दोस्तों आज एक मजेदार कहानी पेश कर रहा हु वैसे तो मै ढेर सारी कहानिया लिख चूका हु पर आज कुछ अलग ही कहानी लिख रहा हु आशा है की ये कहानी भी आप लोगो को जरुर पसंद आएगी |
दीपक वर्मा ने अपना आईडी और पासवर्ड डाला लोग इन किया. अनुष्का ऑनलाइन थी. वादे के मुताबिक वो उनका इंतेज़ार कर रही थी. लोग इन करते ही फ़ौरन उसकी मेसेज विंडो अपने आप खुल गयी. उसका असली नाम अनुष्का था.
अनुष्का – है. आइ वाज़ वेटिंग फॉर यू.
दीपक – सॉरी थोड़ा लेट हो गया. एक क्लाइंट बैठा हुआ था, जाने का नाम ही नही ले रहा था.
अनुष्का – नही कोई बात. ज़्यादा वेट नही करना पड़ा. मैं भी बस अभी ऑनलाइन आई ही थी.
दीपक – आपने अपना वादा पूरा किया.
अनुष्का – कैसी ना करती, आपने इतने प्यार से आने के कहा था.
दीपक – वैसे एक बात बताऊं आपको?
अनुष्का – बताइए
दीपक – जिस दिन मुझे पता होता है के आज आपसे बात होने वाली है, सुबह से ही मेरा लंड खड़ा रहता है.
अनुष्का – लोल …. तो घर में एक चूत है तो, घुसा दिया कीजिए.
दीपक – मेरी बीवी? उससे बेहतर तो ये है के मैं बाथरूम में जाकर हिला लूँ
अनुष्का – तो क्या ऐसा किया?
दीपक – मतलब?
अनुष्का – हिलाया?
दीपक – हां हिलाया ना. सुबह से 3 बार मूठ मार चुका हूँ
अनुष्का – हिलाते हुए क्या सोच रहे थे?
दीपक – यही के हक़ीकत में आपको चोदुन्गा तो कैसा फील होगा.
अनुष्का – डोंट वरी. जल्दी पता चल जाएगा. वैसे डर नही लगता तुम्हें?
दीपक – किस बात का?
अनुष्का – यू नेवेर नो. हो सकता है के मैं कोई पागल किस्म की सीरियल किल्लर टाइप लड़की निकलूं. या हो सकता है के मुझे कोई एड्स टाइप बीमारी हो?
दीपक = यआ राइट. लोल
दीपक वर्मा एक बड़ी कंपनी में काफ़ी अच्छी पोस्ट पर था. बड़ा सा घर, बड़ी सी गाड़ी, 2 बच्चे और शादी शुदा ज़िंदगी से परेशान. उसकी शादी 22 साल की उमर में ही करा दी गयी थी. ऐसा नही के वो हमेशा से अपनी शादी से परेशान रहा था. उसकी बीवी एक पढ़ी लिखी, बहुत सुंदर और एक अमीर घराने की लड़की ती. शुरू शुरू में दोनो में सेक्स भी बहुत था. कई सालों तक दीपक अपनी बीवी को हर रात चोद कर ही सोता था और सुबह होते ही सबसे पहला काम होता था बीवी पर चढ़ जाना. पर बच्चे होने के बाद धीरे धीरे उसकी बीवी सेक्स के मामले में जैसे बुझती चली गयी. रोज़ रात होने वाला सेक्स अब वीक्ली बेसिस पर होने लगा था और उसमें भी उसे लगता था के किसी सेक्स डॉल को चोद रहा है. पहले कई साल तक उसने अपनी बीवी में फिर से वही चिंगारी पैदा करने की कोशिश की पर जब नाकाम रहा तो फ्रस्टरेट होने लगा. किसी रंडी के पास जाना उसके उसूल के सख़्त खिलफ़्फ़ था इसलिए सेक्षुयल फ्रस्ट्रेशन धीरे धीरे बढ़ने लगी.
और इसी फ्रस्ट्रेशन में उसने इंटरनेट का सहारा लिया. पॉर्न साइट्स पर जाना, पॉर्न वीडियोस देखना, चॅटरूम में जाकर किसी लड़की को ढूँढना और उससे गंदी गंदी बातें करना, उसकी सेक्स लाइफ यहीं तक सिमट गयी थी.
और एक दिन ऐसे ही एक चॅट रूम में उसको अनुष्का मिली. उसका असली नाम अनुष्का था. और उसके बाद फिर जैसे बातों का सिलसिला चल निकला. वो दोनो टाइम फिक्स करके ऑनलाइन आते और एक दूसरे से चॅट करते. पहले दोनो सिर्फ़ साइबर सेक्स और रॉलीप्लेस को लेकर ही बात करते थे पर फिर धीरे बातें सेक्स से हटकर भी होने लगी.
और यही वो टाइम था जब अनुष्का ने उसको सजेस्ट किया था के उन दोनो को मिलना चाहिए और जिस तरह से वो ऑनलाइन सेक्स करते हैं, वैसे ही हक़ीक़त में भी करना चाहिए.
दीपक – मिलने का प्लान पक्का है ना वैसे?
अनुष्का – हां. होटेल में रूम बुक किया तुमने?
दीपक – हां कर लिया. सॅटर्डे आंड सनडे
अनुष्का – अवेसम
दीपक – ब्लॅक ब्रा आंड पॅंटी?
अनुष्का – हां खरीद ली. जैसी तुमने कही थी बिल्कुल वैसी.
दीपक – मेरा तो सोच कर ही खड़ा हो रहा है
अनुष्का – मैं ठंडा कर दूं?
दीपक – करो
ये उन दोनो का हमेशा का रुटीन था. दोनो सेक्स में कोई रोलेपले करते और इस तरफ दीपक अपना लंड हिलाता और जैसा के अनुष्का ने उसको बताया था, वो भी दूसरी तरफ अपनी चूत में अंगुली करती थी. दीपक ने कई बार उसपर ज़ोर डाला था के वो दोनो एक दूसरे को देख कर ये काम करें पर अनुष्का हमेशा मना कर देती थी. उसके हिसाब से एक दूसरे को नंगा उन्हें तभी देखना चाहिए जब वो मिले.
अनुष्का – आइ कॅंट बिलीव के कुच्छ दिन बाद ही तुम मुझे नंगी देखोगे
दीपक – देखूँगा नही जानेमन, बहुत कुच्छ करूँगा
अनुष्का – क्या क्या करोगे?
दीपक – तुम्हें बिस्तर पर रागडूंगा
अनुष्का – ऐसे नही, शुरू से बताओ. इमॅजिन करो के मैं बस अभी कमरे में आई ही हूँ
दीपक – जैसी ही तुम कमरे में आई, मैने कमरे का दरवाज़ा बंद किया
अनुष्का – और मैं आगे बढ़कर तुमसे लिपट गयी.
दीपक – मुझसे इंतेज़ार नही हो रहा था इसलिए बिना कुच्छ कहे मैं अपने होंठ तुम्हारे होंठों पर रख दिए और एक हाथ से तुम्हारी चूची पकड़ ली
अनुष्का – कौन सी? राइट या लेफ्ट?
दीपक – राइट
अनुष्का – आआहह जान. ज़ोर से दबाओ.
दीपक – मैने तुम्हारे होंठों को चूस्ते हुए तुम्हें दीवार के साथ लगा दिया और नीचे दोनो हाथों से तुम्हारी चूचियाँ दबा रहा हूँ
अनुष्का – लंड को भी चूत पर रागडो ना
दीपक – मैं अब अपना लंड कपड़ो के उपेर से ही तुम्हारी चूत पर रगड़ रहा हूँ
अनुष्का – मैने अब अपना एक हाथ नीचे ले जाकर तुम्हारे लंड को सहलाना शुरू कर दिया.
दीपक – चूसोगी नही?
अनुष्का – चुसुन्गि पर पहले तुम मुझे नंगी तो करो.
दीपक – अब मैं तुम्हें धीरे चूमता हुआ धीरे धीरे बिस्तर की ओर ले जा रहा हूँ. बिस्तर के पास ले जाकर मैने तुम्हें बिस्तर पर धक्का देकर गिरा दिया.
अनुष्का – अब चढ़ जाओ मेरे उपेर. एक रंडी की तरह चोदो मुझे.
दीपक – वैसे जब हम रियल में मिलेंगे, सबसे पहले क्या बनकर चुद्वओगि? माइ लवर या एक रंडी?
अनुष्का – रंडी. सबसे पहले मुझे एक रंडी समझकर चोदना. ऐसा चोदना की मैं रो पडू.
दीपक – चिंता मत कर मेरी जान. तेरी चूत में लंड घुसाके निकालूँगा नही. ऐसे धक्के लगाऊँगा के यू विल क्राइ, बोथ इन पेन आंड प्लेषर
अनुष्का – विल यू लिक्क माइ चूत?
दीपक को चूत पर मुँह लगाना बिल्कील पसंद नही था. सोचकर ही उल्टी आती थी. एक ये काम उसने बिस्तर पर कभी नही किया था.
दीपक – ऑफ कोर्स. आइ विल लिक्क उर चूत, रब इट, टीज़ इट, प्ले वित इट
अनुष्का – पर पहली बार में गांड मारने की कोई कोशिश मत करना प्लीज़. आइ नो हाउ मच यू वन्त इट पर पहली बार में नही
दीपक – अंगुली भी नही?
अनुष्का – नही प्लीज़. गांड में कुच्छ मत डालना.
दीपक – ओके
अनुष्का – अच्छा डिड यू गेट दा रोप्स?
दीपक – हां आइ डिड
अनुष्का – कूल. मेरा बड़ा दिल है के मैं तुम्हें बिस्तर से बाँध दूं ताकि तुम हिल भी ना सको और फिर मैं तुम्हारे उपेर चढ़ु.
दीपक – और?
अनुष्का – और फिर मैं तुम्हारे होंठों को चूमूं, जब तक मेरा दिल चाहे
दीपक – और?
अनुष्का – और फिर मैं तुम्हारे गले को चूमते हुए नीचे आऊँ, तुम्हारी चूची पर किस करूँ, फिर तुम्हारे निपल्स को धीरे से काटु.
दीपक – फिर?
अनुष्का – फिर धीरे धीरे नीचे आऊँ और तुम्हारे पूरे लंड को अपनी जीब से चाटना शुरू कर दूं.
दीपक – ओह्ह्ह्ह गॉड …. सोचकर ही कितना मज़ा आ रहा है
अनुष्का – इमॅजिन करो … और तुम बँधे हुए होंगे और हिल भी नही पाओगे और मैं तुम्हारा लंड चूसुन्गि और तुम कुच्छ भी नही कर पाओगे |
दीपक – आइ नो
अनुष्का – थ्ट्स माइ फॅवुरेट पार्ट आक्च्युयली. मेरा बड़ा मंन है. तुम्हें बिस्तर से बाँध दूँगी, फिर तुम्हारी आँखों पर भी एक पट्टी बाँध दूँगी और फिर अपना खेल खेलूँगी.
उस दिन सुबह दीपक उठा तो किसी बच्चे की तरह खुश था. आज वो अनुष्का से मिलने जा रहा था, पूरे वीकेंड के लिए यानी के अगले दो दिन तक वो अनुष्का को जी भरकर चोदने वाला था. घर पर उसने अपनी बीवी को कह दिया था के वो बिज़्नेस मीटिंग के लिए जा रहा है पर शायद ना भी बताता तो कुच्छ बिगड़ने वाला नही था. हमेशा की तरह वो सुबह से ही अपनी दोस्तों के साथ कोई चॅरिटी फंक्षन प्लान करने में बिज़ी थी.
इतना एग्ज़ाइटेड वो तब था जब उसकी शादी हो रही थी या शादी के पहले कुच्छ दिनो में जब उसको पता था के घर जाकर वो अपनी बीवी की चूत मारेगा. ये सोच सोच कर ही के थोड़ी देर बाद उसका लंड एक चूत में होगा, उसके दिल की धड़कन तेज़ होने लगती थी. लंड इस तरह खड़ा हो जाता था के पेंट में च्छुपाना मुश्किल हो जाता था.
यही हाल उसका आज भी था. सुबह से उसका लंड तना खड़ा था. दिमाग़ में सिर्फ़ यही चल रहा था के थोड़ी देर बाद वो एक कमरे में वासना का हर गंदा खेल खेलने वाला है. वो सब करने वाला है जो वो करना तो चाहता था पर कभी बीवी के साथ कर ना सका. जी भरकर चुदाई के दौरान गालियाँ देगा, अनुष्का को जिस नाम से चाहे बुलाएगा, जिस पोज़िशन में चाहे चोदेगा, जब तक चाहे चोदेगा. अनुष्का ने उसे वादा किया था के 2 दिन तक वो दोनो होटेल के रूम में नंगे ही रहेंगे, बिल्कुल कपड़े नही पहनेंगे. दीपक की एक फॅंटेसी थी और वो थी के वो किसी लड़की के साथ नंगा बैठ कर खाना खाए, जब वो और लड़की दोनो डाइनिंग टेबल पर नंगे बैठे हों और खाना खा रहे हों. बीवी से ऐसी फरमाइश वो कभी कर नही सका पर जब अनुष्का से कहा, तो वो फ़ौरन मान गयी. “आज उनसे पहली मुलाक़ात होगी, फिर आमने सामने बात होगी” वो दिल ही दिल में गुनगुना रहा था “अर्रे बात नही, चुदाई होगी” दिल ही दिल में सोचकर वो हंस पड़ा. अनुष्का से बात करते उसको 6 महीने से ज़्यादा हो गये थे. वो औरत जैसे उसका दिमाग़ पढ़ती थी, जैसे उसको जानती थी. पहले दीपक डरता था के कहीं ये कोई लड़का तो नही जो मज़ाक कर रहा हो क्यूंकी वो कभी भी खुद को दिखाती नही थी पर फिर धीरे धीरे उसको यकीन हो गया था के वो एक औरत ही थी. पहले दोनो ऑनलाइन आते, साइबर सेक्स करते और दीपक मूठ मार लेता पर फिर धीरे धीरे अनुष्का ने बात को सेक्स से घुमाना शुरू कर दिया था. बातें फिर सेक्स से हटकर उन दोनो के बारे में होती थी के उन्हें बिस्तर पर क्या पसंद है, क्या नही, सेक्स किस तरह का चाहिए और दीपक को हैरानी होती थी के वो जो कहता, अनुष्का उसी को अपनी भी पसंद बताती. हर गंदी से गंदी ख्वाइश के लिए उसने यही कहा के अगर वो कभी मिले, तो दीपक उसके साथ ऐसा कर सकता है. फिर बातें सेक्स से हटकर उन दोनो की पर्सनल ज़िंदगी की तरफ आ गयी. बातों बातों में अनुष्का दीपक के बारे में थोड़ा बहुत जान गयी थी पर वो उस औरत के बारे में कुच्छ नही जानता था. कौन थी, कहाँ रहती थी, क्या करती थी, कुच्छ भी तो नही. “जैसा के उसने कहा था, वो कोई सीरियल किल्लर भी हो सकती है” उसने दिल ही दी में सोचा और उस बात पर हँस पड़ा. “ऑल राइट बेटा” उसने अपनी बेटी का सर चूमा “आइ विल सी यू ऑन मंडे” बीवी किसी चॅरिटी वर्क में बिज़ी थी और दीपक उसके घर आने से पहले ही निकल लेना चाहता था.
कोई 3 घंटे बाद उसकी कार एक होटेल की लॉबी में आकर रुकी. वो कार से उतरा और पहले सीधा वॉशरूम में गया. अपने आपको शीशे में देखा, एक डियो अपने उपेर च्चिड़का, माउत फ्रेशनेर अपने मुँह में स्प्रे किया और बार में पहुँचा.
जैसा की उन दोनो ने डिसाइड किया था, वो टेबल 7 पर बैठी थी. अनुष्का की पीठ दीपक की तरफ थी पर वो बता सकता था के उसने ब्लॅक कलर की सारी पहेन रखी थी. ये दीपक की एक फॅंटेसी थी के औरत ब्लॅक सारी, ब्लॅक ब्लाउस, ब्लॅक पेटिकट, ब्लॅक ब्रा, और ब्लॅक पॅंटी में हो. वो चाहता था के वो कोई कपड़े ना उतारे, बस औरत को झुकाए, फिर ब्लॅक ब्रा और ब्लॅक पेटिकट उपेर उठाए, ब्लॅक पॅंटी नीचे सरकाए और अपना लंड पिछे से चूत में डाल दे. आगे से उस औरत के ब्लॅक ब्लाउस के बटन खुले हों, चूचियाँ ब्लॅक ब्रा से बाहर लटक रही हो. ये थी उसकी ब्लॅक फॅंटेसी और जब उसने अनुष्का से इस बारे में बात की, तो वो फ़ौरन मान गयी. और आज वादे के मुताबिक वो ब्लॅक कपड़ो में ही आई थी. उसके पास कोई बॅग नही था पर दीपक गेस कर रहा था के बॅग ऑलरेडी रूम में जा चुका होगा क्यूंकी रूम बुक्ड था और वो नंबर जानती थी | दीपक ने भी होटेल आकर अपना समान बेल-बॉय के हाथ रूम में भेज दिया था और खुद बार में आ गया था. वो खुद भी एक ब्लॅक सूट में था. ब्लॅक कोट, ब्लॅक वेस्ट, ब्लू शर्ट, और बॅक ट्राउज़र. ट्राउज़र के अंदर उसने अनुष्का की फरमाइश पर पहेन रखी थी एक पिंक कलर की पॅंटी. चलता हुआ वो अनुष्का के पिछे पहुँचा और उसके कंधे पर हाथ रखा. “अनुष्का?” उसने कहा आवाज़ पर औरत पलटी और उठकर सीधी खड़ी हुई. और अगले ही पल दोनो के चेरे सफेद पड़ते चले गये. “तुम?” दोनो के मुँह से एक साथ निकला.दीपक के सामने ब्लॅक सारी में उसकी अपनी बीवी स्नेहा खड़ी थी. तो दोस्तो आपने देखा कभी कभी ऐसा भी होता है ये दोनो भी उन्मुक्त सेक्स के दीवाने थे लेकिन कभी एक दूसरे से कह नही पाए इसी का नतीजा था की आज एक दूसरे से नज़रे चुरा रहे थे |