मेरी गर्लफ्रेंड शिवांगी की कुंवारी बुर

पढ़िए विनीत और शिवांगी की कामुक प्रेम कहानी, जहां प्यार और वासना का तूफान एक हसीन रात में मिलता है। यह हॉट सेक्स स्टोरी आपको रोमांचित कर देगी।

हाय दोस्तों, मैं गौरव एक बार फिर हाजिर हूँ अपनी नई कहानी लेकर। मेरी पिछली कहानियों पर मुझे ज्यादा रिस्पॉन्स नहीं मिला, लेकिन इस बार मैं चाहता हूँ कि अगर आपको मेरी कहानी पसंद आए तो जरूर ईमेल करें, और अगर ना पसंद आए तो भी ईमेल करके सुझाव दें। तो बिना ज्यादा वक्त लिए, चलिए कहानी की सैर पर चलते हैं।

इस कहानी की हीरोइन है शिवांगी (काल्पनिक नाम), उम्र करीब 20 साल, और उसका फिगर 32-26-34। आप खुद ही सोच सकते हैं कि उसकी गोल-मटोल, रसीली गांड कितनी कातिलाना होगी। और हीरो है विनीत (काल्पनिक नाम), 21 साल का जवान इंजीनियरिंग थर्ड ईयर का स्टूडेंट, हाइट करीब 6 फीट, एथलेटिक बॉडी, और उसका लंड 6 इंच का, जो किसी को भी मदहोश करने के लिए काफी है।

दोनों का अफेयर इंजीनियरिंग के सेकंड ईयर में शुरू हुआ था। उनका प्यार इतना गहरा था कि मानो एक के बिना दूसरा अधूरा हो। कॉलेज हो, मार्केट हो, या फिर मॉल, दोनों को हर जगह साथ-साथ देखा जा सकता था। उनकी केमिस्ट्री ऐसी थी कि लोग जल-भुन जाते थे।

वो रात, वो जुनून

बात उन दिनों की है जब पांचवें सेमेस्टर के एग्जाम खत्म हुए थे। ज्यादातर स्टूडेंट्स अपने घर जा चुके थे या जाने वाले थे। विनीत और शिवांगी को भी अपने-अपने घर जाना था, क्योंकि दोनों अलग-अलग शहरों से भोपाल पढ़ने आए थे। चूंकि इंजीनियरिंग कॉलेज की सेमेस्टर ब्रेक लंबी होती है, दोनों बहुत उदास थे। अगले एक महीने तक उनके मिलने का कोई चांस नहीं था।

विनीत के सारे रूममेट्स अपने घर जा चुके थे, और उसकी ट्रेन अगले दिन थी। उसने मौका देखकर शिवांगी को चुपके से अपने फ्लैट पर बुला लिया, ताकि दोनों कुछ प्यार भरे पल बिता सकें। शिवांगी ने अपने हॉस्टल से ये कहकर निकल गई कि उसकी ट्रेन रात को है, जबकि उसकी ट्रेन अगले दिन सुबह थी। सज-धज कर, पूरी तरह तैयार होकर वो विनीत के फ्लैट पर पहुंच गई।

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विनीत को उसका आना सरप्राइज था, क्योंकि फोन पर उसने अकेले में मिलने से मना कर दिया था। उसे देखते ही विनीत की आंखें चमक उठीं। दोनों ने एक-दूसरे को इतनी जोर से गले लगाया कि मानो दुनिया की सारी दूरियां मिट गईं। थोड़ी देर प्यार-मोहब्बत की बातें हुईं, फिर दोनों ने साथ में डिनर किया। दिसंबर की ठंड थी, और रात का माहौल और भी हसीन हो चला था।

कामवासना का तूफान

दोनों एक ही बेड पर बैठे थे, एक ही कम्बल में पैर डाले बातें कर रहे थे। धीरे-धीरे विनीत ने शिवांगी के पैरों को अपने पैरों से सहलाना शुरू किया। उसका ये टच शिवांगी के जिस्म में बिजली-सी दौड़ा रहा था। उनकी बातें भी प्यार से हटकर सेक्सी टॉपिक्स की ओर बढ़ने लगीं। दोनों के जिस्म में कामवासना का बुखार चढ़ रहा था।

अचानक विनीत ने शिवांगी को अपनी बाहों में कस लिया। शिवांगी अपनी सांसें रोककर उसके सीने से चिपक गई। दोनों की सांसें गर्म हो चुकी थीं। विनीत ने शिवांगी को kiss करना शुरू किया—पहले माथे पर, फिर पलकों पर, और फिर धीरे-धीरे नीचे की ओर। शिवांगी को लग रहा था कि ये सब गलत है, लेकिन उसकी कामवासना उसे रोकने नहीं दे रही थी।

विनीत ने धीरे से अपना हाथ शिवांगी की चूचियों पर रख दिया। शिवांगी की सांस मानो रुक गई। पहली बार किसी ने उसकी चूचियों को छुआ था। विनीत ने उसकी चूचियों को सहलाना शुरू किया, और शिवांगी उसके बालों में उंगलियां फिराने लगी। अब विनीत का जोश और बढ़ गया, उसका लंड पैंट में तनकर सलामी देने लगा।

विनीत ने शिवांगी की चूचियों को सलवार-कमीज के ऊपर से ही चूमना शुरू कर दिया। शिवांगी उसका पूरा साथ दे रही थी। फिर उसने धीरे से शिवांगी की कमीज़ ऊपर की, और शिवांगी ने भी उसका साथ दिया। कमीज़ ऊपर उठते ही उसकी पिंक ब्रा में कैद 32 साइज़ की चूचियां नजर आईं, जो किसी हुस्न की मूरत की तरह चमक रही थीं।

विनीत से रहा नहीं गया। उसने ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को चाटना शुरू कर दिया। फिर उसने कमीज़ पूरी तरह उतार दी और ब्रा का हुक भी खोल दिया। अब शिवांगी कमर के ऊपर पूरी नंगी थी। कमरे में जल रही नीली लाइट आग में घी डाल रही थी। विनीत ने शिवांगी की चूचियों को एक-एक करके चूसना शुरू किया। शिवांगी अब भी उसके बालों को सहला रही थी, उसकी सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं।

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और फिर, वो पल

विनीत अचानक उठा और अपने सारे कपड़े उतार दिए। उसका 6 इंच का लंड 90 डिग्री पर खड़ा था, मानो शिवांगी को सलामी दे रहा हो। उसने शिवांगी से उसे चूसने को कहा। शिवांगी ने आज्ञाकारी गर्लफ्रेंड की तरह उसके लंड को हाथ में लिया, लेकिन जैसे ही उसने उसे मुंह में डाला, उसे उल्टी सी महसूस हुई और उसने लंड बाहर निकाल लिया। विनीत ने लाख समझाया, लेकिन शिवांगी ने सिर्फ एक-दो बार उसे चूमा और बस।

अब विनीत ने शिवांगी की सलवार भी खोल दी। उसकी मक्खन-सी मुलायम जांघें देखकर विनीत का जोश और बढ़ गया। वो उसकी जांघों को सहलाने और चूमने लगा। शिवांगी की काम भावनाएं अपने चरम पर थीं, वो “ह्ह्ह… स्स्स…” की आवाजें निकाल रही थी। विनीत ने उसकी जांघों को चाटते हुए उसकी पैंटी तक पहुंच गया। अब सिर्फ पैंटी ही विनीत की जीभ और शिवांगी की बुर के बीच थी।

शिवांगी ने उसकी मदद की और अपनी पैंटी भी उतार दी। अब उसके जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं था। उसकी बुर घनी झाड़ियों से घिरी थी, जिसके कारण विनीत उसे चूस नहीं पाया। फिर उसने शिवांगी को लेटने को कहा और उसकी गांड के नीचे तकिया लगा दिया, ताकि उसकी बुर थोड़ी ऊपर आए।

विनीत ने हेयर ऑयल लिया और शिवांगी की बुर पर लगाया। फिर उसने अपनी एक उंगली उसकी टाइट बुर में डाल दी। शिवांगी की बुर इतनी टाइट थी कि मानो उसने पहले कभी उंगली भी नहीं की हो। फिर विनीत ने दो उंगलियां डालीं और उसकी बुर को उंगलियों से चोदने लगा। शिवांगी “ह्ह्हम्म… आह्ह…” की आवाजें निकाल रही थी।

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वो आखिरी कदम



अब बारी थी असली खेल की। विनीत ने अपने लंड को शिवांगी की बुर से सटाया और हल्का-सा धक्का दिया। शिवांगी उछल पड़ी। उसकी बुर में आज तक उंगली भी नहीं गई थी, और अब इतना मोटा लंड लेना था। विनीत ने एक जोरदार धक्का मारा, और शिवांगी “आह्ह… मर गई!” चीख पड़ी। विनीत ने जल्दी से अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए, ताकि आवाज बाहर न जाए।

एक और जोरदार धक्के के साथ उसका पूरा लंड शिवांगी की कुंवारी बुर में समा गया। शिवांगी की बुर से खून की धार बह निकली। कुछ देर दोनों ऐसे ही पड़े रहे। फिर विनीत ने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए। अब शिवांगी को भी मजा आने लगा था। वो “आह्ह… और चोदो… ह्ह्ह…” की आवाजें निकाल रही थी।

करीब 10 मिनट तक धक्के मारने के बाद विनीत झड़ गया। उसने अपना सारा माल शिवांगी की बुर में ही डाल दिया। इस बीच शिवांगी भी तीन बार झड़ चुकी थी। दोनों थककर एक-दूसरे से लिपट गए। फिर दोनों साथ में बाथरूम गए, नहाए, और अपने जिस्म को साफ किया। शिवांगी की बुर चुदाई की वजह से लाल हो गई थी।

वो आखिरी रात

नहाने के बाद दोनों नंगे ही बेड पर लेट गए और एक-दूसरे की बाहों में सो गए। सुबह जब शिवांगी उठी, तो उसकी आंखों में एक अलग-सी चमक थी। वो रात उनकी जिंदगी की सबसे हसीन रात थी।

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