मै मेरी ननद और मेरे ससुरजी-1

आप लोगो ने मेरी पिछली कहानी को पढ़ के मज़ा लिया मुझे मेल भी आये मेरे कुछ दोस्त मुझसे मिलना चाहते है पर उनको मै सॉरी बोलना चाहती हूँ मुझे ज्यादा टाइम नही मिल पाता है जो थोडा बहुत फ्री टाइम मिल रहा उसमे मै आप लोगो के लिए कहनिया लिख देती बात उन दिनो की है जब मेरे देवर की शादी थी. मेरी शादी के कोई 2 साल बाद मेरे देवर की शादी हो गई थी.मैं ज़यादा लंबी बातचीत ना करके सीधा स्टोरी पे आती हूँ. बात शादी वाली रात की है मैं ओर मेरी बड़ी ननद रुचिता दोनो मेरे रूम मैं बैठे हुए थे टाइम था कोई रात के 12 बजे के करीब हम दोनो गप्पे मार रहे थे. घर के सभी लोग ओर मेहमान सो चुके थे.मेरी आपनी इस ननद के साथ बहुत बनती थी वो मुझसे आपनी हर बात खुल के कर लेती थी ओर मैं भी आपनी हर बात उसे खुल के बता देती थी लेकिन मैने अपने नाजाएज संबंधों के बारे मैं उसे कभी नही बताया था. हम दोनो यू ही आपस मैं बाते कर रहे थे कि अक्चानक वो बोली भाभी….
रुचिता- भाभी आज तो गगन की मौज हो जाएगी
मैं – वो कैसे
रुचिता – आज उसकी सुहाग रात जो है
मैं – वो तो है ही
रुचिता – आप की सुहाग रात कैसी थी भाभी
मैं – चलिए दीदी ऐसी बातें नही करते
रुचिता – इसमे शरम की क्या बात है भाभी ये तो सब के साथ होता है
मैं – अब मैं क्या बताउ तुझे
रुचिता – ये ही कि भैया ने आप के साथ क्या क्या किया था
मैं – बहुत गंदी बातें करती हो आप
रुचिता – इस्मै गंदी बात क्या है भैया ने जो आप के साथ किया होगा वो
ही मेरे साथ मेरे पति करते हैं ओर आज हमारा गगन भी करेगा है
ना.
मैं – दीदी आप भी ना बस
रुचिता _ अच्छा एक बात बताओ भाभी अगर कहो तो पूछ लू
मैं – कहिए अगर मैं ना भी कहूँगी तो भी आप पूछ ही लेंगी
रुचिता – हमारे जतिन का कितने इंच का होगा
मैं – क्या पूछ रही हैं आप दीदी
रुचिता – अरे भाभी मैं लंड की बात कर रही हूँ
मैं – अब मुझे क्या पता दीदी
रुचिता – मैने सोचा कि श्ययाद आप ने कभी देख लिया हो को कि देवर
भाभी मैं बहुत प्यार है ना
मैं – दीदी आप कैसी बातें करती हैं मैं एक दम सकपका गई थी
रुचिता – अरे मैं तो मज़ाक कर रही थी
मैं – दीदी आप भी ना बस
रुचिता – मैं तो सोच रही थी कि आज नई भाभी खूब चीखेगी.भाभी
एक बात बताओ कि भैया के लंड का साइज़ क्या है
मैं – दीदी आप क्या बातें कर रही हो
रुचिता – अरे जब मैं आप से हर बात कर लेती हूँ तो शरमाती क्यू हो भाभी
मैं – ओके बाबा बोलो
रुचिता – भाभी भैया के लंड का साइज़ क्या है
मैं – 7इंच लंबा ओर 3इंच मोटा होगा
रुचिता – फिर तो गगन का भी इतना ही साइज़ होगा
मैं – मुझे क्या पता पर आप कैसे कह सकती हैं ( एक बार को तो
मेरा मन किया के कह दू कि अरे पगली वो तो 8 इंच का है ओर मैने तो
उसका स्वाद बहुत ही ज़यादा चखा है) लेकिन मैं चुप रही
रुचिता – क्या सोचने लगी
मैं – कुछ भी नही
रुचिता – एक भाई का भी दूसरे के बराबर ही होगा थोड़ा बहुत बड़ा या
छोटा हो सकता है
मैं – आप कैसे कह सकती हैं
रुचिता – बस यू ही अंदाज़ा लगा रही हूँ
मैं – मैने सोचा शायद आप ने देखा हो
रुचिता – भाभी सुधर जाओ
मैं – ये बताओ आप के पति का किस साइज़ का है
रुचिता – 9 इंच लंबा ओर 3.5 इंच मोटा
मैं – हाई मैं मर गई
रुचिता – क्या हुआ
मैं – अरे मेरी तो ये 7इंच वाला ही जान निकाल देता है तुम 9इंच का
कैसे लेती होगी
रुचिता – पहले पहले डर लगता था भाभी अभी तो कोई डर नही लगता
अभी तो बहुत मज़ा आता है जितना बड़ा लंड उतना ही ज़यादा माजा आता है
मैं – वो कैसे
रुचिता – क्यो कि ज़यादा बड़ा लंड ज़यादा अंदर तक जा के पूरी तसल्ली
करा देता है | दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
मैं – तो क्या किसी का इससे भी बड़ा हो सकता है
रुचिता – हो सकता नही भाभी है ओर मैने देखा भी है
मैं – किसका है ओर तूने कब देख लिया दीदी ये क्या चक्कर है क्या किसी
ओर पे भी मेहरबान हो आप
रुचिता – अरे नही भाभी वो तो अपने घर मैं ही देखा है
मैं – (उतावली हो कर) किसका देखा है घर पे तुमने इतना बड़ा
रुचिता – बाबू जी का
मैं – बाबू जी का
रुचिता – हाँ भाभी बाबू जी का
मैं – तुमने कब देखा है क्या तूने बाबू जी के साथ ये सब किया है
रुचिता – अरे नही भाभी सिरफ़ देखा ही है
मैं – कब ओर कितना बड़ा है
रुचिता – क्या बात है बड़ी उतावली हो रही हो क्या तुम्हे भी देखना है
मैं – (सकपका गई) अरे मैं तो यू ही पूछ रही थी
रुचिता – 11इंच लंबा ओर 4इंच मोटा है
मैं – हाई माआ
रुचिता – सच मैं भाभी
मैं – लेकिन तुम ने कब देख लिया
रुचिता – मेरी शादी के 2 दिन पहले की बात है मोम ओर बाबूजी आपने रूम मैं थे मैं रात को बाथरूम के लिए उठी तो मैने उनके रूम से कुछ आवाज़े आती सुनी जब मैं पास गई तो समझ गई कि ये आवाज़े क्यो आ रही है क्यो कि उस वक़्त बाबूजी मोम को गरम कर रहे थे उनकी चूत चाट रहे थे ओर वो सिसकियाँ भर रही थी मेरे से रहा नही गया ओर मैने के होल मैं आँखे लगा दी और अंदर का नज़ारा देख कर दंग रह गई क्यो कि मैने नोट किया कि बाबूजी का लंड 11 इंच लंबा ओर 4 इंच मोटा होगा जिसे मोम चूस रही थी ओर बाबूजी कह रहे थे कि डार्लिंग आज रात जी भर के देदो फिर तो रुचिता की शादी मैं बिज़ी हो जाएँगे फिर तो कितने दिन टाइम भी नही लगेगा ओर हम तरसते रहेंगे ओर फिर बाबूजी ने मोम को जी भर के चोदा ये नज़ारा मैने नेक्स्ट डे भी देखा ओर मेरे मन मैं भी पूरी आग लगी हुई थी जो फिर दो दिन बाद तुम्हारे जीजा जी ने बुझाई.  दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
मैं – दीदी क्या सस्च मैं बाबूजी का इतना बड़ा है या मज़ाक कर रही हो रुचिता – मुझ पे यकीन नही है तो खुद देख लो
मैं – दीदी आप बड़ी खराब हैं (लेकिन मन ही मन मे मैं बाबूजी का लंड देखने को तरस रही थी क्यो की रुचिता के मुख से उसका वर्णन सुन के मेरे मन मैं उसे देखने ओर पाने की चाहत बढ़ गई थी ओर मैने निश्चय कर लिया था कि किसी भी कीमत पे उसे हासिल कर के ही दम लूँगी) रुचिता – इस मैं खराब वाली क्या बात है अच्छा ये बताओ तुम्हारा दिल नही करता कि तुम्हे ओर बड़ा लंड मिले….

कहानी जारी है ….. आगे की कहानी पढने के लिए part- 2 hain

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