के हो गए हो अब मुझे ऐसा नहीं लगता कि दुनिया में कोई भी चीज अजूबा है सब कुछ पॉसिबल है अगर आपके पहुंच तक है कोई बात तो। आप किसी के साथ बेशक संबंध बना सकते हैं।


जब से मेरे पति मुझे छोड़कर किसी और औरत के साथ चले गए उसके साथ शादी करके घर बसा लिए। तब से मेरी चूत की खुजली मिट नहीं रही थी। खुद से ही अपने चुचियों को दबा लेते थे अपने चूत पर हाथ फेर लेते थे। पर इससे मेरे वासना कम नहीं होती थी। मेरी वासना और भी ज्यादा भड़क जाते थे जब मेरा पीरियड आता था जब मेरी माहवारी आती थी। जब मेरी मां बारी आती थी तो ऐसा लगता था कोई मुझे चोद दे। मैं इतना ज्यादा व्याकुल हो जाती हूं अभी भी हो जाती हूं बहुत चुदने का मन करता है। पर आपको पता है आजकल घर से बाहर किसी के साथ सेक्स संबंध बनाना रिलेशनशिप में रहना बहुत मुश्किल बड़ा काम है।

इसे भी पढ़ें  शराबी पति को सुलाकर मैं भैया से चुदवाती हूँ

आप मुझे मेरी आदत कहिए या मुझे एक नई बीमारी कहिए शुरुआत के 2 दिन जब मेरा पीरियड ज्यादा आता है मेरे चूतड़ ज्यादा गीली रहती है। तो मेरे कामवासना भड़क जाती हैं। ऐसे में मेरे सामने और कोई नहीं बस मेरा बेटा होता है। 1 दिन की बात है रात के 9:00 बजे मेरा पीरियड आ गया था। उस समय मैं मां बेटा दोनों ही नेटफ्लिक्स पर मूवी देख रहे थे। मेरे अंदर की ज्वाला धधक रही थी मैं खुद ही अपनी चुचियों को दबाने लगी रजाई के अंदर ही। मैं खुद ही अपने दांतो को पीस रही थी अपने होंठ को अपने दांतो के साथ दबा रही थी।

मेरा बेटा भी बगल में ही था। मैंने कहा अपने बेटे से बेटा मुझे माफ करना आज मैं कुछ ऐसा करने वाली हूं तेरे साथ जो एक मां अपने बेटे के साथ नहीं करते या तुम मुझे माफ कर देना। और अगर तुमने मेरे साथ कुछ नहीं किया तो यह समझ कि मैं पागल हो जाऊंगी। अगर तुम चाहते हो कि मेरी आग घर में ही बुझ जाए तो बहुत अच्छी बात है नहीं तो अपने घर की इज्जत अपने मां को कहीं बाहर क्यों भेजेगा।

मेरा बेटा : क्या हुआ मम्मी आप ऐसा क्यों बोल रही हो ?


मैं: बेटा जब मैं पीरियड में होती हूं तुम मुझे सेक्स करने का मन करता है तुम इसको बीमारी समझ सकते हो।


मेरा बेटा : तो तुम डॉक्टर से क्यों नहीं दिखा देते हो?

मैं : इसमें डॉक्टर क्या करेगा अगर मुझसे कोई सेक्स कर ले तो मेरी दिक्कत खत्म हो जाएगी।


मेरा बेटा : ऐसा हो नहीं सकता मम्मी आप गलत बोल रहे हो

मैं : अगर तुमने मेरे साथ अगर कुछ नहीं किया तो यह समझ कर तेरी मम्मी पागल हो जाएगी अगर तुम्हें लगता है कि तेरी मम्मी पागल ही सही तो ठीक है कुछ मत कर

इसे भी पढ़ें  मैंने अपनी दीदी को प्रेग्नेंट किया मैं बाप बनने वाला हूँ वो माँ

इतना बोलते बोलते मेरे हाथ पांव और मेरे होंठ हिलने लगे थे। मैं तड़पने लगी थी। मुझसे रहा नहीं गया और मैं तुरंत अपने बेटे के ऊपर चढ़ गई और उसको चुगने लगे उसको किस करने लगी।

अच्छा नहीं लग रहा था मेरे बेटे को यह सब पर मैं करती क्या? मैंने तुरंत ही उसका लंड पकड़ लिया और उसके को चूसने लगने लगी उसके गाल को चूमने लगी। मैंने तुरंत ही अपनी नाइटी उतार कर अपना ब्रा भी खोल दिया। मैंने अपनी चुचियों को पकड़कर उसके मुंह में देने लगे। वह पहले मना कर रहा था। पर मैं अपनी चूत को उसको जांघो पर रगड़ने लगी थी।

कोई जवान लड़के के ऊपर आप चढ़ जाओ और अपने ब्रा को खोल दो बड़े-बड़े चूचियां उसको देने लगे दबाने के लिए पीने के लिए औरत ने चूत को उसके शरीर से रगड़ने लगा। तो दुनिया का कोई भी इंसान तुरंत चोदने के लिए तैयार हो जाएगा। यही हाल हुआ मेरे बेटे के साथ उसे तुरंत मुझे नीचे पटक दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया। बोला मम्मी अगर तुम्हें बहुत गर्मी हो गई है अगर तेरे वासना भड़क गई है तो आज मैं तेरी वासना को शांत कर दूंगा।

उसने अपना मोटा लंड निकाला और पहले मेरे मुंह में डाल दिया मैं उसके लैंड को चूसने लगी। मेरे दोनों चूचियों को मसलने लगा मेरे निप्पल को अपने दांतों से काटने लगा। मुझे उल्टा करके मेरी गांड को चाटने लगा अपना उंगली में गांड के अंदर डालने लगा। उसके बाद मुझे सीधा करके दोनों पैरों को अलग अलग किया और मेरी चूत को देखने लगा। मेरे चूत में पीरियड लगा हुआ था काफी ज्यादा गिरी थी। जरा सा भी ऐसा कुछ नहीं लगा कि मेरी चूत गंदी है।

उसने मेरे चूत को चाटने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैं ऐसा ही चाहती थी वैसा ही करें। जैसा मैं चाहती थी वैसा वह करने लगा मेरे चूचियों को मसलते चूत को चाटने लगा। मैं अंगड़ाईयाँ लेने लगी और कहने लगी बस बेटा मुझे यही चाहिए था तुमसे। और फिर उसने अपना मोटा लंड मेरी चूत के छेद पर लगाया और जोर जोर से मेरी चूत के अंदर अपना लंड घुसाने लगा। मेरी चूचियों को मसलते हुए जब वो जोर जोर से धक्के देकर अपना लंड घुसाता था तो मेरी अन्तर्वासना औरभी ज्यादा जाग जाती थी।

इसे भी पढ़ें  चुदाई की बीमारी : मेरी बड़ी बहन को थी बीमारी चुदाई से ठीक होती थी

मैंने उसको ऐसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपने पैरों का फंदा बनाकर उसको लपेट ली . नीचे से गांड को गोल गोल घुमाने लगे और उसके लंड को अपने अंदर लेने लगी। मेरे होंठ सूख रहे थे मेरे आंखे बंद हो रहे थे क्योंकि मैं इतना ज्यादा काम वासना से भर गई थी। पर मेरा बेटा नहीं कब नहीं था वह जोर-जोर से अपना 9 इंच का लंड मेरी चूत के अंदर पेल रहा था। जब उसका लंड मेरे अंदर जाता था बच्चेदानी तक तो मुझे शांति मिलते थे। उसने मुझे करीब 1 घंटे तक चोदा फिर जाकर मैं शांत हुई।

वह भी लेट गया मैं भी लेट गई दोनों मिलकर एक ही रजाई के अंदर नंगे ही सो गए थे। सुबह जब हुई तो मेरा बेटा बोला मम्मी अच्छी बात नहीं है मैं आपके साथ सेक्स नहीं कर सकता। पर मैं बोली थी बेटा यह 5 दिन की बात है माहवारी 5 दिन के लिए आती है उस दौरान तुम मुझे शांत कर देना बाकी के दिन हम दोनों मां-बेटे की तरह रहेंगे। उस दिन ही डिसाइड हो गया कि वह मुझे सिर्फ महीने में 5 दिन चोदेगा। मैं दूसरी कहानी जल्द ही इस वेबसाइट पर लिखने वाली हूं तब तक के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *