मैं और मेरी सेक्सी मॉम स्मिता: माँ-बेटे की कामुक चुदाई कहानी

पढ़िए राहुल की सच्ची कहानी जहां वो अपनी सेक्सी मॉम स्मिता के साथ पहली बार सेक्स करता है। स्कूटर सिखाने से लेकर सुहागरात तक की हॉट डिटेल्स, बड़े बूब्स, चूत चाटना और जोरदार चुदाई। हिंदी में सबसे हॉट माँ-बेटा इंसेस्ट स्टोरी!

हैलो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है। मैं गुजरात के राजकोट में रहता हूं। मेरी उम्र 22 साल है। घर में हम तीन लोग ही रहते हैं—मैं, मॉम और पापा। मेरी मॉम का नाम स्मिता है और उनकी उम्र 42 साल है। आप लोग जानते होंगे कि गुजराती औरतें भरे हुए बदन वाली होती हैं, और मेरी मॉम भी बिलकुल वैसी ही हैं। उनकी हाइट 5.5 फीट है, और वो एकदम गोरी-गोरी चिट्टी हैं। उनका फिगर 38-32-38 का है, मतलब बड़े-बड़े ब्रेस्ट, पतली कमर और भारी हिप्स। और मैं 5.8 फीट का हूं, फिट बॉडी वाला लड़का।

जब से मैंने सेक्स के बारे में कुछ जाना, तभी से मैं अपनी मॉम को ही सेक्स के लिए पसंद करता आया हूं। मैं हमेशा से उन्हें चोदना चाहता था। उनकी वो मुलायम बॉडी, वो बड़े boobs, वो गोल-गोल गांड—सब कुछ मुझे पागल कर देता था। जब मैं 10th क्लास में था, तब मॉम रात को मुझे पढ़ाती थीं और फिर मेरे साथ ही सो जाती थीं। रात को नींद में मैं उनसे चिपक जाता, अपना एक पैर उनकी थाई पर रखता और अपना लंड उनकी थाई से दबाता। कभी-कभी उनके boobs को भी दबा देता। तब मुझे बड़ा मजा आता था, और थोड़ी देर में मेरा वीर्य निकल जाता, फिर सो जाता।

मॉम हमेशा गहरी नींद में सोती थीं, तो उन्हें कभी पता नहीं चलता। ऐसा मैं लगभग रोज करता था, करीब दो साल तक ये सब चला, मेरी 12th स्टडी पूरी होने तक। मॉम मुझे बहुत प्यार करती थीं, तो दिन में भी कई बार गले लगातीं, चूमती रहतीं। मैं भी उन्हें कभी सामने से, कभी पीछे से चिपक जाता और अपना लंड उनसे चिपका देता, मजा लेता। उनकी वो गर्म सांसें, वो मुलायम बॉडी का टच—मुझे तो बस वही चाहिए था।

अब मैं कॉलेज जॉइन करने वाला था, तो पापा ने मुझे बाइक दिलाने को कहा। बोले, “कौन सी बाइक लेनी है तुम्हें?” मैंने कहा, “पापा, मुझे एक्टिवा ले दो। ये मुझे और मॉम दोनों को काम आएगी।” मॉम ने कहा, “बेटे, मुझे तो स्कूटर चलाना नहीं आता।” मैंने कहा, “मॉम, आप साइकिल चलाना तो जानती हैं ना? ये भी सीख जाएंगी। मैं रोज आपको सिखा दूंगा।” मेरी बात सुनकर मॉम राजी हो गईं। फिर पापा ने नई एक्टिवा लाकर दी।

मैं रोज स्कूटर लेकर कॉलेज जाता। और जब मॉम को बाजार जाना होता, तो मुझे साथ ले जातीं। वो मेरे पीछे चिपक कर बैठतीं, और जब मैं ब्रेक मारता, तो उनके मुलायम boobs मेरी पीठ से दब जाते। वो दबाव, वो गर्माहट—मैं जानबूझकर थोड़ा पीछे बैठता और फास्ट चलाता, ताकि मॉम मुझसे एकदम चिपक जाएं। मुझे बड़ा मजा आता। उनकी वो खुशबू, वो बॉडी का टच—मेरा लंड हर बार खड़ा हो जाता।

फिर एक दिन मेरी छुट्टी थी, मॉम बोलीं, “राहुल, तुमने कहा था स्कूटर चलाना सिखाओगे।” मैंने कहा, “चलो आज ही सिखाता हूं।” हम एक्टिवा लेकर खुले मैदान में गए। मॉम ने उस दिन साड़ी की बजाय ड्रेस पहनी थी—टाइट वाली, जो उनके कर्व्स को हाइलाइट कर रही थी। मैंने मॉम को बाइक पर बिठाया, बोला, “चलो अब धीरे-धीरे एक्सीलरेटर दो।” मॉम बोलीं, “नहीं बेटा, तुम मेरे पीछे बैठ जाओ, अकेले डर लगता है।” तो मैं उनके पीछे बैठ गया, पीछे से हैंडल पकड़कर बाइक चलाने लगा।

इस तरह मैं एकदम मॉम के पूरे बदन से चिपक गया। मेरा लंड उनकी गांड को छूने लगा, और थोड़ा मोटा होने लगा। उनकी वो गर्म गांड, वो मुलायम फील—मैं तो पागल हो रहा था। थोड़ी देर बाद मॉम ने हैंडल संभाल लिया, वो खुद चलाने लगीं। तो मैंने अपने हाथ उनकी कमर पर रख दिए, उनकी बॉडी की खुशबू सूंघने लगा। बस कुछ ही दिनों में मॉम स्कूटर चलाना सीख गईं। अब जब भी बाजार जाना होता, मॉम ही चलातीं, और मैं पीछे बैठकर उनके गोरे-गोरे बदन का मजा लेता। कभी अचानक ब्रेक मारतीं, तो मैं बहाने से हाथ उनके boobs पर दबा देता। लेकिन मॉम बुरा नहीं मानतीं, बल्कि मुझे और कसके पकड़ने को बोलतीं। फिर मैं मॉम के पेट पर हाथ रखकर उन्हें पकड़ लेता।

ऐसा करने से मेरा लंड खड़ा हो जाता, और मॉम की गांड की दरार में घुसने लगता। लेकिन मॉम कभी कुछ नहीं बोलतीं, बल्कि स्कूटर चलाने का मजा लेतीं, और शायद मेरे लंड का भी। मैं महसूस करता था कि उनकी सांसें तेज हो जातीं, वो थोड़ा हिलतीं-डुलतीं। अब मेरा मन मॉम को चोदने की इच्छा से भर गया था। मैं किसी न किसी बहाने से मॉम को हग करता, उनके boobs दबा देता। वो कुछ नहीं बोलतीं, बल्कि हंस देतीं और कहतीं, “मेरा चिपकू बेटा।” शायद उन्हें भी मेरा ये चिपकना अच्छा लगता था, क्योंकि पापा ऑफिस के काम से हमेशा बाहर रहते थे। मॉम भी एक जवान औरत थीं, उन्हें भी सेक्स की भूख होती होगी। मैंने कई बार मॉम को टीवी पर सेक्स सीन देखते हुए देखा था। तब वो अपना हाथ अपनी बुर पर रखकर दबातीं, मजा लेतीं। उनकी वो कामुक आंखें, वो सिसकारियां—मुझे तो बस वही चाहिए था।

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फिर एक बार जब पापा आउट ऑफ स्टेशन थे, घर में मैं और मॉम ही थे। मैं रात को खाना खाकर टैरेस पर पढ़ रहा था, क्योंकि गर्मी का सीजन था। मॉम नीचे हॉल में टीवी देख रही थीं। जब मैं पानी पीने नीचे आया, तो देखा टीवी पर एक एडल्ट फिल्म चल रही थी। मॉम उसे देख रही थीं, उन्होंने अपनी साड़ी ऊपर उठाकर एक हाथ बुर पर रखा था और उंगली से मजा ले रही थीं। उनकी आंखें बंद थीं, होंठ काट रही थीं, सिसकारियां निकाल रही थीं। उन्हें पता नहीं था कि मैं किचन से उन्हें देख रहा हूं।

तब मैंने सोच लिया, बस आज बड़ा सही मौका मिला है। लोहा गर्म है, तो हथौड़ा मार ही दूंगा। किचन में मैंने थोड़ी आवाज की, तो मॉम ने साड़ी नीचे की और पीछे देखकर बोलीं, “क्या कर रहे हो मेरे चिपकू बेटे?” मैंने कहा, “मॉम, बहुत गर्मी हो रही है आज। चलो थोड़ा बाहर घूमने जाएं और आइसक्रीम खाएं।” मॉम राजी हो गईं, मैं तैयार होने रूम में गया। मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया, सिर्फ पायजामा पहनकर बाहर आया। मॉम भी तैयार थीं। मैंने जानबूझकर स्कूटर मॉम को चलाने दिया, पीछे से उन्हें चिपककर बैठ गया। अपना लंड उनकी गांड पर दबा दिया, पता चला मॉम ने शायद नीचे पैंटी नहीं पहनी थी। उनकी वो नरम गांड, बिना पैंटी का फील—मजा आने लगा।

फिर हम आइसक्रीम पार्लर गए। मैं मॉम को ऊपर वाले पोरशन में ले गया, जहां हम दोनों के सिवा कोई नहीं था। हमने आइसक्रीम का कोन मंगवाया। मॉम जल्दी से खा गईं, तो मैंने कहा, “मुझे आपका कोन टेस्ट करना था।” मॉम बोलीं, “अब क्या, मैं तो खा गई।” मैंने कहा, “नहीं, थोड़ा बचा है अभी भी—आपकी नाक पर और लिप्स पर। मैं इसे ही खाऊंगा।” मॉम बोलीं, “ठीक है, यहां कोई नहीं है, जल्दी से चाट ले।”

मैं खुश हो गया, सोचा तीर निशाने पर लगा। पहले मैंने मॉम की नाक को चाटा, फिर बोलीं, “चल ला, मेरे होठों से भी खा ले।” मैंने अपने होंठ मॉम के होंठों पर रख दिए और चूसने लगा। उनके मीठे, रसीले होंठ—मैं उन्हें गहराई से किस करने लगा। मेरा लंड अब तक एकदम टन गया था। थोड़ी देर में मॉम बोलीं, “बस बेटा, हो गया।” तब जाकर मैंने छोड़ा।

अब मुझे लग रहा था कि मॉम भी खुलकर पेश आ रही हैं। मैंने कहा, “मॉम, आप भी मेरी वाली आइसक्रीम टेस्ट करो।” मैंने आइसक्रीम अपने होंठों पर लगा दी, बोला, “चलो खाओ।” मॉम हंसने लगीं, बोलीं, “आजकल तू बड़ा शैतान हो गया है।” ये कहकर उन्होंने मेरे होंठों को चाटना शुरू किया, फिर चूसने लगीं। अब वो गर्म हो गईं थीं, उनकी आंसे तेज थीं, बॉडी हिल रही थी। उनका नजरिया अब कुछ बदल गया था—कामुकता से भरकर।

वापस आते समय मैंने बाइक चलाई, मॉम मुझे चिपककर बैठीं। मेरा लंड अभी भी तना हुआ था। जब रास्ते में गड्ढा आता, मॉम जानबूझकर मुझसे चिपक जातीं, अपने मुलायम boobs मेरी पीठ पर दबा देतीं। एक बार तो मॉम ने मेरे लंड को भी दबा दिया। अब मैं समझ गया था कि बस, अब सही मौका आने की देर है। घर पहुंचे।

घर में आते ही मॉम मुझे अजीब नजर से देख रही थीं, मुस्कुरा रही थीं। मैंने कहा, “मॉम, मैं नहाने जा रहा हूं, बड़ी गर्मी है घर में।” मॉम बोलीं, “ठीक है, मैं भी फ्रेश हो जाती हूं। आज तू मेरे साथ ही सो जाना मेरे AC वाले रूम में।” मैं खुश हो गया, पहले बाथरूम में जाकर मॉम को याद करके मुठ मारी। फिर सिर्फ शॉर्ट पैंट पहनकर मॉम के पास आया। देखा, मॉम ने आज बड़ी सेक्सी नाइटी पहनी थी—रेड कलर की, ट्रांसपेरेंट वाली। मैं तो उन्हें देखता ही रह गया। एकदम परी लग रही थीं मेरी जवान सेक्सी मॉम। उनके भरे हुए boobs नाइटी से झांक रहे थे, निप्पल्स साफ दिख रहे थे।

मॉम ने कहा, “चलो आओ बेड पर।” मैं उनके साथ बेड पर बैठ गया। मॉम के भीगे बालों से क्या खुशबू आ रही थी, मैं तो मदहोश होने लगा। मॉम ने AC फुल कर दिया, पूरा रूम ठंडा हो गया, लेकिन हम दोनों गर्म… बस अब कौन शुरूआत करता, वो ही बाकी था। मैं थोड़ा डर रहा था, मॉम शर्मा रही थीं। आखिर मॉम ने ही बोला, “राहुल, तुम्हें आइसक्रीम कैसी लगी आज?”

मैंने कहा, “मॉम, बहुत अच्छी थी, खासकर आपकी वाली।” वो हंसने लगीं, “चल हट बदमाश, तूने तो आईसक्रीम से ज्यादा मेरे होंठ चूसे। लगता है तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।” मैंने कहा, “हां मॉम, मुझे लड़कियां अच्छी नहीं लगतीं।” मॉम बोलीं, “तो फिर कौन पसंद है तुझे?” मैंने जल्दी से कहा, “मॉम, मुझे तो बस आप अच्छी लगतीं हो। मेरा मन अब रोज आईसक्रीम खाने को करेगा।”

मॉम शर्मा के बोलीं, “चल पागल, मुझमें ऐसा क्या है। और मैं तेरी मां हूं।” मैंने कहा, “मॉम, आपके पास जो है वो आजकल की लड़कियों के पास कहां होता है। आपका फिगर तो heroine जैसा है, मैं तो आप पर फिदा हो गया हूं।” मॉम बोलीं, “वाह, मेरा चिपकू बेटा आज मुझपर लाइन मार रहा है।” फिर तो मैं और खुल गया, “मॉम, अगर आप मेरी मां न होतीं तो मैं आपसे शादी कर लेता।”

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ये सुनकर मॉम शर्मा गईं, बोलीं, “चल हट पागले, लगता है तेरी शादी जल्दी करनी पड़ेगी।” मैंने कहा, “ठीक है, लेकिन तब तक तो आप ही मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ ना प्लीज।” वो थोड़ा सोचकर बोलीं, “ठीक है बेटा, वैसे भी तेरे पापा तो मेरे साथ होते नहीं। मुझे भी एक फ्रेंड की बड़ी जरूरत है, और मैं अपने बेटे को ही पहला चांस दूंगी, बाराबर?” ये सुनकर मैं खुश हो गया, मॉम के ऊपर चढ़ गया, उनके गाल पर किस कर दी। मॉम ने भी मुझे कसकर पकड़ा, उनकी सांसें तेज हो गईं, मेरा लंड टाइट हो गया। फिर मॉम बोलीं, “बस बस अब सो जाओ, कल कॉलेज जाना है।”

लेकिन अब मुझे नींद कहां आने वाली थी? मैं जानता था मॉम भी आज गर्म हैं, ये चांस हाथ नहीं जाना चाहिए। तो मैं मॉम के ऊपर एक पैर रखकर उनसे चिपक गया, सोने का नाटक करने लगा। मेरा तना हुआ लंड मॉम की थाई पर प्रेस हो रहा था, और अब झटके मारने लगा। मैंने एक हाथ मॉम की गर्दन के नीचे रखा, दूसरा उनके पेट पर। मैं धीरे-धीरे मॉम के पेट को सहला रहा था—क्या मख्खन जैसा मुलायम पेट था मां का, एकदम चिकना और गर्म।

मेरी ये हरकत से मॉम और गर्म हो गईं, बोलीं, “राहुल बेटे, मत कर, मुझे कुछ-कुछ हो रहा है।” लेकिन मैं नहीं माना, धीरे-धीरे अपना हाथ उनके boobs पर रख दिया और हल्के से दबाने लगा। मॉम की सांसें तेज होने लगीं। उन्होंने अपने पैर फैला दिए, एक हाथ से अपनी बुर दबाने लगीं, मुंह से सिसकारियां लेने लगीं—आह्ह… उफ्फ…

बस फिर क्या था? मैंने मॉम का हाथ हटाकर अपना हाथ उनकी बुर पर रख दिया, सहलाने लगा। मॉम ने नीचे पैंटी पहन ली थी, तो मैं उंगली से बुर को सहलाने लगा। मेरी ये हरकत से मॉम तिलमिला उठीं, मेरी तरफ करवट लेकर मुझसे चिपक गईं। मैंने भी मॉम को बाहों में ले लिया। नाइट लैंप की रोशनी में मॉम की आंखें अब कामुकता से चमक रही थीं। अब मैंने भी सारा डर छोड़ दिया, मॉम को किस करने लगा। मॉम भी मुझे साथ देने लगीं। मेरा तना हुआ लंड मॉम के पेट को छू रहा था, तो मॉम ने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया, बोलीं, “बाप रे, कितना बड़ा है तेरा ये लंड राहुल।”

फिर मैं बोला, “हां मॉम, बस आपके लिए ही संभाल के रखा है।” सुनकर मॉम ने मेरा शॉर्ट पैंट निकाल दिया, मुझे नंगा कर दिया। मेरा 8 इंच का लंड देखकर मॉम दंग रह गईं, बोलीं, “बेटा, ये तो तेरे पापा से भी बड़ा है। उनका तो करीब 5 इंच ही होगा, और चौड़ा भी नहीं।”

मैंने मॉम से कहा, “अच्छा है ना मॉम, आज आपकी चूत का सील सही में टूटेगा।” ये सुनकर मॉम शर्मा गईं, मेरी छाती में मुंह छुपा लिया। फिर मैंने मॉम को धीरे-धीरे चूमना शुरू किया—पहले माथे पर, फिर होंठों पर, फिर गर्दन पर। फिर उनका गाउन निकाल दिया। मॉम के गोरे-गोरे, मोटे boobs मेरे सामने एकदम नंगे थे। मैं तो उन्हें देखकर पागल हो गया, उनकी 1 इंच की निप्पल को मुंह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगा। क्या स्वाद था, क्या कड़क निप्पल्स—मैं उन्हें काटता, चूसता, दबाता।

मॉम अब पूरी एक्साइट हो गईं थीं, आंखें बंद करके आहें भर रही थीं—आह्ह… राहुल… चूसो… जोर से… मैंने करीब 15 मिनट तक मॉम के दोनों boobs को बारी-बारी चूसा, उन्हें लाल कर दिया। फिर उनके पेट और नाभि को चूमने लगा, साथ ही मॉम की पैंटी को एक झटके में निकाल दिया। मेरी आंखें चौंक पड़ीं—मेरे सामने मॉम की चूत थी… क्लीन शेव्ड, गुलाबी-गुलाबी, बिलकुल गुलाब के फूल जैसी। क्या रसीली लग रही थी, हल्की गीली। मैंने अपनी जीभ मॉम की चूत पर रख दी, उसे चाटने लगा। मॉम तो जैसे पागल हो गईं—उफ्फ… आह्ह… राहुल… मत कर… उई मां… मैंने उनकी चूत के दाने को छेड़ दिया, अब मॉम चाहकर भी बिना चुदवाए नहीं रह सकती थीं। उनकी चूत लबलाबा रही थी, गीली हो गई थी, रस टपक रहा था।

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फिर मॉम बोलीं, “बस बेटा, अब न तड़पा… बस अब तोड़ दे मेरा सील… बना ले मुझे अपनी बीवी… आज तू ही मेरा पति है… मना ले अपनी सुहागरात…” उनकी वो कामुक आवाज, वो भरी हुई सांसें—मैं तो और गर्म हो गया। मैंने अपना लंड मॉम की चूत पर रखा, थोड़ा सहलाने लगा, जिससे मेरा लंड मॉम की चूत के पानी से गीला हो गया। अब लंड को चूत के छेद पर रखा, मॉम के ऊपर झुक गया, और धीरे से एक झटका दिया। मेरा मुसलदार लंड मॉम की चूत में करीब 2 इंच चला गया, और मॉम की चीख निकल गई—उई मां… क्योंकि आज उनका सील पूरी तरह नहीं टूटा था।

फिर मैं थोड़ी देर ऐसे ही मॉम को किस करता रहा, उनका दर्द कम हुआ। अब मॉम और मैं दूसरे झटके के लिए तैयार थे। मैंने मॉम को पूरी बाहों में लिया, पूरी ताकत से दूसरा झटका मारा। मेरा लंड पूरा मॉम की चूत में चला गया… मॉम तो उुईईईई… मांआआआ… मर गईईईई… बोलते हुए चीख पड़ीं। बोलीं, “बेटा, धीरे कर, नहीं तो मेरी चूत फट जाएगी… आज तक तेरे जैसा मोटा लंड लिया नहीं इसलिए…”



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अब मैं धीरे-धीरे अपनी कमर आगे-पीछे करने लगा, मॉम भी अब थोड़ी शांत होकर मुझे नीचे से साथ देने लगीं। कभी मैं मॉम के boobs को किस करता, कभी होंठों को। क्या फील था—उनकी टाइट चूत में मेरा लंड फंसकर अंदर-बाहर हो रहा था, गर्माहट, गीलापन। मॉम अब पूरी मस्ती में आ चुकी थीं। तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी, अपने लंड को तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। मॉम की चूत से पानी निकल रहा था, जिससे पचक-पचक आवाज हो रही थी—पच… पच… आह्ह… उफ्फ… करीब 15 मिनट तक मैं मॉम को तेजी से चोदता रहा, तब जाकर मॉम झड़ गईं—आह्ह्ह… आह्ह्ह्ह्ह… करती हुई मुझसे चिपक गईं।

मेरी गर्दन पर तो मॉम ने काट लिया, नाखून गड़ा दिए। और मैंने बड़ी तेजी से धक्के मारना चालू कर दिया, फिर 5 मिनट में मैंने भी अपना गर्म वीर्य मॉम की चूत में निकाल दिया… और मॉम के boobs पर सर रखकर सो गया। क्या राहत थी, क्या मजा—हम दोनों का पसीना, हमारी सांसें मिलकर एक हो गईं।

करीब 15 मिनट तक हम मां-बेटे ऐसे ही पड़े रहे, दोनों थक गए थे। फिर मॉम ने कहा, “मुझे नहाना है, बहुत पसीना हो गया है बेटे।” मैंने कहा, “मॉम, मुझे भी आपके साथ नहाना है।” मॉम हंसकर बोलीं, “मेरे चिपकू बेटे, अब तो छोड़ मुझे। आज तूने मेरी सील तो तोड़ ही दी है। आज तूने मुझे अपना बना लिया है, आज से ये जिस्म तुम्हारा हुआ… जब भी तुम्हें इच्छा हो, तुम मुझे चोद सकते हो… अब मैं सिर्फ तुमसे ही चुदवाऊंगी… मुझे अपनी मां नहीं, पत्नी ही समझ… समझे मेरे जवान पति महाशय।”

ये सुनकर मैं बड़ा खुश हो गया। मैंने आज अपनी सपनों की रानी को पा लिया था। फिर हम दोनों बाथरूम में साथ नहाने गए। मैंने मॉम को शावर के नीचे खड़ा कर दिया, खुद मॉम के पीछे चिपककर खड़ा रहा, उनके boobs दबाने लगा। मॉम के भीगे boobs क्या चमक रहे थे—गोरे, गोल, पानी से टपकते। मैं फिर से एक्साइट हो गया, मेरा लंड फिर से टन गया, मॉम की गांड में चुभने लगा। तो मॉम मेरी ओर पलट गईं, मेरे 8 इंच के लंड को पकड़ लिया, बोलीं, “क्यों बेटे, आज ही मेरी जवानी का पूरा आनंद ले लोगे क्या?”

मैंने कहा, “मॉम, आज मुझे मत रोको। आज की रात को हमारी सुहागरात बनाओ प्लीज।” सुनकर मॉम मुझसे लिपट गईं, बोलीं, “ठीक है राहुल, तो फिर चल, चोद दे मुझे, मना ले अपनी सुहागरात।” मैं खुश होकर मॉम को गोदी में उठा लिया, बाथटब के पानी में डाल दिया, खुद भी कूद गया। करीब 30 मिनट तक मैंने मॉम को पानी में ही चोदा—पानी छलकता, हमारी बॉडीज स्लिप करतीं, धक्के लगते, आहें भरतीं। फिर बाथरूम से बाहर आए, बिना कुछ कपड़े पहने चिपककर सो गए। उस रात मैंने और मेरी मॉम ने 2 बार और चुदाई की—एक बार डॉगी स्टाइल में, जहां मैंने उनकी गांड को थपथपाते हुए चोदा, और दूसरी बार मिशनरी में, गहराई से।

सुबह जब मेरी आंख खुली, तो मॉम चाय का कप लेकर ट्रांसपेरेंट पिंक नाइटी में सामने खड़ी थीं। नाइटी से उनके boobs और चूत साफ झांक रही थी। मॉम ने मुझे गुड मॉर्निंग किस दी, अपने हाथ से चाय पिलाई। और फिर एक बार मैंने मॉम को चोदा—सुबह की ताजगी में, धीरे-धीरे, प्यार से।

अब मैं और मॉम घर में पति-पत्नी की तरह ही रहते हैं। जब भी मौका मिलता, हम अपनी रात को सुहागरात बना देते। कभी किचन में, कभी सोफे पर, कभी टैरेस पर—हर जगह हमारी चुदाई चलती। मॉम अब और खुल गईं हैं, वो मुझे नए-नए पोज सिखातीं, अपनी गांड हिलाकर मुझे तड़पातीं।

फिर एक दिन मॉम ने कहा, “तुम मुझे हमारे हनीमून पर कब ले जाओगे?” मैंने कहा, “ठीक है मेरी प्यारी मॉम… नेक्स्ट टाइम जब पापा बाहर जाएंगे, तो हम भी अपने हनीमून पर निकल जाएंगे।” और मॉम खुश होकर मुझसे लिपट गईं, कसके एक किस कर दी।

तो दोस्तों, कैसी लगी मेरी और मेरी मॉम की कहानी? और हमारे हनीमून पर हमने कैसा मजा किया, ये मैं नेक्स्ट टाइम बताऊंगा। अभी मैं जा रहा हूं, क्योंकि मॉम नहा रही हैं और मुझे अंदर बुला रही हैं। तो मैं चला मॉम को चोदने, और आप लोग बस मुठ मारो…!!!!!!!!!!!!!!!!

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