मेरा नाम अमन है और आज मैं आपको अपनी मम्मी-पापा की चुदक्कड़ कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो इतनी हॉट और सेक्सी है कि आप इसे पढ़कर मस्ती में डूब जाएंगे। मेरे मम्मी-पापा की चुदाई की भूख ऐसी है कि वो एक पल भी बिना चुदाई के नहीं रह सकते। जहाँ मौका मिला, वहाँ चुदाई शुरू! उनकी ये आदत इतनी पक्की है कि चाहे घर हो, बाहर हो, या किसी और के घर में, वो अपनी मस्ती और जोश को रोक ही नहीं सकते।
ये कहानी तब की है जब हम एक शादी के फंक्शन में गए थे। शादी के बाद हम दो दिन के लिए बुआ के घर रुक गए। अब मम्मी-पापा को तो चुदाई के बिना नींद ही नहीं आती, सो बुआ के घर में भी उनकी चुदक्कड़ हरकतें शुरू हो गईं। हम तीनों—मैं, मम्मी और पापा—एक ही कमरे में सो रहे थे। बुआ के घर में होने की वजह से मम्मी ने साड़ी, ब्लाउज, चड्डी और ब्रा सब कुछ पहन रखा था, वरना घर में तो वो बस नाइटी डालकर, अंदर से पूरी नंगी सोती हैं। पापा भी घर में अक्सर सिर्फ चड्डी या तौलिया लपेटे रहते हैं, और ज्यादातर तो नंगे ही घूमते हैं। लेकिन यहाँ पापा ने चड्डी और बनियान पहन रखी थी।
रात के करीब 11 बजे, जब मैं हल्की नींद में था, मुझे फुसफुसाहट की आवाज़ सुनाई दी। मम्मी-पापा आपस में बातें कर रहे थे, और बीच-बीच में एक-दूसरे को चूम रहे थे। उनकी आवाज़ में वो सेक्सी उत्तेजना थी, जो उनकी चुदाई की शुरुआत का इशारा दे रही थी। पापा बोले, “जल्दी से ब्लाउज खोल, ब्रा भी उतार दे, ऐसे तो मजा नहीं आएगा।” मम्मी ने हल्के शरमाते हुए कहा, “अरे यार, आज बस ऊपर-ऊपर काम चला लो। मैं यहाँ बुआ के घर में कहाँ नंगी होकर घूमूँगी?” लेकिन पापा कहाँ मानने वाले थे। मम्मी ने थोड़ा झिझकते हुए अपनी ब्रा को हल्का सा नीचे खिसकाया, और उनके बड़े-बड़े, रसीले दूध बाहर आ गए।
पापा की आँखों में चमक आ गई। वो बोले, “बस इतने में तो मेरा काम हो जाएगा!” फिर क्या, पापा ने फटाफट अपनी बनियान और चड्डी उतार दी और पूरी तरह नंगे हो गए। बोले, “मैं तो नंगा होकर ही चोदूंगा, सुबह उठकर कपड़े पहन लूँगा।” इसके बाद पापा नीचे की ओर गए और मम्मी की पैंटी को धीरे से उतारकर तकिए के पास रख दिया। पापा ने मज़ाक में कहा, “इसे तो मैं अपने बैग में भर लूँगा, ताकि कोई देखे ना!”
फिर शुरू हुआ असली खेल। पापा ने मम्मी की चूत चाटना शुरू कर दिया। उनकी जीभ मम्मी की चूत के अंदर-बाहर हो रही थी, और मम्मी मस्ती में आहें भर रही थीं—उफ्फ्फ… अहहहह… हायyyy…। वो बोलीं, “ऐसे ही चोदो मेरे राजा, वैसे भी शादी के चक्कर में पाँच दिन से बिना चुदी हूँ। अब तो रहा नहीं जाता। अपनी जीभ और अंदर घुसेड़ो!” पापा एक हाथ से मम्मी के दूध दबाते, दूसरे से उनकी चूत सहलाते, और जीभ से चूत चाटते। मम्मी की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, पर वो धीरे-धीरे कर रही थीं, ताकि मैं ना जाग जाऊँ।
थोड़ी देर बाद पापा ऊपर आए और मम्मी के दूध चूसने लगे। वो बोले, “तेरी चूत मसलने का जो मज़ा है, वो चाटने में कहाँ!” पापा का लंड अब पूरी तरह तन चुका था। वो अपना लंड मम्मी के दूध के पास ले गए और मम्मी से चूसवाने लगे। मम्मी ने लंड को प्यार से पकड़ा और धीरे-धीरे चूसना शुरू किया, जैसे कोई लॉलीपॉप हो। वो बोलीं, “बस एक बार घर चलो, इस लंड को तो मैं खा जाऊँगी!” उनकी आवाज़ में वो सेक्सी शरारत थी, जो पापा को और उत्तेजित कर रही थी।
अब बारी थी असली चुदाई की। पापा ने मम्मी की टाँगें ऊपर उठाईं। मम्मी ने पायल पहन रखी थी, जिससे हल्की-हल्की छनछन की आवाज़ आ रही थी। पापा ने मिशनरी पोजीशन में मम्मी को चोदना शुरू किया। वो मम्मी को किस करते, उनके दूध चूसते, और कभी-कभी दूध को ज़ोर से दबाते। मम्मी भी मस्ती में पापा की पीठ सहला रही थीं। थोड़ी देर बाद पापा ने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए। मम्मी की सिसकारियाँ तेज़ हो गईं—उफ्फ्फ… धीरे… हाय…। वो बोलीं, “थोड़ा धीरे चोदो, यहाँ बुआ के घर में कोई सुन लेगा तो क्या कहेगा? घर जाकर जितना चोदना हो चोद लेना, मैं कुछ नहीं बोलूँगी। तुम्हारा ये गधे जैसा लंड मेरी चीखें निकाल देगा!”
पापा हँसते हुए बोले, “सुन लेगा तो सुन लेगा, क्या वो लोग चुदाई नहीं करते?” फिर पापा ने मम्मी को साइड में किया, उनकी एक टाँग अपने कंधे पर रखी, और उनके चूतड़ पकड़कर दबाने लगे। चोदते-चोदते पापा ने मम्मी के चूतड़ों पर दो-तीन हल्के थप्पड़ मारे, जिससे मम्मी को और जोश आ गया। उनकी चुदाई में चार चाँद लग गए। मम्मी पापा की पीठ को अपनी ओर खींच रही थीं, और पापा मम्मी के दूध चूसते हुए, चूतड़ दबाते हुए चोद रहे थे। दोनों उस पल स्वर्ग की सैर कर रहे थे।
पापा की चुदाई अब और तेज़ हो गई। वो मम्मी को ज़ोर-ज़ोर से किस करने लगे। चार-पाँच ज़ोरदार झटकों के बाद पापा ने सारा माल मम्मी की चूत में छोड़ दिया और वैसे ही मम्मी से लिपटकर सो गए। सोने से पहले पापा बोले, “सुबह जल्दी उठा देना, मैं नंगा सो रहा हूँ, कपड़े पहनने हैं।”
सुबह मैं उनसे पहले जाग गया, पर चुपचाप लेटा रहा। थोड़ी देर बाद मम्मी जागीं और पापा को उठाया। बोलीं, “जल्दी कपड़े पहनो, सुबह हो गई।” पापा ने हँसते हुए कहा, “पहले मुझे रोज़ की तरह सुबह की किस चाहिए।” दोनों ने थोड़ी देर एक-दूसरे को प्यार से किस किया, फिर कपड़े पहने और तैयार हो गए।
ये थी मेरे मम्मी-पापा की चुदक्कड़ कहानी, जो बुआ के घर में भी अपनी सेक्सी मस्ती को रोक नहीं पाए। उनकी ये चुदाई देखकर मेरे दिल में भी एक अजीब सा जोश जाग गया।