“ओह चाची करने दो। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। बहुत मस्त गाँड़ है आपकी।”
                    “यार गाँड़,,,,,,,,,,,,,,उन्ह।
चाची की गांड में ऊँगली करने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची धीरे धीरे सिस्कारिया भर रही थी।
                ” सिसस्ससस्स आहहह उन्हह सिससस्स।”
                             फिर मैंने थोड़ी देर चाची की गांड में ऊँगली की।
               अब मै चाची की गांड मारना चाहता था। तभी मैने चाची को सीधा कर लिया। अब मैने चाची से घोड़ी बनने के लिए कहा। लेकिन चाची घोड़ी बनने को तैयार नहीं हो रही थी। शायद चाची समझ चुकी थी कि आज उनकी गांड का छेद खुलने वाला है।अब मैं चाची को मनाने की कोशिश करने लगा।
                    ” चाची यार आप घोड़ी तो बनो। मैं आपकी गांड में लण्ड नहीं डालूंगा।”
चाची– नही ,मैं घोड़ी नहीं बनूँगी।
                 “अरे यार चाची आप भी। अरे मेरी बात का विश्वास तो करो।”
चाची– नही, मुझे कोई विश्वास नहीं है।
                      “अरे चाची मैं सिर्फ चूत में लण्ड डालूंगा। गांड में नहीं। आप घोड़ी तो बनो।”
चाची– मैं तेरे इरादे सब समझ चुकी हूं। जो करना है ऐसे ही कर ले।
                     ” अरे यार चाची आप भी बहुत नखरे करती हो। बन जाओ ना घोड़ी।”
                  “नहीं यार मैं घोड़ी तो नहीं बनूँगी।
                               मैं चाची को बार बार मनाने की कोशिश कर रहा था लेकिन सुमित्रा चाची गांड मरवाने को तैयार नहीं थी।
                      तभी मैने चाची को गोदी में उठा लिया और बेड से नीचे उतारने लगा।
            ” अरे रोहित यार,,,, तू फिर से शुरु हो गया।”
              ” आपको घोड़ी तो बनाकर ही मानूँगा।”
                   अब मैं चाची को बेड से नीचे उतार लाया। और चाची को घोड़ी बनने के लिए कहा। फिर चाची मुस्कुराती हुई घोड़ी बन गई।
              ” गाँड़ में मत डालना यार।”   हां चाची।
अब मैंने चाची की चूत में लण्ड सेट किया और  फिर ज़ोर के झटके से मैनें चाची की चूत में लण्ड ठोक दिया।
                 ” आह्ह सिसस्ससस्स।”
        अब मै चाची के कंधे पकड़कर चाची को चोदने लगा।अब चाची फिर से फड़फड़ाने लगी।
                     “उन्ह आहा सिससस्स आह्ह आह्ह आहा ओह आह्ह सिससस्स आईईईई।”
                    अब    मैं ज़ोर ज़ोर से चाची को घोड़ी बनाकर बजा रहा था। गांड में नहीं घुसने का गुस्सा अब मेरा लण्ड चाची की चूत पर निकाल रहा था। मै गांड हिला हिलाकर फूल स्पीड में चाची की चूत के परखच्चे उड़ा रहा था। मुझे चाची की चूत बजाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
                     ” आह्ह आह्ह आहा सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स।”
                     तभी थोड़ी देर बाद चाची फिर से पानी पानी हो गई। अब उनकी चूत से गरमा गरम माल नीचे बहने लगा। अब चाची का हाल बेहाल हो रहा था। मेरा लण्ड चाची की चूत का भोसड़ा बना चुका था।
                       “अआईईई आईईईई उँह आह्ह आहहह सिसस्ससस्स अआहः आह्ह।”
                            चाची बहुत बुरी तरह से चुद रही थी तभी मैंने मौका देखा और लंड को चाची की गांड में सेट करने लगा लेकिन चाची ने गांड में लण्ड सेट होने ही नहीं दिया। चाची गांड मरवाने के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं हो रही थी। 
                  “नहीं रोहित चालाकी नहीं।”
           ” अरे यार चाची आप भी बहुत कडूस हो। क्या करोगी इतनी मस्त गाँड़ का जब ये किसी के काम ही नहीं आये।”
                 ” कुछ भी हो लेकिन मै गाँड़ नहीं मारने दूँगी।”     “ओह ओह चाची आप भी।”
                          अब मेरे पास कोई और चारा भी नहीं था! अब मजबूर होकर मैंने फिर से चाची की चूत में लंड ठोक दिया और उन्हें फिर से झमाझम बजाने लगा। चाची की सिसकारियों से फिर से कमरा गूंज उठा।
                      “आईईईई आईईईई अहह आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह आहाहाह।”
                             अब झमाझम ठुकाई के बाद मेरा लण्ड भी झड़ने वाला था।तभी मैंने लंड की स्पीड को बढ़ाया और फिर चाची के भोसड़े को लण्ड के पानी से भर दिया। अब मैं थोड़ी देर चाची से ऐसे ही चिपके रहा।
                           फिर मैं थोड़ी देर बाद चाची से दूर हटा। अब चाची उठकर बेड पर लेट गई।अब मैं फिर से चाची के ऊपर चढ़ गया और उनके रसीले होंठो को चूसने लगा। मैंने सुमित्रा चाची के होंठो पर बुरी तरह से हमला बोल दिया। अब पूरा कमरा ऑउच्च पुच्च पुच्च ऑउच्च पुच्च की आवाज़ों से गूंज उठा।
                            आज मैं सुमित्रा चाची को अच्छी तरह से मसलना चाहता था। मै रगड़ रगड़कर चाची के होंठो को खाये जा रहा था।फिर मैंने बहुत देर तक चाची के होंठो को रगड़ा। अब मैंने तुरंत चाची के बोबो को पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से चाची के रसीले बड़े बड़े बोबो को मसलने लगा।
                          तभी दर्द के मारे चाची की गांड फटकर हाथ में आने लगी।
                   ” आईईईई अआईईई सिससस्स उँह अआईईई दर्द हो रहा है यार।”
मैं– होने दो चाची। आज तो मै आपके बोबो को निचोड़ डालूंगा। आहा।
                             मैं चाची के बोबो को ज़ोर ज़ोर से कस रहा था।चाची बुरी तरह से तड़प रही थी।फिर कुछ देर बाद मैंने चाची के बोबो को मुंह में ले लिया और उन्हें रगड़कर चूसने लगा।
                   अब चाची आराम से मुझे बोबो का स्वाद चखा रही थी।मै जमकर चाची के बोबो को चुस रहा था।
                      सुमित्रा चाची के बोबे चूसने में मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक चाची के बोबो को चुसा। अब मेरा लण्ड फिर से चाची की चीखे निकालने को तैयार हो चूका था।
                             अब मै नीचे सरका और चाची की टांगो को मेरे कंधो पर रख लिया।अब मैंने फटाफट से चाची के भोसड़े में लण्ड सेट कर दिया और ज़ोर का झटका देकर लण्ड को चाची के भोसड़े में पेल दिया।
                   अब मैं फिर से चाची के भोसड़े को बजाने लगा।
                   “आह्ह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स।”
मेरा लण्ड फिर से चाची की गहराई में डूब चूका था। मै झमाझम चाची को चोद रहा था।
                   “आहाहा आह्ह आह्ह धीरेरेरे….धीरेरेरे… सिससस्स आहाहाह उँह आह्ह आहा। अब क्या आज ही मेरी चूत फाडने का इरादा है क्या?”
              “हां चाची। अब मै भी क्या करूँ? गांड तो आपने मारने ही नहीं दी तो फिर चूत में ही पूरा जोश निकालना पड़ रहा है।”
                     ” आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स उन्ह। गांड में बहुत दर्द होता है यार। और मैने तुझे चूत दी उसका ही तूने बुरा हाल कर डाला। गांड दे देती तो पता नहीं क्या क्या करता तू।”
                    ” गांड ही फाड़ देता चाची। बहुत इच्छा हो रही है आपकी गांड मारने की। लेकिन आप……………।”
                       ” सब धीरे धीरे मिलता है रोहित। अभी तो मेरी चूत से ही तेरे लण्ड की हवस मिटा ले। बाकि गांड के बारे में कभी सोचूंगी।”
                              तभी मैं फिर से चाची को ज़ोर ज़ोर से  कसकर चोदे जा रहा था।
                  ” आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स।”
                     चाची फिर से पसीने में भीगने लगी थी।उनकी चहेरे की हालत देखने लायक थी। मेरे लण्ड के हरएक झटके के साथ चाची के बोबे बुरी तरह से हिल रहे थे। फिर थोड़ी देर के घमासान के बाद चाची का भोसड़ा गरमा गरम पानी से भर गया। चाची फिर से पानी पानी हो चुकी थी।
                  “आईएईई अआईईई सिससस्स आहहह आईईईई सिससस्स आहः आह्ह आह्ह।”
                              मुझे तो चाची को बजाने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। गांड नही मारने की कसर मेरा लण्ड चाची की चूत पर निकाल रहा था। मेरा लण्ड चाची के भोसड़े पर जमकर कहर बरफा रहा था।
                       फिर कुछ देर बाद मैंने चाची की टांगो को फोल्ड करके उनके सिर से अड़ा दिया। अब मैं चाची को फोल्ड करकर उनके भोसड़े में लण्ड पेलने लगा।
अब चाची को फोल्ड करके बजाने में मुझे अलग ही मज़ा आने लगा।
                  “अआहः आह्ह आह्ह सिससस्स उन्ह आहहह आह्ह आईईईई।”
                             आज मैं चाची के भोसडे में लगे जंग को अच्छी तरह से साफ करना चाहता था। मेरा लण्ड इसी काम में लगा हुआ था। तभी चाची का भोसड़ा फिर से पानी से लबालब हो गया।
                     मै गांड हिला हिलाकर चाची के भोसड़े के लण्ड ठोक रहा था। चाची को पहली बार ठोकने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
                   ” अआईईई सिससस्स आहाहा आहः सिससस्स आह आह्ह।ओह रोहित बहुत शैतान है तू।”
                ” शैतान बनना पड़ता है चाची।”
                    फिर मैंने चाची को बहुत देर तक फोल्ड करकर ठोका। धमाधम चुदाई से चाची बहुत ज्यादा थक चुकी थी। उनका भोसड़ा पानी पानी हो चूका था।अब मैं बेड से नीचे उतर गया। अब मैंने चाची की टांगे पकड़कर उन्हें मेरी तरफ खीच लिया।
                        अब मैंने चाची के भोसड़े के फिर से लण्ड सेट किया और फिर चाची की टांगे पकड़कर बुरी तरह से चाची को बजाने लगा। चाची फिर से सातवे आसमान के पहुँच गया।
चाची– आहाहा आह्ह आहहह सिससस्स उन्ह आहाहा सिससस्स ओह।
                            मेरे लण्ड के हर एक झटके से चाची का भोसड़ा बुरी तरह से दहल रहा था। मुझे चाची को बेड से नीचे खड़े होकर बजाने में अलग ही मज़ा आ रहा था। मै ज़ोर ज़ोर से चाची को बजा रहा था। फिर थोड़ी देर बाद चाची का भोसड़ा फिर से पानी पानी हो गया।
                           मेरे लण्ड की प्यास अभी बुझी नहीं थी। मैं वापस बेड पर चढ़ गया और फिर से चाची को बजाने लगा। मै सुमित्रा चाची को बुरी तरह से ठोक  रहा था। फिर बहुत देर की ठुकाई के बाद मेरा लंड थक गया। अब मैंने चाची को मेरी बाहो में कसा और फिर चाची के भोसड़े को मेरे लण्ड के पानी से भर दिया।
                        अब मैं पसीने से लथपथ होकर चाची से लिपट गया। आज सुमित्रा चाची को चोद कर मैं बहुत ज्यादा खुश था। चाची को बजाने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आया था। चाची भी मुझसे चुद्वाकार बहुत ज्यादा खुश थी।
                          अब हम दोनों थोड़ी देर उठे। पुरे कमरे में हमारे कपडे बिखरे पड़े थे।अब चाची में ढूंढ ढूंढकर उनके कपडे निकाले।अब चाची कपडे पहनकर बहार निकल गई।फिर थोड़ी देर बाद मैं भी कपडे पहनकर कमरे से बाहर आ गया। बरामदे में सुमित्रा चाची और अर्चना चाची बाते कर रही थी।मुझे देखकर अर्चना चाची मुस्कुरा गई।
अर्चना चाची– आज तो खूब मज़े लुट लिए तूने भाभीजी के!
                     “हां चाची ,लेकिन थोड़ी सी कसर बाकी रह गई। चाची ने सबकुछ नहीं दिया।”
अर्चना चाची– कोई बात नहीं। अब जितना दिया है उसमे ही खुश रह। अभी तो पहली बार हैं। फिर कभी सबकुछ ले लेना।
                 ” हां चाची, अब तो ये ही जाने।”
सुमित्रा चाची– अब इतना तो दे दिया यार मैंने। वो ही बहुत है। बाकी फिर सोचूंगी। इसमें ही मेरी हालत खराब कर दी।
चाची– हां सही कह रही हो भाभीजी आप। इसको तो एक ही बार में सबकुछ चाहिए। और बताओ भाभीजी रोहित ने आपकी कितनी खातिरदारी की?
                     ” यार कुछ मत पूछ अर्चना। हालात खराब कर दी इसने तो मेरी। बहुत बुरी तरह से रगड़ा।पहली बार मेरी इतनी खतरनाक रगड़ाई हुई है लेकिन मज़ा भी बहुत आया। बहुत तगड़ा हथियार है इसका।”
                        तभी मेने सुमित्रा चाची पर जबरदस्त पंच मार दिया “तो फिर एकबार और हो जाये चाची।”
सुमित्रा चाची– इतनी देर में तेरी प्यास नहीं बुझी जो फिर से कह रहा है।
                       “क्या करूँ? ये लण्ड फिर से खड़ा हो रहा है।”
सुमित्रा चाची– ये तो ऐसे ही होता रहेगा। जा रही हूँ मैं तो घर पर सारा काम बाकी पड़ा है।
                              और इतना कहकर सुमित्रा चाची उनके घर जाने लगी।तभी मैंने उनका हाथ पकड़कर मेरी तरफ खीच लिया और उनको कमरे के अन्दर ले जाने लगा। सुमित्रा चाची कमरे के अंदर जाने को तैयार नहीं हो रही थी।तभी मैंने सुमित्रा चाची को बरामदे में ही नीचे पटक दिया और उनकी साड़ी में हाथ डालकर पेंटी खोलने लगा।
सुमित्रा चाची– रोहित क्या कर रहा है यार। कुछ तो शर्म कर ले।
                    “चाची बस एकबार और”
                              तभी मैंने चाची की पेंटी निकालकर फेंक दी। अर्चना चाची ये सबकुछ देखकर इधर उधर का काम  करने में लग गई।अब मैंने मेरा पाजामा खोलकर लंड बाहर निकाला और चाची की चूत में ठोक दिया। अब मैं चाची की ताबड़तोड़ ठुकाई करने लगा।चाची फिर से सिस्कारिया भरने लगी।
                         “आह्ह आह्ह सिसस्स आह्ह आह्ह उन्ह आह्ह सिसस्स आह आह्ह ओह।”
                              मैं ज़ोर ज़ोर से चाची के भोसड़े में लण्ड पेल रहा था। चाची को बरामदे में बजाने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।चाची बहुत बुरी तरह से चुद रही थी। फिर थोड़ी देर के घमासान के बाद चाची का भोसड़ा पानी पानी हो गया।
                  ” आह्ह आह्ह बससस्स कर आह्ह आह्ह आह्ह।”
                    मैं चाची को पेले जा रहा था। फिर बहुत देर बाद मैंने चाची के भोसड़े में लंड का पानी भर दिया। अब जाकर मेरे लण्ड को शांति मिली थी। अब चाची जल्दी से उठी और पेंटी पहनकर खड़ी हो गई।
                               अब मैंने भी पाजामा पहन लिया।
                  “बेशर्म  कही का! यहाँ भी नहीं छोड़ा।
मैं– बेशर्म तो बनना ही पड़ता है चाची।
                            तभी अर्चना चाची आ गई।
अर्चना चाची– इसकी हरकतों की तो पुछो ही मतों।कहीं भी लंड ठोक देता है।
सुमित्रा चाची– हाँ यार देख तो सही।
मैं– तभी तो मज़ा आता है चाची।
                             तभी सुमित्रा चाची घर जाने लगी लेकिन अर्चना चाची ने उन्हें रोक लिया। ” रूको भाभीजी ,बहुत थक गई हो आप।चाय पीकर जाना।”
                          तभी सुमित्रा चाची रुक गई। फिर अर्चना चाची चाय बनाने लगी। सुमित्रा चाची मेरी ओर मुस्कुरा रही थी। वो मुझे गांड नहीं मारने के लिए चिड़ा रही थी।
               ” अभी मुस्कुरा लो चाची, लेकिन गांड तो मै लेकर ही रहूँगा।”        वो तो तुझे कभी नहीं मिलेगी।
                     ” देखते हैं चाची।”
                फिर चाची ने हमको चाय पिलाई। चाय पीने के बाद सुमित्रा चाची उनके घर चली गई। फिर मै भी घर चला आया।
आज मै सुमित्रा चाची को बजाकर बहुत खुश था।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके ज़रूर बताये-  [email protected]






