दिल्ली की सर्द दिसंबर की रात थी, जब हवा में ठंडक और सन्नाटा एक साथ बस्ती थी। माया, एक 24 साल की जवान और हॉट लड़की, अपने चाचा रवि के घर रुकी थी। माया के माता-पिता एक हफ्ते के लिए अपने गाँव गए थे, और माया को अपने चाचा के पास छोड़ गए थे। रवि, 40 साल के मज़बूत और आकर्षक पुरुष, अपनी गहरी आवाज़ और मर्दाना शख्सियत के लिए मोहल्ले में मशहूर थे। माया को हमेशा से अपने चाचा की वो मज़बूत बाहें और गहरी नज़रें आकर्षित करती थीं, लेकिन उसने कभी इस खींचाव को खुलकर जाहिर नहीं किया था। आज रात, हालांकि, कुछ और ही होने वाला था।
माया ने उस रात एक टाइट काली ड्रेस पहनी थी, जो उसकी गोरी चूतड़ और उभरे हुए चूचों को और सेक्सी बना रही थी। उसकी लंबी टाँगें और पतली कमर रवि की नज़रों को बार-बार अपनी ओर खींच रही थीं। डिनर के बाद, जब दोनों लिविंग रूम में बैठे थे, माया ने कॉफी का मग हाथ में लिया और शरारती अंदाज़ में रवि की ओर देखा। “चाचा, आप आज कुछ ज़्यादा ही चुप हैं। क्या बात है?” उसने अपनी आँखें मटकाते हुए पूछा। रवि ने एक गहरी साँस ली और बोले, “माया, तू इतनी हॉट लग रही है कि मेरा लंड तुझे देखकर ही तन रहा है।”
माया की साँसें एक पल के लिए रुक गईं। उसने अपनी ड्रेस की नेकलाइन को हल्का सा नीचे खींचा, जिससे उसकी क्लीवेज साफ़ दिखने लगी। “चाचा, अगर इतना ही मन है, तो पास क्यों नहीं आते?” उसने फुसफुसाते हुए कहा, उसकी आवाज़ में एक नशीली उत्तेजना थी। रवि की आँखों में एक जंगली भूख जाग उठी। वह सोफे पर माया के और करीब सरक गया और उसकी जाँघ पर अपना मज़बूत हाथ रख दिया। उसकी उंगलियाँ धीरे-धीरे माया की चूत की ओर बढ़ने लगीं, और माया की देह में एक सिहरन दौड़ गई।
“माया, तू सचमुच ये चाहती है?” रवि ने अपनी गहरी आवाज़ में पूछा, लेकिन माया ने जवाब देने की बजाय अपने होंठ रवि के होंठों से मिला दिए। उनका चुम्बन इतना गहरा और जुनूनी था कि कमरे की हवा गर्म हो गई। माया की जीभ रवि की जीभ से उलझी, और उसने अपने हाथ रवि की शर्ट के बटनों पर रख दिए। “चाचा, मुझे तेरे लंड की सैर चाहिए… आज रात तू मुझे चोद दे,” माया ने बेशर्मी से कहा, उसकी आँखों में एक जंगली चमक थी।
रवि ने माया की ड्रेस को एक झटके में उतार दिया। उसकी काली ब्रा और पैंटी में माया की गोरी देह चाँदनी में चमक रही थी। रवि ने अपनी शर्ट और पैंट उतार फेंकी, और उसका तना हुआ मोटा लंड माया के सामने था। माया की नज़रें उसके लंड पर ठहर गईं, और उसने अपने होंठ चाटे। “चाचा, तेरा लंड तो बिल्कुल वैसा है जैसा मैंने सपनों में देखा था,” उसने हँसते हुए कहा और उसका लंड अपने हाथ में ले लिया। उसकी उंगलियाँ रवि के लंड को सहलाने लगीं, और वह धीरे-धीरे उसे मुँह में लेने लगी।
“आह… माया, तेरा मुँह तो जन्नत है,” रवि ने सिसकारते हुए कहा। माया ने अपने होंठ रवि के लंड के टोपे पर फेरे, और उसकी जीभ उसकी नसों पर नाचने लगी। रवि के हाथ माया के चूचों पर गए, और उसने उसकी ब्रा खींचकर उतार दी। माया के सख्त निप्पल अब रवि के मुँह में थे, और वह उन्हें ज़ोर-ज़ोर से चूस रहा था। माया की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “चाचा… आह… मेरी चूत को छू… इसे गीला कर दे।”
रवि ने माया की पैंटी उतारी, और उसकी चिकनी, गीली चूत उसके सामने थी। उसने अपनी उंगलियाँ माया की चूत पर फेरीं, और उसका रस उसकी उंगलियों पर चिपक गया। “तेरी चूत तो पहले से ही टपक रही है, माया,” रवि ने कहा, और उसने अपनी जीभ माया की चूत के दाने पर रख दी। माया की चीख निकली, “आह… चाचा, चाट ले मेरी चूत को… और ज़ोर से!” रवि की जीभ अब माया की चूत की गहराइयों में थी, और उसका रस उसके मुँह में बह रहा था। माया की टाँगें काँप रही थीं, और वह रवि के बालों को ज़ोर से खींच रही थी।
माया ने रवि को सोफे पर धकेला और उसकी टाँगें फैलाकर उसके ऊपर बैठ गई। उसने रवि के लंड को अपनी चूत पर रगड़ा, और धीरे-धीरे उसे अंदर लिया। “आह… चाचा, तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है,” उसने कराहते हुए कहा। रवि ने माया की चूतड़ पकड़ लिए और उसे ज़ोर-ज़ोर से ऊपर-नीचे करने लगा। हर धक्के के साथ माया की चूत रवि के लंड को निगल रही थी, और उनकी चुदाई की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। माया के चूचे हवा में उछल रहे थे, और रवि ने उन्हें अपने हाथों में दबोच लिया।
“चोद मुझे, चाचा… मेरी चूत को रगड़ दे!” माया चिल्लाई, और रवि ने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी। उसका लंड माया की चूत की गहराइयों में जा रहा था, और माया की सिसकारियाँ अब चीखों में बदल गई थीं। रवि ने माया को पलटा और उसे डॉगी स्टाइल में लिटा दिया। उसने माया की गांड पर एक चपत मारी और बोला, “तेरी ये सेक्सी गांड… इसे भी चोदना चाहता हूँ।” माया ने हँसते हुए कहा, “मार ले मेरी गांड, चाचा… आज सब तेरा है।”
ravी ने अपनी उंगलियाँ माया की चूत के रस से गीली कीं और उसकी टाइट गांड में डालीं। माया की सिसकारी निकली, लेकिन उसने अपनी गांड को और पीछे धकेला। रवि ने अपने लंड को माया की गांड के छेद पर रखा और धीरे-धीरे अंदर धकेला। “आह… चाचा, तेरा लंड मेरी गांड को चीर रहा है!” माया ने चीखते हुए कहा, लेकिन उसकी आवाज़ में सुख की लहर थी। रवि ने धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ाई, और उसका लंड माया की गांड में अंदर-बाहर होने लगा। माया की चूत से रस टपक रहा था, और उसकी चूतड़ रवि की जाँघों से टकरा रही थीं।
उनकी चुदाई अब अपने चरम पर थी। माया ने रवि को फिर से पलटा और उसकी गोद में बैठ गई। उसने अपने चूचों को रवि के मुँह में ठूँस दिया और बोली, “चूस ले इन्हें, चाचा… मेरे निप्पल को काट ले!” रवि ने माया के निप्पल को अपने दाँतों से हल्के से काटा, और माया की चीख निकली। उसने अपनी चूत को रवि के लंड पर ज़ोर-ज़ोर से रगड़ा, और हर धक्के के साथ उसकी चूत और गीली हो रही थी। रवि की साँसें अब भारी हो रही थीं, और उसने माया की चूतड़ को कसकर पकड़ लिया।
“माया, मैं झड़ने वाला हूँ… तेरी चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है,” रवि ने कराहते हुए कहा। माया ने अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी और बोली, “मेरे अंदर झड़, चाचा… मुझे तेरा गर्म रस चाहिए!” रवि ने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उसका गर्म रस माया की चूत में भर गया। माया भी उसी पल झड़ गई, और उसकी चूत का रस रवि के लंड पर बहने लगा। दोनों हाँफते हुए एक-दूसरे की बाहों में गिर पड़े, उनकी देहें पसीने और रस से चिपचिपी थीं।
उस रात के बाद, माया और रवि का रिश्ता एक नया मोड़ ले चुका था। हर बार जब माया अपने चाचा के घर आती, उनकी नज़रें एक-दूसरे को बेकरार कर देती थीं। रवि की मज़बूत बाहें और माया की सेक्सी देह एक-दूसरे के लिए तड़पती थीं। उनकी चुदाई की वो रात उनके बीच का एक अनकहा राज़ बन गई, जो हर मुलाकात में और गहरा होता गया। माया को अब रवि की वो गहरी नज़रें और मज़बूत स्पर्श हर रात सपनों में बुलाते थे।
अगली सुबह, जब माया उठी, तो उसने रवि को किचन में कॉफी बनाते देखा। उसने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा, “चाचा, कल रात की कॉफी तो बहुत गर्म थी।” रवि ने पलटकर उसकी ओर देखा और हँसते हुए बोला, “अगली बार और गर्म कर दूँगा, माया।” दोनों की हँसी कमरे में गूँज उठी, लेकिन उनकी आँखों में वही जुनून अभी भी बाकी था।
उस रात की चुदाई ने माया और रवि के बीच एक ऐसी आग जला दी थी, जो बुझने का नाम नहीं ले रही थी। हर बार जब घर में सन्नाटा छाता, उनकी साँसें फिर से गर्म हो उठती थीं। माया की चूत और रवि का लंड एक-दूसरे के लिए बने थे, और उनकी चुदाई की कहानी हर रात नया रंग लेती थी।