जीजा जी के साथ एक रात होटल में जमकर चुदाई

Jiju Sali Sex Story – मेरा नाम प्रिया है, और मैं 27 साल की एक हॉट, चुदास भरी औरत हूँ। मेरा गोरा, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर किसी भी मर्द के लंड में आग लगा देता है। मेरे रसीले होंठ, गुलाबी निप्पल, और गीली चूत चुदाई का खुला न्योता देते हैं। मेरी मादक आँखें और मटकती चाल मर्दों को पागल कर देती है। मेरा पति, राहुल, 32 साल का है, लेकिन उसकी नौकरी उसे इतना व्यस्त रखती है कि वह मेरी चूत की भूख मिटाने में नाकाम रहता है। मेरे जीजा, अनिल, 35 साल के एक गठीले, हैंडसम मर्द हैं, जिनका 9 इंच का मोटा, काला लंड मेरी चूत में चुदास की सिहरन पैदा करता था। अनिल की भूखी नजरें हमेशा मेरे चूचों और गांड पर टिकती थीं, और मैं जानती थी कि वह मेरी चूत को चोदने के लिए तड़प रहा है। ये कहानी उस रात की है, जब मैंने अनिल जीजा के साथ एक होटल में जमकर चुदाई की, और उसकी चुदाई ने मेरी चूत को चरम सुख की आग में झोंक दिया।

अनिल जीजा अक्सर हमारे घर आते थे, और उनकी चुदास भरी नजरें मुझे बेचैन कर देती थीं। एक बार, जब मैंने टाइट सलवार-कुर्ता पहना था, अनिल ने मेरी चूचियों को घूरते हुए कहा, “प्रिया, तू तो किसी की चूत में आग लगा दे।” मैंने शरारत से जवाब दिया, “जीजा जी, मेरी चूत भी आपके लंड की भूखी है।” मेरी बात ने उनकी आँखों में चुदास की चमक जगा दी। उस दिन से हम दोनों के बीच चुदास का खेल शुरू हो गया। हम व्हाट्सएप पर अश्लील मैसेज भेजने लगे, और मैंने कई बार अपनी चूचियों और गांड की तस्वीरें उसे भेजीं। अनिल ने अपने मोटे, काले लंड की तस्वीर भेजी, और मेरी चूत उसे देखकर गीली हो गई। मैंने फैसला किया कि मुझे अनिल जीजा के लंड से अपनी चूत चुदवानी है।

एक दिन, राहुल को ऑफिस के काम से दिल्ली जाना पड़ा। मेरी दीदी भी अपने बच्चों के साथ मायके गई थीं, और अनिल जीजा घर पर अकेले थे। मैंने मौके का फायदा उठाया और अनिल को फोन किया। “जीजा जी, आज रात मैं आपके साथ होटल में रुकना चाहती हूँ। मेरी चूत आपके लंड के लिए तड़प रही है,” मैंने मादक आवाज में कहा। अनिल ने तुरंत हामी भरी और बोले, “प्रिया, मैं तेरी चूत को आज रात फाड़ दूँगा।” उसने एक फाइव-स्टार होटल में रूम बुक किया, और मेरी चूत चुदाई के लिए बेकरार हो उठी। मैंने एक टाइट, लाल ड्रेस पहनी, जो मेरी चूचियों और गांड को पूरी तरह उजागर कर रही थी। ड्रेस का गहरा गला मेरे चूचों की गहरी रेखा को दिखा रहा था, और मेरी नंगी जाँघें चमक रही थीं। मैंने जानबूझकर ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी, ताकि मेरे सख्त निप्पल और गीली चूत साफ दिखें। मेरी चूत में पहले से ही चुदास की आग सुलग रही थी।

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रात के 8 बजे, मैं होटल पहुँची। अनिल ने मुझे रूम में बुलाया। उसने एक टाइट शर्ट और जींस पहनी थी, और उसकी जींस में उसके 9 इंच के मोटे लंड का उभार मेरी चूत को बेकरार कर रहा था। मैंने दरवाजा बंद किया और उसे अपनी बाहों में खींच लिया। “जीजा जी, मेरी चूत आपके लंड की गुलाम है। आज इसे चोदकर फाड़ दो,” मैंने फुसफुसाते हुए कहा। अनिल ने मेरे रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और उसका मोटा लंड मेरी जाँघों से टकरा रहा था। मैंने उसकी शर्ट फाड़ दी, और उसका गठीला सीना मेरे सामने था। उसने मेरी ड्रेस को फाड़कर उतार दिया, और मेरी बड़ी, नंगी चूचियाँ उसके सामने उछल पड़ीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और मेरी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड उसके सामने नंगी थी। मेरा चूत का रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था।

अनिल ने मेरे एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चबा रहा हो। उसकी जीभ मेरे निप्पल को चाट रही थी, और मेरी सिसकारी होटल के कमरे में गूँज रही थी। उसने मेरे दूसरे चूचे को अपनी उंगलियों से मसला, और मेरे गुलाबी निप्पल को खींचकर मेरी चीखें निकाल दीं। मैंने उसकी जींस उतार दी, और उसका 9 इंच का मोटा, काला लंड मेरे सामने तन गया। उसकी नसें फूली हुई थीं, और मेरी चूत ने उसे देखकर और रस छोड़ा। “जीजा जी, आपका लंड मेरी चूत को चोदने के लिए बना है,” मैंने मादहोश होकर कहा, और उसके लंड को अपने रसीले होंठों में लिया। मैं उसके लंड को गहराई तक चूस रही थी, और उसकी सिसकारियाँ निकल रही थीं। अनिल ने मेरे बाल पकड़कर मेरा मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया, और मैं उसके लंड को चाट रही थी।

अनिल ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी जाँघें चौड़ी कीं। उसने अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटना शुरू किया, और उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को चूस रही थी। मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थी। उसने मेरी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और मेरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और मैं चुदास में चीख रही थी। “जीजा जी… मेरी चूत को चोद… इसे फाड़ दे,” मैंने सिसकारी के साथ कहा। अनिल ने अपना मोटा, काला लंड मेरी गीली चूत में डाल दिया, और मैं चीख पड़ी। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, लेकिन दर्द जल्दी ही मादक सुख में बदल गया। वह जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और मेरे चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे।

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मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका लंड और गहरा ले रही थी, और मेरी सिसकारियाँ होटल के कमरे में गूँज रही थीं। अनिल ने मेरे चूचियों को मसला, मेरे निप्पलों को चूसा, और मेरी चूत को अपने लंड से रगड़ने लगा। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। “जीजा जी… मेरी चूत को और जोर से चोद… इसे सुजा दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। अनिल ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गोल गांड को थप्पड़ मारते हुए अपना लंड मेरी चूत में फिर से डाल दिया। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, और मैं चुदास में चीख रही थी। उसने मेरी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और फिर धीरे-धीरे अपना मोटा लंड मेरी गांड में डाल दिया। मैं दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन मेरी गांड ने जल्दी ही उसके लंड को गले लगा लिया।

अनिल मेरी गांड को जमकर चोद रहा था, और मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे। “जीजा जी… मेरी गांड को चोद… मेरी चूत को फाड़ दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने मेरे चूचियों को मसला, मेरी गांड को थप्पड़ मारे, और मेरी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा। मेरी चूत बार-बार झड़ रही थी, और मेरा रस उसकी जाँघों पर टपक रहा था। चुदाई का दौर घंटों चला। अनिल ने मुझे अलग-अलग पोजीशन में चोदा। एक बार उसने मुझे अपनी गोद में बिठाया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। मेरे चूचे उसके चेहरे पर उछल रहे थे, और वह मेरे निप्पलों को चूस रहा था। फिर उसने मुझे बाथरूम में ले जाकर शावर के नीचे खड़ा किया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। पानी मेरे चूचों पर टपक रहा था, और मेरी चीखें बाथरूम में गूँज रही थीं।

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“प्रिया, मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ,” अनिल ने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, जीजा जी… मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने अपने धक्के और तेज किए, और फिर अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी मेरी चूत में मारी। मैं सुख से चीख पड़ी, और मेरी चूत उसके वीर्य से लबालब भर गई। उसने मेरे चूचियों, रसीले होंठों, और पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और मैंने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। मेरा बदन उसके वीर्य से गीला और चिपचिपा हो गया था। हम दोनों हाँफ रहे थे, और मेरी चूत और गांड चुदाई से सुज गई थी।

उस रात के बाद, अनिल जीजा मेरी चुदास का नियमित साथी बन गए। हर बार जब राहुल या दीदी घर पर नहीं होते, मैं अनिल को होटल में बुलाती। एक बार मैंने उसे एक रिसॉर्ट में बुलाया। उसने मुझे पूल के पास चोदा, और मेरी चूत उसके वीर्य से भर गई। दूसरी बार, मैंने उसे एक दोस्त के फ्लैट में बुलाया। मैंने एक पारदर्शी नाइटी पहनी थी, और उसने मुझे बेडरूम में लिटाकर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया। मैं चुदास में सिसकार रही थी, “जीजा जी… मेरी चूत को चोद… इसे हर रात चोद!” उसने मेरे चूचियों को मसला, मेरी गांड को थप्पड़ मारे, और मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दिया।

राहुल और दीदी को कभी शक नहीं हुआ, क्योंकि अनिल और मैं चुपके से अपनी चुदाई का खेल खेलते थे। एक रात, जब अनिल मेरी चूत को होटल में चोद रहा था, राहुल ने अचानक फोन किया। मैंने फोन उठाया, और अनिल ने मेरी चूत में अपना लंड और तेजी से डाला। मैं सिसकारियों को दबाते हुए राहुल से बात कर रही थी, और मेरी चूत अनिल के वीर्य से भर रही थी। “प्रिया, तुम ठीक हो ना?” राहुल ने पूछा। मैंने हाँफते हुए कहा, “हाँ, राहुल… मैं बहुत खुश हूँ।” फोन रखते ही अनिल ने मेरी गांड में अपना लंड डाला, और मेरी चीखें फिर से गूँज उठीं।

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