प्यारे देवर ने अपनी भाभी को मस्त चोदा

पढ़िए राजकोट की 24 साल की हाउसवाइफ प्रियल की कामुक हिंदी सेक्स स्टोरी, जिसे उसके हैंडसम देवर राहुल ने बहकाया। उनके निषिद्ध जुनून, तीव्र फोरप्ले, जंगली पोजीशन्स और गुप्त संबंधों का अनुभव करें इस इरॉटिक देवर-भाभी चुदाई कहानी में, जो आपको और अधिक की चाहत में छोड़ देगी।

हाय दोस्तो, मेरा नाम प्रियल है और मैं राजकोट, गुजरात की रहने वाली हूं। हमारे घर में हम चार लोग रहते हैं – मैं, मेरे हसबैंड, सास और ससुर। मेरी उमर 24 साल है, और मैं एक हाउसवाइफ हूं जो घर संभालती हूं। मैं कभी-कभी सेक्स स्टोरीज पढ़ती हूं, खासकर जब टाइम मिलता है या सेक्स का मूड बन जाता है। मेरे हसबैंड के साथ सेक्स लाइफ बहुत अच्छी है, वो मुझे पूरा सैटिस्फैक्शन देते हैं, लेकिन कभी-कभी जिंदगी में कुछ नया एक्सपीरियंस हो जाता है जो सब कुछ बदल देता है।

ये स्टोरी जनवरी की है। मेरे ससुर की बहन का लड़का, यानी मेरा देवर, जिसका नाम राहुल है, उसकी जॉब राजकोट में लग गई थी। वो कुछ महीनों के लिए हमारे घर पर रुकने आया। वो 22 साल का जवान लड़का था, हैंडसम और फिट बॉडी वाला। पहले तो सब नॉर्मल गुजरा, हम लोग हंसते-खेलते रहते थे, लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि हमारी जिंदगी में एक तूफान आ गया – एक सेक्सी तूफान जो हमें दोनों को मदहोश कर गया।

उस दिन मेरे हसबैंड को अचानक अहमदाबाद जाना पड़ा, रात को ही कुछ जरूरी काम से। अगले दिन सुबह मेरी जिंदगी में कयामत बनकर आई। मेरे हसबैंड को घर से एक फाइल में से कुछ नाम और मोबाइल नंबर चाहिए थे, जो मेरे कमरे में पड़ी थी। उन्होंने मेरा फोन ट्राई किया, लेकिन स्विच ऑफ बता रहा था। फिर उन्होंने राहुल के मोबाइल पर फोन किया और कहा, “जाकर प्रियल को बोलो कि मुझे फोन करे।” राहुल मेरे रूम का दरवाजा नॉक करके आया। मैं गहरी नींद में थी, आंखें मलते हुए दरवाजा खोला। जैसे ही दरवाजा खुला, राहुल मुझे देखता रह गया। मुझे तब पता चला कि मैं सिर्फ पिंक कलर की थिन नाइटी में उसके सामने खड़ी हूं, और अंदर ब्रा-पैंटी कुछ नहीं पहनी थी। मेरी नाइटी इतनी ट्रांसपेरेंट थी कि मेरे कर्व्स साफ नजर आ रहे थे – मेरे 34 इंच के बूब्स, 28 की कमर और 32 की हिप्स। वो मुझे 5 मिनट तक घूरता रहा, उसकी आंखों में हवस साफ झलक रही थी। फिर उसने हसबैंड का मैसेज दिया, और मैंने दरवाजा बंद कर लिया।

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सुबह चाय-नाश्ते के लिए नीचे आई तो दोपहर के खाने तक वो मुझे हवस भरी नजरों से देखता रहा। जैसे कोई शिकारी अपनी शिकार को घूर रहा हो। दोपहर का खाना खाकर सास-ससुर अपने कमरे में आराम करने चले गए। मैं ऊपर अपने कमरे में आई, जो फर्स्ट फ्लोर पर था, और सामने गेस्ट रूम में राहुल रहता था। जैसे ही मैंने अपना दरवाजा खोला, पीछे से आवाज आई, “भाभीजी, आज सुबह आपने मुझे घायल कर दिया।” मैंने पूछा, “क्यों, क्या हुआ?” वो बेशर्मी से बोला, “भाभीजी, आपका फिगर कमाल का है। मैंने जिंदगी में आपके जैसा सेक्सी फिगर वाली लड़की नहीं देखी। क्या माल लग रही थीं आप!” मैंने सिर्फ स्माइल दी और कमरे में चली गई। लेकिन उसके शब्द मेरे दिमाग में घूमने लगे। धीरे-धीरे मुझे सेक्स का नशा चढ़ने लगा। मैं बेड पर लेटी, अपने बूब्स को दबाने लगी, निप्पल्स को मसलने लगी। मेरी चूत गीली होने लगी, मैंने उंगली अंदर डाली और जोर-जोर से रगड़ने लगी। आह… क्या मजा आ रहा था। सॉरी दोस्तो, मैं अपना फिगर बताना भूल गई – 34-28-32, जो कोई भी देखे, अपना लंड निकालकर मेरी चूत में डालने को बेताब हो जाए।

तभी बाहर से कुछ आवाज आई। मैंने कपड़े ठीक किए और दरवाजा खोला। थोड़ी दूर राहुल खड़ा था, सेक्सी स्माइल दे रहा था, और एक हाथ अपने लंड पर रखा हुआ था, जो पैंट में तंबू बना रहा था। मैं कमरे में आई, लेकिन 10 मिनट बाद नीचे कुछ काम से गई। ऊपर आई तो बेड पर एक लेटर था – “आप बहुत सेक्सी हो, भाभी। मैंने अभी की-होल से आपकी सारी हरकतें देखीं।” मैं समझ गई, अब ये देवर मुझे चोदे बिना नहीं मानेगा। मुझे भी सेक्स का नशा चढ़ा था, चूत में आग लगी थी। शाम को सास-ससुर मंदिर गए, घर में सिर्फ हम दोनों थे। मैं किचन में रसोई की तैयारी कर रही थी। 5 मिनट बाद राहुल आया, पानी पीने के बहाने। वो जानबूझकर मुझे छूने की कोशिश करता, कभी कमर पर हाथ, कभी कंधे पर। बोला, “भाभी, आपकी कुछ हेल्प कर दूं?” मैंने मस्ती से कहा, “जब हेल्प करनी थी तब नहीं की, अब क्या करोगे?” वो समझ गया कि लाइन क्लियर है। अचानक पीछे से मुझे पकड़ लिया, गर्दन पर किस करने लगा। वो मेरा सबसे सेंसिटिव पॉइंट था। मैं एक्साइट हो गई, अपनी गांड उसके लंड से रगड़ने लगी। हम दोनों पागल हो गए थे। तभी डोरबेल बजी, धोबी था। वो गया, मैंने दरवाजा बंद किया, और फिर राहुल ने मुझे किस करना शुरू कर दिया। हमारे होंठ एक-दूसरे को काट रहे थे, जीभ अंदर-बाहर हो रही थी।

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5 मिनट तक हम किचन में ही किस करते रहे, लेकिन मैंने कहा, “देवरजी, थोड़ा वेट करो। ये भाभी आज से तुम्हारी है, आराम से सब मिलेगा। रात को…” फिर मैं रसोई में बिजी हो गई, वो टीवी देखने लगा। रात को सबने खाना खाया, सास-ससुर नीचे अपने कमरे में सोने चले गए। मैं ऊपर आई, दरवाजा खुला रखा, और राहुल को इशारा कर दिया। मैं बाथरूम में नहाने गई। बाहर निकली तो राहुल बेड पर लेटा था, भूखे शेर की तरह। मैंने स्काई ब्लू नाइटी पहनी थी, ब्लैक ब्रा-पैंटी के साथ – मेरा फेवरेट कलर। वो मुझे देखकर पागल हो गया, कसकर पकड़ लिया, पूरे शरीर को चूमने लगा। 20 मिनट तक हम किस करते रहे, होंठ, गर्दन, कान – सब जगह। हम दोनों गर्म हो चुके थे, सांसें तेज, दिल की धड़कनें रुकने वाली।

फिर उसने मुझे बेड पर लिटाया, ऊपर आकर चूमने लगा। मैंने उसका टी-शर्ट निकाला, उसकी चेस्ट पर किस की, हल्के-हल्के बाइट किए। वो मेरे बूब्स को नाइटी के ऊपर से जोर-जोर से दबा रहा था। “आह… आह्ह्ह्ह… देवरजी…” कमरा हमारी सेक्सी आवाजों से भर गया। उसने नाइटी उतारी, पूरे बदन को चाटने लगा, जैसे कोई पागल। ब्रा खोली, मेरे पिंक निप्पल्स देखकर बोला, “भाभी, आई लव यू… कितने सेक्सी हैं ये।” मुंह में लेकर चूसने लगा, काटने लगा। मैं “आह्ह्ह्ह… हाहाहा… आई लव यू टू…” चिल्ला रही थी। फिर वो नीचे उतरा, पैंटी के ऊपर से चूत पर किस किया। पैंटी उतारी, मैं उसके सामने पूरी नंगी। “भाभी, ऐसी चूत कभी नहीं देखी,” कहकर मुंह लगाया, जीभ से चाटने लगा। मैं गांड उछाल-उछालकर उसके मुंह में धक्के दे रही थी, जैसे चोद रही हूं। फिर मैंने उसका बरमूडा और चड्ढी उतारी। उसका लंड देखा – बाप रे, 8 इंच का मोटा, काला, तना हुआ। मैं डर गई, लेकिन पागल भी हो गई। उससे खेलने लगी, सहलाने लगी। वो मेरी चूत चाटता रहा। बोला, “भाभी, मुंह में लो।” मैंने मना किया, “मुझे पसंद नहीं।” लेकिन उसने फोर्स किया, तो एक बार किस किया। फिर वो चाटता रहा, 10 मिनट में मैं झड़ गई, सारा पानी उसके मुंह में।

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अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। “देवरजी, टेबल के नीचे कंडोम है, पहन लो।” उसने पहना, लंड चूत पर रखा, एक धक्का मारा – आधा अंदर, मैं चीख पड़ी। वो रुका, किस करने लगा। दर्द कम हुआ, दूसरे धक्के में पूरा 8 इंच अंदर। आंसू निकल आए, लेकिन वो निप्पल्स चूसता रहा, किस करता। फिर धीरे-धीरे धक्के देने लगा। अब मजा आने लगा, मैं गांड ऊपर करके साथ दे रही थी। 20 मिनट बाद हम दोनों साथ झड़े, नंगे लेटे रहे। फिर मैंने किस किया, लंड सहलाया, वो फिर टाइट हो गया। वो मुझे किस करने लगा, होंठ, नेक, पूरे बदन चाटा। मैं फिर गर्म हो गई।



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उसने पूछा, “भाभी, कौन सी पोजिशन में सबसे ज्यादा मजा आता है?” मैंने कहा, “बैठ जाओ।” वो बैठा, मैं उसकी गोद में लंड पर बैठ गई। हम जोर-जोर से चोदने लगे, फच्छ-फच्छ की आवाजें गूंज रही थीं। 15 मिनट बाद मैंने कसकर पकड़ा, वो समझ गया, स्पीड बढ़ाई। “आह्ह्ह्ह… आह्ह्ह्ह… देवरजी!” हम फिर साथ झड़े। संतुष्ट होकर लेटे, किस किया। “थैंक यू, देवरजी, इतना सैटिस्फैक्शन दिया।” घड़ी देखी, 12 बज चुके थे। वो बोला, “पूरी रात करना है।” मैंने कहा, “अब ये भाभी तुम्हारी है, जब मन हो चोद लेना।” हम नंगे सो गए।

सुबह 5 बजे नींद टूटी, उसका लंड देखकर फिर नशा चढ़ा। हमने फिर सेक्स किया। उसने डॉगी स्टाइल में चोदा – पीछे से लंड डाला, गांड पकड़कर जोर-जोर से धक्के। मेरे हसबैंड ने कभी ऐसा नहीं किया। क्या मजा आया! 6 बजे तक दो बार और किया। फिर वो अपने कमरे में सो गया, मैं तैयार होकर नीचे आई। 10 बजे हसबैंड आ गए। अब जब भी टाइम मिलता है, हम जमकर चुदाई करते हैं – कभी किचन में क्विकी, कभी बाथरूम में।

दोस्तो, कैसी लगी स्टोरी? मुझे मेल करो, खासकर राजकोट वाले। अगली स्टोरी जल्द लाऊंगी।

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