हॉट पड़ोसन सुनिता भाभी और देवर की चुदाई की कहानी

सुनिता भाभी और उनके जवान देवर के बीच की गर्म कहानी पढ़ें, जहाँ हिमाचल की वादियों में नई ब्रा और रोमांटिक मस्ती ने रात को रंगीन बना दिया। 7-इंच का जोश और 34-साइज़ का जादू!

मेरा नाम सुनिता है। मैं हिमाचल के खूबसूरत वादियों में रहती हूँ, जहाँ की हवा में ही एक अलग सी ताजगी और रूमानियत बसी है। आज मैं आपको अपने दिल की एक सच्ची और दिलकश दास्तान सुनाने जा रही हूँ, जो मेरे और मेरे देवर के बीच की है। उस वक्त मैं 35 साल की थी, जवानी अपने पूरे शबाब पर थी। मेरा रंग गोरा, बदन भरा हुआ और 34 की साइज के उभरे हुए स्तन हर किसी की नजर को अपनी ओर खींच लेते थे। मेरा देवर, जो मुझसे कुछ साल छोटा था, एकदम जवान और आकर्षक था। उसका डील-डौल, चौड़ा सीना और वो गहरी आँखें मुझे हमेशा से पसंद थीं। हम दोनों में गजब की खुलापन था, हँसी-मजाक और हल्की-फुल्की छेड़खानी तो आम बात थी।

एक दिन मैं मार्केट से एक नई नेट वाली ब्रा खरीदकर लाई। उसका डिज़ाइन इतना सेक्सी था कि मैं उसे ट्राई करने के लिए बेताब थी। घर पहुँची तो देखा मेरा देवर सोफे पर बैठा है, एकदम हैंडसम लग रहा था। उसकी शर्ट के ऊपरी बटन खुले थे, और उसकी मर्दाना खुशबू कमरे में फैली हुई थी। उसने मुस्कुराते हुए पूछा, “भाभी, क्या लाई हो?” मैंने हँसते हुए कहा, “कुछ नहीं, बस थोड़ा शॉपिंग कर ली।” लेकिन उसकी नटखट नजरें मेरे हाथ में थैले पर टिक गईं। मैंने छुपाने की कोशिश की, पर वो कहाँ मानने वाला था! उसने झट से थैला छीन लिया और उसमें झाँकने लगा। जब उसने उस नेट वाली ब्रा को देखा, उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक आ गई। उसने मुझे ऊपर से नीचे तक ऐसे घूरा, जैसे मैं कोई अनछुआ खजाना हूँ। उसकी नजरों ने मेरे बदन में एक सिहरन सी दौड़ा दी। मैं शरम से लाल होकर फटाफट बेडरूम में भाग गई।

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बेडरूम में जाकर मैंने खुद को शीशे में देखा। मेरे गाल लाल थे, और दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैंने सोचा, क्यों ना इस ब्रा को ट्राई कर लूँ? मैंने अपनी साड़ी उतारी, ब्लाउज खोला और उस नई ब्रा को पहन लिया। नेट का पारदर्शी कप मेरे स्तनों को हल्का ढक रहा था, और मेरे निप्पल्स हल्के से उभर रहे थे। शीशे में खुद को देखकर मैं खुद पर फिदा हो गई। तभी मेरे दिमाग में एक शरारत सूझी। मैंने सोचा, क्यों ना देवर से पूछूँ कि ये ब्रा कैसी लग रही है? आखिर उसकी नजरों में वो आग मैंने तो देखी थी। मैंने हिम्मत जुटाई और उसे आवाज लगाई, “अरे, जरा इधर आओ ना! देखकर बताओ ये ब्रा कैसी है।”

वो बेडरूम में आया और दरवाजे पर रुककर मुझे देखने लगा। उसकी आँखें मेरे बदन पर ऐसी टिकीं, जैसे वो मुझे निगल जाना चाहता हो। मैं सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में थी, और उसकी नजरें मेरे स्तनों पर जाकर ठहर गईं। उसने धीरे से मेरे पास आकर कहा, “भाभी, ये तो कमाल है… लेकिन तुम इसमें और भी हॉट लग रही हो।” उसकी आवाज में एक गहरी कामुकता थी। मैंने हँसकर कहा, “अच्छा? तो और क्या-क्या नजर आ रहा है?” उसने मेरे करीब आकर मेरी कमर पर हाथ रखा और मेरी पीठ पर एक गर्म चुम्बन दे दिया। उसका स्पर्श मेरे पूरे बदन में बिजली सी दौड़ा गया। उसने मेरे कान में फुसफुसाया, “इतना गोरा बदन और ये परफेक्ट 34 साइज… अब तक कहाँ छुपा रखा था?”

मैंने शरारत से कहा, “अरे, पीछे नहीं, सामने kiss करो ना!” बस फिर क्या था, वो मेरे सामने आया और मेरे स्तनों के ऊपर, ब्रा के ऊपर से ही, पागलों की तरह चूमने लगा। उसकी गर्म साँसें मेरी त्वचा पर पड़ रही थीं, और मैं धीरे-धीरे अपने होश खो रही थी। उसने धीरे से मेरी ब्रा की स्ट्रैप्स को कंधों से सरकाया और उसे नीचे खींच दिया। अब मैं उसके सामने पूरी तरह नग्न थी। उसने मेरे स्तनों को अपने हाथों में लिया, उन्हें सहलाया और फिर एक-एक करके चूमने लगा। उसकी जीभ मेरे निप्पल्स पर घूम रही थी, और मैं सिसकारियाँ ले रही थी।

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मेरा हाथ अब अपने आप उसकी पैंट की ओर बढ़ा। मैंने उसका बेल्ट खोला और उसका 7 इंच का मोटा लंड बाहर निकाला। वो एकदम तना हुआ था, लगभग 2 इंच मोटा, और उसकी गर्मी मेरे हाथों में महसूस हो रही थी। मैंने अपने दूसरे हाथ से अपने पेटीकोट का नाड़ा खींचा और उसे नीचे सरका दिया। अब मैं पूरी तरह नंगी थी। मैंने उसका लंड अपनी चूत के पास ले जाकर रगड़ना शुरू किया। मेरी चूत पहले से ही गीली थी, और उसका लंड मेरे क्लिट पर रगड़ते हुए मुझे सातवें आसमान पर ले जा रहा था। मैंने उसकी आँखों में देखा और कहा, “अब और मत तड़पाओ…”



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उसने मुझे बेड पर धकेल दिया, और मैं हँसते हुए उसके ऊपर चढ़ गई। मैंने उसका लंड पकड़ा, अपनी चूत के मुँह पर रखा और एक ही झटके में पूरा अंदर ले लिया। उसका मोटा लंड मेरी चूत को पूरी तरह भर रहा था। मैं धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगी, और हर धक्के के साथ मेरी सिसकारियाँ तेज होती गईं। वो मेरे स्तनों को जोर-जोर से दबा रहा था, और मैं उसकी आँखों में देखकर और जोश में आ रही थी। दो मिनट में ही मैं झड़ गई, मेरी चूत ने उसके लंड को और जोर से जकड़ लिया। मैं थककर एक तरफ लेट गई, लेकिन उसका लंड अभी भी तना हुआ था, तैयार था अगले राउंड के लिए।

मैंने हँसते हुए कहा, “अरे, इतनी जल्दी थक गए? जब भैया घर पर नहीं होंगे, तब पूरी रात तुम्हें चैन नहीं लेने दूँगी।” उसने मेरी ओर देखकर एक शरारती मुस्कान दी और कहा, “भाभी, ये तो बस ट्रेलर था। पिक्चर अभी बाकी है।”

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