शादी के बाद भी मेरी बहन चुदी नहीं मैंने चुदाई का सुख दिया

Bahan Bhai Sex – दोस्तों को प्यार भरा नमस्कार, मेरी बहन की अगले सप्ताह ही शादी हुयी है और कुछ ऐसा रश्म है की दीदी को पांच दिन के अंदर ही वापस आना पड़ा, फिर वो दो दिन बाद चली जाएगी. इस दो दिनों में क्या हुआ ये मैं आपको आज बताने बाल हु, कैसे मैंने दो दिनों तक अपनी शादी शुदा बहन की चुदाई की और ज़िंदगी का मज़ा लिया,

मैं कानपूर देहात का रहने बाल हु, शहर के बगल में ही एक छोटा सा कस्वा है, मेरी बहन की शादी, लखनऊ में हुआ है, जीजा जी स्कूल में टीचर है, इस वजह से मेरी दीदी की शादी उनसे हो गयी अन्यथा दीदी काफी अच्छी और सुडोल शरीर की लड़की है, भरा पूरा शरीर है और आप कह सकते है की रूप की रानी है नाम है राशि और मेरा नाम कमल मेरी दीदी २२ साल की है और मैं २१ साल का हु, अब आगे की कहानी विस्तार से सुनाता हु.

मैं अपने दीदी को पहले से ही लाइक करता था, और कई बार मैंने उनके जिस्म को सहलाया और चुचिया भी दबाया ये सब बात हो सकता है की दीदी को लगता था की ये सब गलती से हो गया होगा पर आज मैं आपसे कह रहा हु, मैं जान कर इस तरह की कामीणपंथी करता था, क्यों की मैं अपने बहन को चोदना चाहता था पर वो साली चुदने को तैयार ही नहीं होती थी, मैं बस मुठ मार कर ही काम चला लेता था, पर आज मेरा सपना हकीकत में बदल गया.

आज ही मेरी दीदी ससुराल से वापस आई थी, जैसा की मैंने कहा अगले सप्ताह ही मेरी बहन की शादी हुई थी पर रस्म के चलते ही उसे पांच दिन में वापस आना पड़ा, उस दिन मेरे गाँव का ट्रांसफार्मर खराब हो गया था इस वजह से लाइट नहीं थी, ज्यादा गर्मी होने की वजह से मैं छत पर खाना खाके लेता हुआ मैं मोबाइल से गाने सुन रहा था, और उसी दिन माँ और पापा दोनों बनारस पूजा करने गए थे क्यों की उनका मन्नत था, घर में मैं और मेरी बहन थी, कुछ देर बाद मेरी बहन छत पे आयी, उसकी पायल की आवाज सुनकर मैंने कहा दीदी आप भी छत पर ही सोओगे क्या?

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दीदी बोली हां कमल निचे बहुत ही गर्मी है, दीदी की काफी अच्छा डिओड्रेंट लगाई हुयी थी, और उनका चेहरा काफी खिला खिला लग रहा था जैसे नयी नवेली दुल्हन का लगता है, लाल लाल सूट में काफी सेक्सी लग रही थी, वो आकर मेरे बेड पर ही बैठ गयी, फिर मैंने पूछा दीदी क्या हाल है, कैसे लगे जीजाजी और आपका ससुराल, सुनते है काफी पैसे बाल है, घर में किसी चीज़ की कमी नहीं है, वो चुप हो गयी .

मैंने पूछा क्या बात है दीदी आप कुछ बोल नहीं रहे हो सब ठीक ठाक है ना? दीदी सिसकने लगी, मैं लेटा था उठकर बैठ गया, दीदी और रोने लगी मैंने हाथ पकड़ लिया छत पर अन्धेरा था, और मैंने कहा में आपका भाई और दोस्त दोनों हु अगर कोई प्रॉब्लम है तो मुझे बताओ मैं इसका समाधान करने की कोशिश करूंगा,

दीदी बोली की कमल क्या बताऊ तुझे तुम्हारे जीजाजी नामर्द है, उन्होंने मुझे छुआ तक नहीं, मेरी तो ज़िंदगी खराब हो गयी है, क्या करू समझ में नहीं आ रहा था मैं ये बात माँ पापा को भी नहीं बता सकता, मैं ये बात तुम्हे बता रही हु, और रोने लगी और मेरे गले से चिपक गयी, मैंने उसे हौसला दिया और कहा की कोई बात नहीं, मैं उनका इलाज करवाऊंगा,

तो वो बोलने लगी कोई फायदा नहीं डॉक्टर ने कह दिया की उनका प्राइवेट पार्ट का नस ही नहीं हो, वो खड़ा नहीं हो सकता. वो काफी रो रही ही मैंने उसे धाडस बांधते हुए ना रोने की कसम दी फिर वो चुप हुई, वो बोली मैं आ रही हु कमल निचे से बिछावन लेकर मैं भी यही सो जाऊँगी तो मैंने कहा क्यों दीदी इसी बेड पे सो जाओ, वो मान गयी और हम दोनों एक ही बिछावन पे सो गए.

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बात करते करते रात के करीब ११ बज गए था, धीरे धीरे हम दोनों करीब आ गए थे उनका एक पैर मेरे पैर के ऊपर था और बात चिट चल रही थी, फिर वो मेरे साइड घूम के सो गयी तो उनकी दोनों चुचिया मेरे में सट रहा था, मैं उसके पीठ को सहला रहा था उका ब्रेसियर का आकार और उभार को मैं महसूस कर रहा था, मैं उनके गदराये पीठ को सहलाते हुए मैं बात कर रहा था तभी वो बोली कमल क्या मैं एक बात कह सकती हु अगर तुम मेरी कसम खाओ की किसी से शेयर नहीं करोगे मैंने कहा नहीं दीदी बोलो मैं तुम्हारी कसम खता हु,

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ये राज राज ही रहेगा, दीदी बोली “क्या तुम मुझे सेक्स का आनंद दे सकते हु” मैंने कहा क्यों नहीं दीदी मैं आपसे पहले ही कह चुका हु आपके लिए कुछ भी करूंगा आप चिंता ना करो. मैंने उनको किश करना शुरू किया वो भी मुझे चूमने लगी फिर वो मेरे लुंगी के अंदर हाथ डालकर मेरा लंड पकड़ ली और सोटने लगी, मैं उस उस उस आह आह आह करने लगा फिर मैंने दीदी के कपडे उतार दिए वो बोलने लगी चोद दे कमल मुझे चोद दे, मैं तुम्हारी ही होकर रह जाऊँगी, शादी शुदा होकर भी कुंवारी हु अभी तक मेरा सील नहीं टूटा है तू तोड़ दे, मैं चुद जाना चाहती हु, और वो मुझे कस के पकड़ ली और बोलने लगी जो करना है कर लो, मैं नहीं रोकूंगी.

मैंने दीदी के छूट को चाटने लगा वो कामुक होने लगी और उनके कांख का डिओड्रेंट की खुसबू मुझे मदहोश कर ताहि थी, मैंने फिर उनके चूच को दबाने लगा और फिर निप्पल दो दांत से दबाने लगा वो बोलने लगी फाड़ दे मेरे बूर को, मुझे कुंवारी से औरत बना दो, तुम ही मेरा रात रंगीन कर दो.

फिर मैंने अपना लंड निकाल के दीदी के चुत के ऊपर रख कर दीदी कहने लगी चोद मुझे, मेरा लंड उनके चुत को सलाम कर रहा था मैंने अपने लंड पे थोड़ा थूक लगाया और कस के धक्का मारा तो मेरा लंड का सुपारा ही अंदर गया मेरी दीदी चीख उठी और कहने लगी निकालो निकालो मैंने बिना देर किया दुसरा धक्का लगाया वो छटपटा गयी और सिसकिया लेने लगी और आँख में आंसू आ गयी मेरा लंड करीब ४ इंच अंदर चला गया था, वो कहने लगी निकालो मैं मर जाऊँगी मेरे से दर्द बर्दास्त नहीं हो रहा है, तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है,

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मैं सह नहीं पाऊँगी, फिर मैंने हल्का हल्का अंदर बाहर करने लगा, तब उनका थोड़ा दर्द काम हुआ और वो भी सहयोग करने लगी और करीब ५ मिनट के बाद वो काफी गरम और वाइल्ड हो गयी, वो अपना कमर उठा उठा के चुदवाने लगी, और कह रही थी डाल कस के डाल, और गांड उठा उठा के पूरा का पूरा लंड अपने बूर में समा रही थी, आखिर कार मेरा वीर्य उनकी बूर में समा गया और वो भी शांत हो गयी सिर्फ उनके मुह से उह्ह्न उह्ह्ह्न उह्ह्ह्ह्न की आवाज़ आ रही थी और मैं भी अचेत होकर लेट गया,

फिर करीब १० मिनट बाद वो उठी और कपडे पहनते हुए बोली कमल बिछावन पे खून लगा हुआ है, सुबह ही मैं इसे धो दूंगी, मैं डर गया खून!!! वो बोली पगला डरने की बात नहीं है मेरा सील टूटा है ना इस्सवजह से खून निकला है. तब मैं खुश हो गया और उस रात को मैंने ३ बार चोदा और एक बार गांड मारा, दूसरे दिन सुबह माँ पापा आ गए और फिर वो अपने ससुराल चली गयी, मैं १० दिन बाद उनके यहाँ जाने बाला हु फिर मैं वह की चुदाई की कहानी आपके साथ शेयर करूंगा.

आपने antarvasna.live में अभी-अभी हॉट कहानी आनंद लिया लिया आनंद जारी रखने के लिए अगली कहानी पढ़े..
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