दामाद जी धीरे चोदो कोमल जाग जाएगी


Saas damad sex stories in Hindi – सास दामाद चुदाई : मैंने अपने दामाद को धीरे-धीरे चोदने के लिए बोली थी क्योंकि मेरी बेटी दूसरे कमरे में सो रही थी और दामाद जी वहां से उठकर मेरे कमरे में आए थे मुझे चोदने के लिए। इतने जोर जोर से वह चोद रहे थे कि मुझे मना करना पड़ा कि धीरे-धीरे धक्के मारो नहीं तो बेटी उठ जाएगी और फिर यहां आ जाएगी और हम दोनों की चोरी पकड़ी जाएगी। आज मैं आपको अपनी कहानी इस वेबसाइट पर सुनाने वाली हूं। यह मेरी पहली कहानी है antarvasna.live पर मैं यहां पर रोजाना कर कहानियां तो पढ़ती हूं पर मैंने आज तक कभी लिखी नहीं है इसलिए आज मैं लिखने वाली हूं। आप लोगों के सामने अपनी कहानी पेश करने वाली उम्मीद करती हूं आप सभी को बहुत पसंद आएगी और बहुत हॉट लगेगी।

मेरी सच्ची कहानी है और मैं आप सभी को अपनी सेक्स कहानी हुबहू सुनाने वाले हैं। मेरा नाम कौशल्या है मैं 40 साल की हूं मेरी बेटी 20 साल की है उसका नाम कोमल है। मैंने अपनी बेटी की शादी 6 महीना पहले की लड़का बहुत होनहार है लेकिन मेरी बेटी से उसकी दूसरी शादी है। मेरे दामाद की जो पहली बीवी थी वह उनको छोड़कर भाग गई है। शादी करने का कारण यह भी था कि मेरे पति नहीं है घर में मैं और मेरी बेटी दोनों ही रहते हैं तो मुझे कैसा लड़का चाहिए था अपने बेटे के लिए जो घर जमाई बनकर रहें। मेरा अपना फ्लैट है मैं स्कूल में टीचर हूं अपनी बेटी के लिए एक अच्छा रिश्ता ढूंढते ढूंढते किसी ने बताया कि एक लड़का है जिसकी बीवी भाग गई है लड़का बहुत होनहार है अकेला रहता है लड़का का कोई और नहीं है अच्छा नौकरी करता है सरकारी नौकरी में है तो मुझे लगा कि इससे बढ़िया और कुछ नहीं हो सकता जिसका घर बार कोई नहीं हो सरकारी नौकरी हो मां बाप भी नहीं हो तो वह आराम से मेरे साथ और मेरी बेटी के साथ रहेगा।

चट मंगनी पट ब्याह वही हुआ मैंने अपनी बेटी का शादी विकास से कर दिया मेरे दामाद का नाम विकास है। विकास की उम्र 30 साल है मेरी उम्र 40 साल और मेरी बेटी उम्र 20 साल है 10 साल का हम छोटे बड़े हैं। मेरी जवानी भी अभी कम नहीं हुई है मैं हॉट और सेक्सी औरत हूं। सच पूछिए तो मेरी चूत किसी कमसिन लड़की से कम नहीं है पति को मरे हुए काफी साल हो गए इस वजह से मेरी चूत और मेरी चूचियां दोनों टाइट है। शादी होने के बाद मेरी बैटरी विकास के साथ काफी खुश रहने लगी। मैं भी काफी खुश रहने लगे मैं स्कूल जाती थी पढ़ा कर आती थी दो-तीन घंटे बाद मेरी बेटी भी काम पर से आ जाते थे और मेरा दामाद भी आ जाता था हम तीनों अच्छे से रहते थे।

गरमा गरम है ये  अपनी सगी माँ को घर में ही पटक के चोदा

धीरे-धीरे मेरा दामाद मेरे ऊपर डोरे डालने लगा वह मेरी चुचियों को निहारता मेरी गांड को निहारता मेरे होंठ को निहारता। और जब इंसान घर में रहता है तब बेपरवाह तो हो ही जाता है मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ जब मैं कभी अपने दामाद के सामने झुक जाती थी वह ऊपर से मेरी सूचियों को देखने लगता था जब मैं चलती थी तो वह पीछे से मेरी चूतड़ को निहारता था। पहले तो दो-चार दिन मुझे अच्छा नहीं लगा फिर मुझे उसका देखना उसका घूरना अच्छा लगने लगा। 1 दिन की बात है मेरी बेटी को अपने ऑफिस के काम से शहर से बाहर जाना था उस दिन मैं और मेरा दामाद ही घर पर था मेरी बेटी 3 दिन के लिए गई हुई थी।

शाम को मेरा दामाद खुद खाना बनाया और फिर विस्की की बोतल लाया मैं पहले से ही पीती थी। दामाद ने मुझे पिला दिया और मैं बहक गई हम दोनों ही एक दूसरे के करीब आ गए दामाद ने दारू पीकर मेरे कपड़े खोलें को दबाया मेरे को पिया और फिर मुझे बेडरूम में ले जाकर अपना मोटा लंड निकाल कर मेरे मुंह में डाल दिया था। दामाद का मोटा लंड मुंह में लेते हैं मेरी चूत से पानी निकलने लगा था। दामाद का लैंड 9 इंच का है और मैं जबरदस्त जवान औरत हूं मेरी चूचियां बड़ी बड़ी टाइट है और काफी टाइट है मैं अंतर्वासना में भर गई मैं अपने दामाद की लंड को अपने अंदर लेना चाहती थी।

दामाद मेरे जिस्म को टटोला उसने एक-एक अंग को छूकर मेरे वासना को भड़काया। जब मेरी वासना भड़क गई तो उसने फिर मेरी दोनों टांगों को अलग-अलग करके पहले मेरी चूत को खूब जाता उसके बाद अपना मोटा लंड मेरी चूत के छेद पर लगाकर जोर से घुस आया और जोर जोर से धक्के देने लगा। जब उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर जाता और बाहर आता था तो मेरा तन बदन में आग लग जाता था मैं अंगड़ाइयां लेने लगती थी खुद से अपनी चुचियों को पकड़कर मचलने लगती थी। मैं खुद ही अपने होंठ को अपने दांतो तले दबाकर अपनी चुचियों को पकड़कर दबा रही थी दमाद जी जोर जोर से धक्के दे देकर मुझे चोद रहे थे।

गरमा गरम है ये  दिवाली का गिफ्ट : बूर (चूत) में रसगुल्ला डाल के खिलाई मेरी पड़ोसन

मेरे अंतर्वासना भड़क गई थी क्योंकि मैं कई साल बाद चोद रही थी। जब एक जवान लड़का एक अपने से ज्यादा उम्र की औरत को चोदता है तो लड़के को भी अच्छा लगता है और उस औरत को भी अच्छा लगता है मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। फिर मैं घोड़ी बन गई पीछे से उसने अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर रखा मेरी दोनों चूतड़ को पकड़कर जोर से घुस आया और फिर जोर जोर से धक्के दे देकर अपना मोटा 9 इंच का लंड मेरी चूत के अंदर पेलने लगा। मेरी चूचियां फुटबॉल की तरह आगे पीछे हो रही थी पीछे से वह धक्के दे रहा था बीच-बीच में वह मेरी चूचियों को पकड़ कर मसल देता था और जोर जोर से धक्के दे रहा था।

फिर वह नीचे लेट गया मैं उसके ऊपर चढ़ गई उसका लंड पकड़ कर अपने चूत के छेद पर लगाकर में बैठ गई। जैसे ही उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर गया मैं तो और भी ज्यादा पागल हो गई मैं जोर-जोर से ऊपर नीचे होने लगी उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर जाता निकलता। आखिरकार मैंने अपने दामाद को पकड़कर अमेजन स्टाइल में चोदने लगी। मैं खुद अपनी गांड को आगे पीछे करके उसके मोटे लंड को अपने अंदर। बीच-बीच में मैं उसके ऊपर लेट जाती थी उसके होंठ को चूमने लगती थी। बहुत मजा आ रहा था हम दोनों को हम दोनों ने उसी समय एक कसम खाया कि हम दोनों रोजाना एक दूसरे का इज्जत करेंगे और जब बेटी घर में नहीं होगी तब हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताएंगे।

उस रात हम दोनों ने तीन से चार बार अपने जिस्म को शांत किया था। दूसरे दिन भी हम दोनों ने तीन से चार चार बार चुदाई की थी मेरी बेटी तीसरे दिन आ गई। दिन भर तो मैं इधर उधर ही रही जब शाम को आई थी मुझे अच्छा नहीं लगा मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी बेटी कुछ दिन और बाहर रहती तो और भी अच्छा लगता। शायद मेरी दामाद को भी यह बात अच्छा नहीं लगा। रात को सो गई थी वह थकी हुई थी। पर हैरानी तो तब हुई जब मेरा दामाद रात के 12:00 बजे मेरे कमरे में आ गया। तुरंत ही मेरे सलवार के नाड़े को खोलकर अलग किया। और दोनों टांगों को फैला कर मुझे जोर जोर से चोदने लगा कुछ ज्यादा ही जोर से मेरा पलंग भी आवाज कर रहा था और जैसे वह धक्के देता था मेरे मुंह से भी हाय हाय की आवाज निकल रही थी।

गरमा गरम है ये  बहन की करतूत एक भाई को चोदने के लिए मजबूर किया

मैं बार-बार अपने दामाद को बोल रहा था कि जोर जोर से मत छोड़ो धीरे धीरे चलो बेटी उठ जाएगी पर उसने नहीं माना 15 से 20 मिनट तक जबरदस्त तरीके से मुझे चोदा और सारा माल मेरी चूत के अंदर ही छोड़ कर तुरंत घर से बाहर जाकर अपने बीवी के साथ सो गया। अब रोजाना का यही हाल है दोस्तों पता नहीं चल रहा है कि मैं क्या करूं कहीं ऐसा ना हो कि मैं पकड़ी जाऊं शादी में ने अपनी बेटी के लिए की है ना खुद के लिए की है। मैं दूसरी कहानी जल्दी ही आपको antarvasna.live पर लिखने वाली हूं तब तक के लिए आप सभी से मैं विदा लेना चाहती हूं।

आप लोग मेरी दूसरी कहानी पढ़ने के लिए जरूर आइए इस वेबसाइट पर मैं भी रोजाना आती हूं। उम्मीद करती हूं आप जरूर आएंगे और मुझे निराश नहीं करेंगे आपको मेरा प्यार।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *