Sasur Bahu ki Sex Kahani – मेरा नाम नेहा है, और मैं 26 साल की एक हॉट, चुदास भरी औरत हूँ। मेरा गोरा, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर किसी भी मर्द के लंड में आग लगा देता है। मेरे रसीले होंठ, गुलाबी निप्पल, और गीली चूत चुदाई का खुला न्योता देते हैं। मेरी मादक आँखें और मटकती चाल मर्दों को पागल कर देती है। मेरा पति, अजय, 30 साल का है, लेकिन उसका छोटा लंड और जल्दी झड़ने की आदत मेरी चूत की भूख को मिटाने में नाकाम रहती थी। मेरे ससुर, रमेश, 55 साल के एक गठीले, रसूखदार मर्द थे, जिनका 10 इंच का मोटा, काला लंड मेरी चूत में चुदास की आग लगा देता था। ये कहानी उस दिन की है, जब मैंने ससुर का लंड देखा और उनकी चुदाई की दीवानी हो गई।
हम एक बड़े घर में रहते थे, जहाँ मैं, अजय, मेरी सास, और ससुर रमेश एक साथ रहते थे। सास अक्सर मंदिर और पूजा में व्यस्त रहती थीं, और अजय अपनी नौकरी के सिलसिले में बाहर रहता था। रमेश घर पर अकेले होते, और उनकी भूखी नजरें मेरे चूचों और गांड पर टिक जाती थीं। मैं जानबूझकर टाइट साड़ी या नाइटी पहनती, ताकि मेरे चूचे और गांड उन्हें ललचाएँ। एक बार, जब मैं झाड़ू लगा रही थी, मैंने जानबूझकर अपनी साड़ी का पल्लू गिराया, और मेरे चूचों की गहरी रेखा रमेश के सामने आ गई। उनकी आँखें मेरे चूचों पर अटक गईं, और उनकी पैंट में उनके मोटे लंड का उभार साफ दिख रहा था। “नेहा, तू तो किसी की चूत में आग लगा दे,” उन्होंने मादक आवाज में कहा। मैंने शरारत से जवाब दिया, “ससुर जी, मेरी चूत भी आपके लंड की भूखी है।” मेरी बात ने उनकी चुदास को और भड़का दिया।
एक दिन, अजय को ऑफिस के काम से एक हफ्ते के लिए मुंबई जाना पड़ा, और सास अपने मायके गई थीं। मैं और रमेश घर पर अकेले थे। मैंने मौके का फायदा उठाने का फैसला किया। उस सुबह, मैं नहाने के बाद सिर्फ एक पतली तौलिया लपेटकर बाथरूम से बाहर आई। रमेश हॉल में बैठे थे, और मैं जानबूझकर उनके सामने से गुजरी। मेरा तौलिया मेरी चूचियों और गांड को मुश्किल से ढक रहा था, और मेरे गुलाबी निप्पल और गीली चूत की हल्की झलक दिख रही थी। रमेश की आँखें मेरे बदन पर जम गईं, और उनकी पैंट में उनका लंड तन गया। मैंने देखा कि वह अपनी पैंट के ऊपर से अपने लंड को सहला रहे थे। मैंने शरारत से कहा, “ससुर जी, आपका लंड तो मेरी चूत को बेकरार कर रहा है।” रमेश ने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया और बोले, “नेहा, आज मैं तेरी चूत को अपने लंड से फाड़ दूँगा।”
मैंने तौलिया उतार दिया, और मेरी बड़ी, नंगी चूचियाँ उनके सामने उछल पड़ीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और मेरी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड उनके सामने नंगी थी। मेरा चूत का रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था। रमेश ने मेरे रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और उनका मोटा लंड मेरी जाँघों से टकरा रहा था। मैंने उनकी पैंट उतार दी, और उनका 10 इंच का मोटा, काला लंड मेरे सामने तन गया। उसकी नसें फूली हुई थीं, और मेरी चूत ने उसे देखकर और रस छोड़ा। मैं ससुर के लंड की दीवानी हो गई। “ससुर जी, आपका लंड मेरी चूत को चोदने के लिए बना है,” मैंने मादहोश होकर कहा।
मैंने उनके लंड को अपने रसीले होंठों में लिया और गहराई तक चूसने लगी। रमेश की सिसकारियाँ निकल रही थीं, और उन्होंने मेरे बाल पकड़कर मेरा मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया। मैं उनके लंड को चाट रही थी, और उनकी चुदास मेरे मुँह में साफ महसूस हो रही थी। रमेश ने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरी जाँघें चौड़ी कीं। उन्होंने अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटना शुरू किया, और उनकी जीभ मेरी चूत के दाने को चूस रही थी। मैं अपनी गांड को हिलाकर उनका मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थी। मेरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ घर में गूँज रही थीं। “ससुर जी… मेरी चूत को चोद… इसे फाड़ दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा।
रमेश ने अपना मोटा, काला लंड मेरी गीली चूत में डाल दिया, और मैं चीख पड़ी। उनका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, लेकिन दर्द जल्दी ही मादक सुख में बदल गया। वे जोर-जोर से धक्के मारने लगे, और मेरे चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे। मैं अपनी गांड को हिलाकर उनका लंड और गहरा ले रही थी, और मेरी सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं। रमेश ने मेरे चूचियों को मसला, मेरे निप्पलों को चूसा, और मेरी चूत को अपने लंड से रगड़ने लगे। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और उनका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। “नेहा, तेरी चूत तो मेरे लंड की गुलाम है,” उन्होंने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, ससुर जी… मेरी चूत को और जोर से चोद… इसे सुजा दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा।
रमेश ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गोल गांड को थप्पड़ मारते हुए अपना लंड मेरी चूत में फिर से डाल दिया। उनका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, और मैं चुदास में चीख रही थी। उन्होंने मेरी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और फिर धीरे-धीरे अपना मोटा लंड मेरी गांड में डाल दिया। मैं दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन मेरी गांड ने उनके लंड को गले लगा लिया। रमेश मेरी गांड को जमकर चोद रहे थे, और मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे। “ससुर जी… मेरी गांड को चोद… मेरी चूत को फाड़ दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उन्होंने मेरे चूचियों को मसला, मेरी गांड को थप्पड़ मारे, और मेरी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा। मेरी चूत बार-बार झड़ रही थी, और मेरा रस उनकी जाँघों पर टपक रहा था।
चुदाई का दौर घंटों चला। रमेश ने मुझे अलग-अलग पोजीशन में चोदा। एक बार उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठाया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। मेरे चूचे उनके चेहरे पर उछल रहे थे, और वे मेरे निप्पलों को चूस रहे थे। फिर उन्होंने मुझे दीवार के सहारे खड़ा किया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। मेरी चीखें और सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं। “नेहा, मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ,” रमेश ने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, ससुर जी… मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उन्होंने अपने धक्के और तेज किए, और फिर अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी मेरी चूत में मारी। मैं सुख से चीख पड़ी, और मेरी चूत उनके वीर्य से लबालब भर गई।
उन्होंने मेरे चूचियों, रसीले होंठों, और पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और मैंने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। मेरा बदन उनके वीर्य से गीला और चिपचिपा हो गया था। हम दोनों हाँफ रहे थे, और मेरी चूत और गांड चुदाई से सुज गई थी। उस दिन के बाद, रमेश मेरी चुदास का नियमित साथी बन गए। हर बार जब अजय या सास घर पर नहीं होते, मैं रमेश के साथ चुदाई का खेल खेलती। एक बार मैंने उन्हें रसोई में बुलाया। मैंने एक टाइट साड़ी पहनी थी, और उन्होंने मेरी साड़ी ऊपर उठाकर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया। मैं काउंटर पर झुकी थी, और वे मेरी गांड को थप्पड़ मारते हुए मेरी चूत को चोद रहे थे। मेरी चीखें रसोई में गूँज रही थीं, और मेरी चूत उनके वीर्य से भर गई।
दूसरी बार, मैंने उन्हें बाथरूम में बुलाया। मैंने उन्हें शावर के नीचे खड़ा किया और उनके लंड को अपने मुँह में लिया। फिर उन्होंने मुझे दीवार के सहारे खड़ा किया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से चोदा। पानी मेरे चूचों पर टपक रहा था, और मेरी सिसकारियाँ बाथरूम में गूँज रही थीं। एक रात, जब मैं उनके कमरे में गई, उन्होंने मुझे अपने बिस्तर पर लिटाया और मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटा। मैंने उनकी गांड को सहलाया और उनके लंड को चूसकर उन्हें और उत्तेजित किया। फिर उन्होंने मेरी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा, और मेरी चूत उनके वीर्य से चमक रही थी।
अजय और सास को कभी शक नहीं हुआ, क्योंकि मैं और रमेश चुपके से अपनी चुदाई का खेल खेलते थे। एक रात, जब रमेश मेरी चूत को चोद रहे थे, अजय ने अचानक फोन किया। मैंने फोन उठाया, और रमेश ने मेरी चूत में अपना लंड और तेजी से डाला। मैं सिसकारियों को दबाते हुए अजय से बात कर रही थी, और मेरी चूत रमेश के वीर्य से भर रही थी। “नेहा, तुम ठीक हो ना?” अजय ने पूछा। मैंने हाँफते हुए कहा, “हाँ, अजय… मैं बहुत खुश हूँ।” फोन रखते ही रमेश ने मेरी गांड में अपना लंड डाला, और मेरी चीखें फिर से गूँज उठीं।
रमेश का मोटा, काला लंड मेरी चूत की हर भूख मिटा देता था। उनकी चुदाई ने मुझे उनकी दीवानी बना दिया। हर रात, जब वे मेरी चूत और गांड को चोदते, मेरी सिसकारियाँ घर में गूँजती थीं। मैंने सोचा कि ससुर का लंड देखकर दीवानी होना मेरी जिंदगी का सबसे मादक फैसला था। उनका लंड मेरी चूत का राजा बन गया, और उनकी चुदाई मेरी चुदास का सबसे बड़ा सुख थी। मेरी चूत अब रमेश के लंड की गुलाम बन चुकी थी, और उनकी चुदाई मेरी जिंदगी का सबसे उत्तेजक अनुभव थी।