मामी की चुदाई: बारिश में नहाने के बाद

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मैं, विशाल, 22 साल का एक जवान और हट्टा-कट्टा लड़का, आज मैं आप सभी antarvasna.live डॉट कॉम के पाठकों के लिए एक हॉट और सेक्सी कहानी लेकर आया हूँ। ये मेरी सच्ची सेक्स कहानी है। गर्मियों की छुट्टियों में अपने मामा के घर लखनऊ गया था। मामा का घर गाँव के पास एक हरे-भरे इलाके में था, जहाँ चारों तरफ खेत और बगीचे थे। मेरी मامی, पूजा, 32 साल की, एक ऐसी औरत थीं जिनकी खूबसूरती और कामुकता किसी को भी दीवाना बना सकती थी। उनका गोरा रंग, भरे हुए चूचे, कसी हुई कमर, और गोल-मटोल चूतड़ उनकी साड़ी में और भी आकर्षक लगते थे। मामी की हंसी और उनकी नशीली आँखें मुझे हर बार बेचैन कर देती थीं। ये कहानी उस बारिश भरी दोपहर की है, जब मामी ने बारिश में नहाने के बाद मुझे अपनी बाहों में खींच लिया और मेरे लंड को अपनी चूत का गुलाम बना दिया।

बारिश का माहौल

उस दिन दोपहर को आसमान में काले बादल छाए थे, और अचानक तेज़ बारिश शुरू हो गई। मामा अपने काम से शहर गए थे और दो दिन बाद लौटने वाले थे। मैं घर के आँगन में खड़ा बारिश का मज़ा ले रहा था, जब मामी बाहर आईं। उन्होंने एक पतली सी सफेद साड़ी पहनी थी, जो बारिश में भीगकर उनके शरीर से चिपक गई थी। उनकी चूचियां और निप्पल्स साड़ी के पार साफ दिख रहे थे। “विशाल, बारिश में भीग रहा है, अंदर आ जा,” मामी ने हंसते हुए कहा, लेकिन उनकी नजरें मेरे गीले बदन पर थीं।

मैंने मज़ाक में कहा, “मामी, आप भी तो भीग रही हैं। बारिश का मज़ा लीजिए ना!” मामी ने शरारती अंदाज़ में मुस्कुराया और बोलीं, “अच्छा, तो तू मुझे भीगता हुआ देखना चाहता है?” वो आँगन में आ गईं और बारिश में नहाने लगीं। उनकी साड़ी उनके चूचों और चूतड़ों से चिपक गई थी, और उनका गीला बदन मुझे पागल कर रहा था। मैंने हिम्मत करके कहा, “मामी, आप बारिश में और भी हॉट लग रही हैं।” मामी ने मेरी तरफ देखा और बोलीं, “बदमाश, तुझे क्या लगता है, मैं नहीं जानती कि तू मुझे घूरता रहता है?”


कामुक और चुदाई की शुरुआत

मामी ने मुझे अपने पास बुलाया और मेरे गीले कंधे पर हाथ रखा। “विशाल, तू अब बड़ा हो गया है। मर्द बन गया है,” उन्होंने फुसफुसाते हुए कहा। उनकी बात सुनकर मेरे शरीर में आग लग गई। मैंने हिम्मत करके उनके कमर पर हाथ रखा और बोला, “मामी, आप इतनी सेक्सी हैं, कोई भी मर्द आपके लिए पागल हो जाएगा।” मामी की आँखों में एक कामुक चमक थी। उन्होंने मुझे घर के अंदर खींच लिया और दरवाज़ा बंद कर दिया।


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घर में हम दोनों गीले-गीले थे। मामी ने अपनी साड़ी का पल्लू गिराया, और उनकी गोरी चूचियां उनकी गीली ब्लाउज़ में साफ झलक रही थीं। “विशाल, मेरी चूचियों को छू,” मामी ने धीरे से कहा। मैंने उनके चूचों को अपने हाथों में लिया और हल्के से दबाया। मामी सिसक उठीं, “आह… विशाल, और ज़ोर से दबा!” मैंने उनकी ब्लाउज़ के बटन खोले और उनकी ब्रा उतार दी। उनकी टाइट चूचियां मेरे सामने थीं, और उनके गुलाबी निप्पल्स मुझे बुला रहे थे।

मैंने उनके एक निप्पल को अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। मामी की सिसकारियां कमरे में गूंजने लगीं। “विशाल, मेरी चूचियां चूस… और ज़ोर से!” वो कराहते हुए बोलीं। मैंने एक चूच को चूसा और दूसरे को अपने हाथों से दबाया। मामी की सांसें तेज़ हो रही थीं, और उनका बदन गर्मी से तप रहा था। “विशाल, मेरी चूत को देख… वो तड़प रही है,” मामी ने कातरते हुए कहा। मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट को खींचकर उतार दिया। उनकी काली पैंटी में उनकी चिकनी चूत साफ दिख रही थी।

मामी की चूत की आग

मैंने मामी की पैंटी उतारी, और उनकी गीली चूत मेरे सामने थी। मैंने अपनी उंगलियां उनकी चूत पर फिराईं, और उनका रस मेरे हाथों पर चिपक गया। “मामी, आपकी चूत तो बारिश से भी ज़्यादा गीली है,” मैंने हंसते हुए कहा। मामी ने मेरे बाल पकड़े और बोलीं, “विशाल, मेरी चूत को चाट… मुझे तेरा मुँह चाहिए!” मैंने अपनी जीभ उनकी चूत के दाने पर रखी और चाटना शुरू किया। मामी चीख पड़ीं, “आह… विशाल, और गहरा चाट… मेरी चूत को पागल कर दे!”

मैंने उनकी चूत को चूस-चूसकर उनका रस पी लिया। मामी का शरीर हर चाट के साथ कांप रहा था। “विशाल, अब डाल दे… मेरी चूत तेरा लंड मांग रही है,” मामी ने चिल्लाते हुए कहा। मैंने अपनी गीली शर्ट और जीन्स उतारी, और मेरा तना हुआ लंड मामी के सामने था। मामी की आँखें चमक उठीं। “विशाल, तेरा लंड तो मोटा और लंबा है!” उन्होंने मेरे लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया और इसके टोपे को चाटना शुरू किया।

मामी की जीभ मेरे लंड की नसों पर नाच रही थी। “मामी, आपका मुँह तो जन्नत है,” मैं सिसकते हुए बोला। मामी ने मेरा लंड गहराई तक अपने मुँह में लिया और चूसने लगीं। मैं उनके चूचों को दबा रहा था, और उनकी सिसकारियां मेरे लंड को और तनाव दे रही थीं। “विशाल, अब मेरी चूत में डाल,” मामी ने कराहते हुए कहा। मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और उनकी टांगें फैलाकर अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ा।

चुदाई की शुरुआत कैसे हुई आइये जानते हैं

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मामी की चूत इतनी गीली थी कि मेरा लंड आसानी से फिसल रहा था। मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा लंड उनकी चूत में गहराई तक उतर गया। “आह… विशाल, तेरा लंड मेरी चूत फाड़ रहा है!” मामी चीखीं। मैंने उनके चूतड़ पकड़ लिए और जोर-जोर से चोदने लगा। उनकी चूचियां मेरे हर धक्के के साथ उछल रही थीं। मैंने फिर से उनकी चूचियों को चूसना शुरू किया, और मामी की सिसकारियां और तेज़ हो गईं। “विशाल, मेरी चूचियां चूस-चूसकर चोद… मुझे जन्नत दिखा दे!”

मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी, और उनकी चूत मेरे लंड को निगल रही थी। कमरा हमारी सिसकारियों और बेड की चरमराहट से भर गया था। मामी ने मेरे कंधों को पकड़ लिया और चिल्लाईं, “विशाल, और ज़ोर से… मेरी चूत को रगड़ दे!” मैंने उनकी चूचियों को फिर से अपने मुँह में लिया और उनके निप्पल्स को चूसते हुए चोदा। मामी का शरीर कांप रहा था, और उनकी चूत मेरे लंड को और सिकोड़ रही थी।

गांड का जुनून और मजे

मैंने मामी को पलटकर डॉगी स्टाइल में लिटाया। उनकी गोल-मटोल चूतड़ मेरे सामने थे, और मैंने उस पर एक हल्की सी चपत मारी। “मामी, आपकी गांड भी चोदने लायक है,” मैंने कहा। मामी ने शरारती अंदाज़ में जवाब दिया, “तो चोद ना, विशाल… मेरी गांड भी तेरे लिए है!” मैंने अपनी उंगलियां उनकी चूत के रस से गीली कीं और उनकी टाइट गांड में डालीं। मामी सिसक उठीं, लेकिन अपनी गांड को और पीछे धकेला।

मैंने अपने लंड को उनकी गांड के छेद पर रखा और धीरे-धीरे अंदर धकेला। “आह… विशाल, तेरा लंड मेरी गांड चीर रहा है!” मामी चीखीं, लेकिन उनकी आवाज़ में सुख की लहर थी। मैंने धीरे-धीरे रफ्तार बढ़ाई, और मेरा लंड उनकी गांड में अंदर-बाहर होने लगा। उनकी चूत से रस टपक रहा था, और उनके चूतड़ मेरी जांघों से टकरा रहे थे। मैंने फिर से उनकी चूचियां पकड़ लीं और उन्हें दबाते हुए उनकी गांड चोदी। “विशाल, मेरी चूचियां और गांड… दोनों को रगड़ दे!” मामी चिल्लाईं।

चुदाई का चरमसुख

मैंने मामी को फिर से पलटाया और उनकी टांगें अपने कंधों पर रखीं। मेरा लंड उनकी चूत में फिर से घुसा, और मैं उन्हें जोर-जोर से चोदने लगा। उनकी चूचियां मेरे सामने उछल रही थीं, और मैंने फिर से उनके निप्पल्स को चूसना शुरू किया। “विशाल, मेरी चूचियां चूस-चूसकर चोद… मुझे जन्नत दिखा दे!” मामी की सिसकारियां और तेज़ हो गईं। मैंने अपनी पूरी ताकत लगा दी, और उनकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी।

“मामी, मैं झड़ने वाला हूँ!” मैंने कराहते हुए कहा। मामी ने अपनी चूत को और सिकोड़कर कहा, “विशाल, मेरे अंदर झड़… मुझे तेरा गर्म रस चाहिए!” मेरे धक्के अब और तेज़ हो गए। उनकी चूत और गांड दोनों मेरे लंड से रगड़ खा चुकी थीं। आखिरकार, मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा गर्म रस उनकी चूत में भर गया। मामी भी उसी पल झड़ गईं, और उनकी चूत का रस मेरे लंड पर बहने लगा।

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हम दोनों हांफते हुए बेड पर गिर पड़े। हमारी देहें पसीने, बारिश के पानी, और रस से चिपचिपी थीं। मामी ने मेरे गाल पर एक चुम्मी दी और बोलीं, “विशाल, तूने मेरी चूचियां और चूत को जन्नत दिखा दी।” मैंने हंसते हुए जवाब दिया, “मामी, आपकी चूत और गांड मेरे लंड की गुलाम हैं।” हम दोनों हंस पड़े, और उस रात हमने फिर से दो बार चुदाई की।

नया रिश्ता

उस बारिश भरी रात के बाद, मेरा और मामी का रिश्ता बदल गया। जब भी मामा घर से बाहर होते, मामी मेरे बेड पर होतीं। उनकी चूचियां और चूत अब मेरे लिए एक नशा बन चुकी थीं। एक बार मामी ने मुझे खेत में बुलाया, जहाँ हमने मकई के पौधों के बीच चुदाई की। उनकी चीखें और मेरी सिसकारियां खेत में गूंज रही थीं। एक और बार हमने घर की छत पर बारिश में चुदाई की, जहाँ मैंने उनकी चूचियों को चूसते हुए उनकी चूत और गांड को रगड़ा।

मामी की चूचियां चूसना मेरे लिए एक आदत बन गई थी। उनकी चूत का रस मेरे लंड का पसंदीदा स्वाद था। हमारा ये गुप्त रिश्ता एक अनकहा राज बन गया। मामी की चूचियां, उनकी चूत, और उनकी गांड मेरे लिए एक ऐसी दुनिया थी, जहाँ मैं बार-बार खो जाना चाहता था।

आखिरी मुलाकात

छुट्टियों के आखिरी दिन, जब मैं वापस दिल्ली जाने वाला था, मामी ने मुझे रात में अपने कमरे में बुलाया। “विशाल, तू जा रहा है, लेकिन मेरी चूत को तेरा लंड याद आएगा,” उन्होंने फुसफुसाते हुए कहा। मैंने उनकी साड़ी उतारी और उनकी चूचियों को चूसना शुरू किया। उस रात हमने घंटों तक चुदाई की। मामी की चूत और गांड मेरे लंड से रगड़ खा रही थीं, और उनकी सिसकारियां मेरे लिए एक संगीत थीं।

अगली सुबह, जब मैं सामान पैक कर रहा था, मामी मेरे पास आईं और मेरे कंधे पर हाथ रखकर बोलीं, “विशाल, अगली बार जब आएगा, मेरी चूत फिर से तेरे लंड की गुलाम बनेगी।” मैंने हंसते हुए जवाब दिया, “मामी, आपकी चूचियां और चूत मेरे लिए हमेशा जन्नत रहेंगी।” उनकी मुस्कान और मेरी नजरों में वही जुनून फिर से जल उठा। मैं जल्द ही आपको अपनी दूसरी कहानी antarvasna.live डॉट कॉम पर लिखने जा रहा हूँ। आप सभी रोजाना इस वेबसाइट पर आइये और सेक्स कहानी का मजा लजिए

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