मेरे जिस्म की प्यास बुझाई मेरे बेटे ने

निशा, एक 39 साल की कोलकाता की हाउसवाइफ, अपनी और अपने 21 साल के बेटे दीपू के बीच की सच्ची और अंतरंग कहानी शेयर करती है। जानें कैसे उनकी चाहतों ने एक नया रिश्ता बनाया।

हाय, मैं निशा, 39 साल की एक टिपिकल इंडियन हाउसवाइफ, कोलकाता से। ये मेरी और मेरे बेटे दीपू के बीच की सच्ची कहानी है, जो मेरे जिंदगी का एक ऐसा सच है जिसने मुझे हर रात एक नया सुकून दिया। मेरे पास एक मिडिल क्लास फैमिली है, मेरा हसबैंड एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता है, और मेरा एकलौता बेटा दीपू, जो अब 21 साल का है, बी.एससी. की पढ़ाई कर रहा है और घर पर ही रहता है।

ये कहानी मेरे पहले अनुभव की आगे की बात है। जब मैं टीनएज में थी, मेरी शादी हो गई थी, और एक साल बाद मैंने दीपू को जन्म दिया। दीपू अब जवान हो चुका है, एक हैंडसम और वेल-बिल्ट लड़का। मेरा हसबैंड भी मीडियम साइज का आदमी है, लेकिन हमारा सेक्स लाइफ सिर्फ उसके मूड पर डिपेंड करता था। मेरी चाहतें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थीं, और मैं अकेले में मास्टरबेशन करने लगी थी, पर वो मुझे संतुष्टि नहीं दे पा रहा था।

मेरी प्यास और दीपू का आकर्षण

मेरी प्यास अब बेकाबू होने लगी थी। मैं एक टिपिकल इंडियन औरत थी, इसलिए अपनी इच्छाओं को दबाती रही, लेकिन फिर मुझे ख्याल आया कि मेरा दीपू अब बड़ा हो गया है। कई बार मैंने नोटिस किया कि जब मैं कपड़े चेंज करती थी, वो मुझे घूरता था। उसकी नजरों में एक अलग सी चमक थी, जो मेरे बदन को जैसे नाप रही हो।

मेरे हसबैंड की शिफ्ट ड्यूटी होती थी। एक हफ्ता वो दिन में काम करते, एक हफ्ता रात में, और एक हफ्ता दोपहर को जाकर रात 1 बजे लौटते। मेरी हालत सेक्स की प्यास से खराब होती जा रही थी। मैंने सोच लिया कि अब मैं अपने बेटे को ही अपना राजा बनाऊंगी। वो मेरी हर बात मानता था, और मैंने प्लान बनाना शुरू कर दिया।

वो रात जब सब बदला

जब मेरे हसबैंड की नाइट शिफ्ट शुरू हुई, मुझे मौका मिल गया। नाइट शिफ्ट के दौरान दीपू मेरे पास सोता था। मैं पहले सोने का नाटक करती थी, और दीपू बाद में आकर मेरे बगल में लेटता था। उस रात मैंने जानबूझकर अपनी साड़ी को थोड़ा ऊपर कर लिया था, अपनी टांगें फैलाकर सोई थी, और अपने ब्लाउज के दो बटन खोल दिए थे।

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रात 11:30 बजे दीपू आया। वो मुझे घूर-घूरकर देखने लगा। मैं मन ही मन खुश हो रही थी। वो धीरे से बेड पर बैठ गया और मेरी तरफ देखने लगा, जैसे चेक कर रहा हो कि मैं सोई हूं या नहीं। मैं तो नाटक कर रही थी, तो उसने सोचा कि मैं गहरी नींद में हूं। उसने धीरे से मेरे पल्लू को मेरे सीने से हटाया और मेरे आधे खुले ब्लाउज के गैप से मेरे बूब्स को टच किया।

मैं मन ही मन खुशी से पागल हो रही थी। मेरा बेटा मेरे जिस्म को पसंद कर रहा था। फिर वो नीचे गया और मेरी साड़ी के गैप से टॉर्च मारकर मेरी चूत को देखने लगा। 2-3 मिनट बाद उसने धीरे से मेरी साड़ी और पेटीकोट को मेरी कमर तक उठाया। उसे मेरी हेयरी चूत का दीदार हो गया। वो तो जैसे पागल हो गया। उसने मेरी चूत को सूंघा और हल्का सा किस किया।

मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। मुझे शर्म भी आ रही थी कि मेरा बेटा मेरी चूत को देख रहा है, लेकिन मैंने नाटक जारी रखा। मैंने अपनी टांगें और थोड़ा फैला दीं। इस बार वो मेरी दोनों टांगों के बीच लेट गया और मेरी चूत को हल्के-हल्के चाटने लगा। मेरे दिल की धड़कन और तेज हो गई, लेकिन मैं उसे और उकसाना चाहती थी, इसलिए चुप रही।

वो मेरी चूत को चाटता रहा, और मैं शर्म से पानी-पानी हो गई। फिर वो मेरे पास आया और मेरे ब्लाउज के बाकी बटन खोल दिए। मेरे नंगे बूब्स उसके सामने थे, जैसे उसे वेलकम कर रहे हों। उसने धीरे से मेरे एक बूब को दबाना शुरू किया। मेरे 36 साइज के बूब्स को वो चूसने लगा। मुझे इतना अच्छा लग रहा था कि मेरी सारी प्यास बुझने वाली थी।

वो पल जब मैं जागी

अचानक मैं उठ गई और पूछा, “दीपू, ये क्या कर रहा है?” वो डर के मारे कुछ बोल नहीं पाया। मैंने उसे पास बुलाया और पूछा, “ये तू क्या कर रहा था?” वो डरते हुए बोला, “कुछ नहीं मां।” मैंने कहा, “तुझे अच्छा लग रहा है ना ये?” वो बोला, “मुझे नहीं पता, मुझे कुछ-कुछ हो रहा है।”

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मैं समझ गई कि मेरा बेटा अब मेरी चूत का प्यासा हो चुका है। मैं मन ही मन खुश हो गई कि आज मैं अपनी प्यास मिटा लूंगी। मैंने कहा, “अपनी मां को प्यार करेगा बेटा?”

दीपू: “मैं तो आपको बहुत प्यार करता हूं मां।”
मैं: “तो अपने कपड़े उतार दे।”

उसने अपने कपड़े उतार दिए। मैं उसे देखकर हैरान हो गई। उसका लंड 8 इंच का था, और पूरी तरह खड़ा था। मैंने कहा, “दीपू, मेरे कपड़े भी उतार दे।” उसने मेरे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों पूरी तरह नंगे थे।

मैंने पूछा, “दीपू, अब तू क्या करना चाहता है, बोल?”
वो बोला, “मैं आपको आज की रात अपनी बीवी बनाऊंगा।”

मैं तो सुनकर हैरान हो गई, लेकिन मुझे यकीन हो गया कि मेरा बेटा अब मेरा मर्द बन चुका है। मैंने कहा, “बीवी बनाकर क्या करेगा मुझे?”
वो बोला, “आपके जिस्म को मैं प्यार करूंगा।”

मैं अब रुकने वाली नहीं थी। मैंने तुरंत कहा, “मुझे अपनी बाहों में ले लो बेटा।” उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरे बालों को पीछे से सहलाने लगा। वो बोला, “मां, मैं तुमसे प्यार करता हूं। मुझे अपना पति बना लो। मैं तुम्हें पूरी रात जिस्म का मजा दूंगा।”

मैंने कहा, “अब मैं तेरी हूं बेटा। मेरे जिस्म का मजा लूट ले और मुझे भी मजा दे।”

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वो रात जो कभी न भूले

वो मेरे बूब्स को जोर-जोर से दबाने लगा और चूसने लगा। मैं पागल सी होने लगी। मेरे अंदर की सारी भूख जाग गई थी। मैं उसकी बाहों में खुद को रगड़ने लगी। वो 10 मिनट तक मेरे दोनों बूब्स को जोर-जोर से चूसता रहा। फिर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चूत को चाटने लगा। 15 मिनट तक उसने मेरी पूरी चूत को चाट-चाटकर मेरा सारा पानी पी लिया।



मैंने कहा, “बेटा, अब रहा नहीं जाता। जल्दी से तेरा लंड मेरी चूत में डाल दे।” उसने मेरी दोनों टांगें फैलाईं और मेरी कमर को पकड़कर धीरे से अपना लंड मेरे अंदर घुसाया। मेरे हसबैंड का लंड 6 इंच का था, लेकिन 8 इंच का लंड मुझे दर्द देने लगा। फिर भी वो अपना लंड आगे-पीछे करने लगा।

2-3 धक्कों में उसने पूरा लंड मेरे अंदर डाल दिया। मुझे बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन मजा भी आ रहा था। मैं जोर-जोर से चिल्लाने लगी और दीपू का साथ देने लगी। पूरे कमरे मेंपचक-पचककी आवाज गूंजने लगी। मेरी मोअनिंग और हमारे जिस्म के रस की खुशबू हमें और नशीला बना रही थी।

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अचानक दीपू ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी। मुझे और मजा आने लगा। मैं भी उसका साथ देने के लिए अपनी कमर को जोर-जोर से हिलाने लगी। करीब 25 मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। हम एक-दूसरे के ऊपर सांप की तरह लिपटे रहे और होंठों को चूमते रहे। 15 मिनट तक हम ऐसे ही पड़े रहे। दीपू का लंड अभी भी मेरी चूत के अंदर था।

20 मिनट बाद हमारी प्यास फिर जाग गई। हम पागलों की तरह एक-दूसरे पर टूट पड़े। कभी वो मेरे ऊपर, कभी मैं उसके ऊपर। उस रात हमने 4 बार अपने जिस्म का मिलन किया। सुबह 5 बजे हमने अपने-अपने कपड़े पहने और सो गए।

हमारा प्यार और नया रिश्ता

उस रात के बाद जब भी मेरे हसबैंड ड्यूटी पर जाते, दीपू मुझे नंगा करके चोदता। कभी दिन में, कभी शाम को, घर के हर कोने में जहां मन करता, हम शुरू हो जाते। उस रात के बाद मैंने अपने बेटे से अपने घर में शादी कर ली। हमने अपना हनीमून मनाया। अब मैं प्रेग्नेंट हूं। मेरे हसबैंड को लगता है कि ये हमारा बच्चा है, लेकिन उन्हें नहीं पता कि ये दीपू का बच्चा है।

मैं अपने दीपू से बहुत प्यार करती हूं, और वो भी मुझे बहुत प्यार करता है। वो मेरे जिस्म का ख्याल रखता है, क्योंकि मैं उसके बच्चे को जन्म देने वाली हूं। ये कोई कहानी नहीं, मेरी जिंदगी का सच है।

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